RE: non veg kahani नंदोई के साथ
अरे यार ये तो पूरा सालिड माल है। बिल्कुल अनछुई। अभी तक इसकी सील नहीं टूटी। इसे ठोंकने में तो मजा ही आ जाएगा..." उन लोगों की आँखों में भूख कुछ और बढ़ गई। मेरी पैंटी को छः हाथों ने फाड़कर टुकड़े टुकड़े कर दिए। मैं अब बिल्कुल निर्वस्त्र उनके बीच लेटी हुई थी। मैंने भी अब अपने हथियार डाल दिए थे।
"देख हम तो तुझे चोदेंगे जरूर। अगर तू भी हमारी मदद करती है तो तुझे भी खूब मजा आएगा और यह घटना जिंदगी भर याद रहेगी। लेकिन अगर तू हाथ पैर मारती रही तो हम तेरे साथ बुरी तरह से बलात्कार करेंगे।
सुबह तक तू बिस्तर से उठने लायक भी नहीं रहेगी। जिसे भी तू सारी उम्र नहीं भूलेगी। अब बोल तू हमारे खेल में शामिल होगी या नहीं...”
मैंने मुँह से कुछ कहा नहीं मगर अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया। इससे उनको पता लग गया की अब मैं उनका विरोध नहीं करूँगी।
तीनों खुश हो गये। उन्होंने मेरे मुँह से कपड़ा हटा दिया। मैं कुछ देर तक गहरी गहरी सांसें लेती रही।
प्लीज भैया मैं कुँवारी हूँ..” मैंने एक आखिरी कोशिश की।
हर लड़की कुछ दिन तक कुँवारी रहती है। अब चल उठ..” राज ने कहा- “अगर तू राजी खुशी करवा लेती है तो दर्द कम होगा और अगर हमें जोर जबरदस्ती करनी पड़े तो नुकसान तेरा ही होगा...”
अब चल उठकर खड़ी हो जा। देखें तो सही कितना सालिड माल हाथ आया है...”
मैं रोते हुए उठकर खड़ी हो गई।
हाँथों को अपने सिर पर रखो..
.” मैंने वैसा ही किया।
टाँगों को चौड़ी करो...” दूसरे ने कहा।
मैंने वैसा ही किया। मेरा पूरा नग्न बदन अब उनके सामने था। बेपर्दा। तीनों अपने होंठों पर जीभ फिरा रहे थे।
अब पीछे गुमो.” मैं पीछे घूम गई। मेरे नितंबों को देखकर उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगी।
उन्होंने मेरे नग्न शरीर को हर आंगल से देखा। फिर तीनों उठकर मेरे बदन से जोंक की तारह चिपक गये। मेरे अंगों को तरह तरह से मसलने लगे। मुझे खींचकर बिस्तर पर लिटा दिया और मेरी टाँगों को चौड़ा करके लिटा दिया। एक ने मेरी योने से अपने होंठ चिपका दिया। दूसरा मेरे स्तनों को बुरी तरह से चूस रहा था और मसल रहा था। मेरे कुंवारे बदन में आनंदपूर्ण सिहरन दौड़ने लगी। मेरा विरोध पूरी तरह समाप्त हो चुका था। मैं म्म्म्म म आ ऊवू” कर सिसकारियां लेने लगी।
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