RE: non veg kahani नंदोई के साथ
मेरी कमर अपने आप उनकी जीभ को अधिक और अधिक अंदर लेने के लिए ऊपर उठने लगी। मैं उत्तेजना में अपने हाथों से दूसरे का मुँह अपने स्तनों पर दबाने लगी। तीसरे ने झुक कर मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और मेरे मुँह के अंदर अपनी जीभ डालकर उसे पूरे मुँह में घुमाने लगा।
अचानक मेरे बदन में एक अजीब से थरथराहट हुई और मेरी योनि में कुछ बहता हुआ मैंने महसूस किया। ये था। मेरा पहला वीर्यपत जो किसी का लण्ड अंदर गये बिना ही हो गया था। मैं निढाल हो गई।
मगर कुछ ही देर में उनकी हरकतों से वापस गर्म होने लगी। तबतक राज मेरे होंठों को छोड़कर उठ खड़ा हुआ। वो अपने कपड़े खोलकर पूरी तरह नग्न हो गया था। मैं एकटक उसके टनटनाए हुए लिंग को देख रही थी। उसने मेरे सिर को हाथों से थामा और अपना लिंग मेरे होंठों से सटा दिया।
“मुँह खोल..." उन्होंने कहा।
न्न्णंह...” मुँह को जोर से बंद किए हुए मैंने इनकार में सिर हिलाया।
अभी ये साली मुँह नहीं खोल रही है। इसका इलाज कर..” राज ने मेरी योनि से सटे हुए आदमी से कहा।
उसने मेरी क्लाइटारिस को दाँतों के बीच दबाकर काट दिया।
मैं “आआआआ” करके चीख उठी और उसका मोटा तगड़ा लिंग मेरे मुँह में समाता चला गया। मेरे मुँह से “गून गूओं” जैसी आवाजें निकल रही थी। मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार किसी का लिंग अपने मुँह में लिया था। मैं किसी के लिंग को मुँह में लेना गंदी चीज मनती थी क्योंकी वहाँ से मर्द पेशाब भी करते हैं। लेकिन उनके बीच हँसी मैं अशहाय सा महसूस कर रही थी।
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उसके लिंग से अजीब तरह की स्मेल आ रही थी, सड़े हुए पेशाब जैसी। मुझे जोर से उबकाई आई और मैं उसके लिंग को अपने मुँह से निकल देना चाहती थी मगर राज मेरे सिर को सख्ती से अपने लिंग पर दबाए हुए था।
अब उसके लिंग का टेस्ट उतना बुरा नहीं लग रहा था। जब मैं थोड़ी शांत हुई तो उसका लिंग मेरे मुँह के अंदरबाहर होने लगा। मैं धीरे-धीरे सामान्य होने लगी। आधा लिंग बाहर निकालकर फिर से तेजी से अंदर कर देता था। लिंग गले तक पहुँच जाता था। इसी तरह कुछ देर तक मेरे मुँह को चोदता रहा तब तक बाकी दोनों भी। नग्न हो चुके थे।
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