RE: non veg kahani नंदोई के साथ
अपने मकसद में कामयाब ना होता देख वो चुपचाप बैठ गये। उसके बाद उन्होंने किसी तरह की हरकत नहीं की मगर मुझे उनकी नियत का आभास हो गया था। वो मुझ पर कैसी गंदी नजर रखते हैं मुझे पता चल गया था। हम चुपचाप पिक्चर देखकर घर आए। पता नहीं मेरी धमकी की वजह से या किसी और कारण से उन्होंने काफी दिन तक अपनी ओर से कोई हरकत नहीं की। जब भी हम आमने सामने होते वो कतरा कर निकल जाते। मैंने भी उस घटना का जिक्र किसी से करना उचित नहीं समझा।
वो बात आई गई हो गई। अब अगली घटना के बारे में बताती हैं। बात उस समय की है जब शादी को सिर्फ बीस दिन बाकी थे।
अक्सर रेशमा दीदी मुझे अपने घर गहना या साड़ी पसंद करने बुला लेती थी। साड़ी परचेसिंग मेरी पसंद से हो रही थी इसलिए मैं तो इंतेजार ही करती रहती थी उनके फोन का। इस बार भी उन्होंने फोन कर कहा- “बन्नो । कल शाम को घर आ जा दोनों जेवरातों का आर्डर देने चलेंगे और शाम को कहीं खाना वाना खाकर देर रात तक घर लौटेंगे। बता देना अपनी मम्मी से की कल तू हमारे यहां रात को रुकेगी। सुबह नहा धोकर ही वापस । भेजूंगी...”
जी आप ही मम्मी को बता दो ना...” मैंने फोन मम्मी को पकड़ा दिया। उन्होंने मम्मी को कनविंस कर लिया।
अगले दिन शाम को 6:00 बजे तैयार होकर अपनी होने वाली ननद के घर को निकली। खूब गहरा मेकप कर रखा था। सरदियों के दिन थे इसलिए अंधेरा जल्दी छाने लगा था। मैं करोलबाग स्थित उनके घर पर पहुँची। गेट
पर दरवान ने मुझे देखकर एक रहस्मयी मुश्कुराहट अपने चेहरे पर बिखेरी।
दीदी ने बुलाया था...” मैंने कहा।
अंदर जाओ। सब मिल जाएगा..” उसने अपनी मूच्छों को सहलाते हुए कहा।
मैंने महसूस किया की उसके पैंट के ऊपर से उसके लिंग का साइज बढ़ने लगा है। मैं बड़ी असमंजस में पड़ गई। इस तरह का बर्ताव वो पहली बार कर रहा था। उसकी नजरें मेरी छातियों पर चिपकी हुई थी। मैंने अपने खयालों
को झटका और अंदर चली गई। मैंने तय किया की दीदी से मैं उसकी शिकायत करूंगी। अनपढ़ गॅवार उसकी इतनी हिम्मत की मुझ पर गंदी निगाहें डाले।
मैं सोचते हुए दरवाजे पर पहुँची। दरवाजा बाहर से बंद था। मैंने बेल बजाया। मगर अंदर से कोई हरकत नहीं हुई। मैंने “दीदी” आवाज लगाई और फिर दोबारा बेल बजाया। काफी देर बाद राज जी ने दरवाजा खोला।
दीदी हैं...” मैंने पूछा।
वो कुछ देर तक मेरे बदन को ऊपर से नीचे तक घूरते रहे कुछ बोला नहीं।
हटिए ऐसे क्या देखते रहते हैं मुझे। बताऊँ दीदी को..” मैंने उनसे मजाक किया- “कहाँ है दीदी...”
उन्होंने बेडरूम की तरफ इशारा किया और दरवाजे को मेरे पीछे बंद कर दिया।
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