Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
05-17-2019, 01:34 PM,
#11
RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
मैने अपना टवल ठीक किया और डोर ओपन किया. अनुराधा सामने खड़ी थी.. मैं अब भी उस पर नाराज़ था. मैने उसे अंदर ना बुलाते हुए ही पूछा
मे: क्या हुआ?? क्या काम हैं..मम्मी नहीं हैं...
अनुराधा: हम पता हैं..मैं तो ऐसे ही आई हूँ.. बहोत दिनो से तुम नही मिले तो सोचा मैं ही मिल लूँ..
मे: मिलके क्या करना हैं..तू क्या मेरी गर्लफ्रेंड हैं जो तुझसे मिलने आउ मैं???
अनुराधा: अंदर आ जाउ मैं?
मैने दरवाज़ा पूरा ओपन किया और साइड मे हट गया.. वो घर मे चली गयी. मैने किचन मे से उसे पानी ला दिया और सीधा बेडरूम मे चला गया.. वो हॉल मे बैठी थी मुझे जाता देख कर उसने अपनी आखे नीचे झुका ली. मैं अपने रूम मे आ गया और अपने कपड़े कलेक्ट करने लगा नहाने जाने के लिए. वो मेरे रूम मे आई और देखने लगी..
अनुराधा: क्या कर रहे हो भैया??
मे: अंडे दे रहा हूँ...दिखता नही क्या कि नहाने जा रहा हूँ तो कपड़े ले रहा हूँ.. और तुझे क्या लेना देना कि मैं क्या कर रहा हूँ,क्या चाहता हूँ?? तू तेरा काम कर..नही तो घर जा.
अनुराधा: ऐसा क्यू बोल रहे हो भैया??
मे: मेरी जो मर्ज़ी मैं कहूँ या करू...!!

और वो अचानक रोने लगी.. पहले मुझे लगा कि नाटक कर रही हैं. मैने उसकी ओर ध्यान नही दिया और बाथरूम की ओर जाने लगा. वो अचानक मेरे सामने आ गयी और मुझे हग करके रोने लगी.. मैने देखा तो सीरियस्ली रो रही थी..
अनुराधा: भैया..मुझे पता हैं कि तुम मुझ पर गुस्सा हो उस रात के लिए...
मे: किस रात के लिए?
अनुराधा: उस दिन जब तुम किस करना चाहते थे और मैने तुम्हे मारा...आइ आम सॉरी भैया,,,माफ़ करदो..मैं डर गयी थी उस वक़्त और मुझे लगा कि हमारा वो सब करना ग़लत हैं. मैं बहोत डर गयी थी उस वक़्त तो मेरा हाथ उठ गया. मुझे ऐसा नही करना चाहिए था..तुम मेरे बड़े भाई हो..तुम जो कहोगे मैं करूगी बॅस मुझसे नाराज़ मत रहो भैया..प्ल्ज़.. आइ आम सो सॉरी...
वो बहोत रो रही थी..मेरा दिल पिघलने लगा.. मैने उसे अपने से अलग किया तो उसे लगा कि मैं वहाँ से जाना चाहता हू.. वो मुझे रोकने के लिए मेरे कदमो मे बैठ गयी और मुझे रोकने लगी रोते हुआ..
अनुराधा: आइ आम सॉरी भैया..मत जाओ..गुस्सा मत करो भैया...प्ल्ज़...मैं कभी ऐसा नही करूँगी... अब तुम जो चाहो वो मैं करूगी. प्ल्ज़ भैया...
मेरा दिल पिघलने लगा था और वो मेरे घुटनो को पकड़ कर रो रही थी. उस वजह से मेरा टवल काफ़ी लूज हो गया जो मेरे ख़याल मे नही आया. मैने उसको देखा और उसे उसके कंधो से उठा कर उपर उठाया और कस्के गले लगा लिया. वो बहोत रो रही थी..बार बार सॉरी कह रही थी.
मे: अर्रे बॅस बॅस अनु...इतना ड्रामा कहाँ से सीखा तूने?? बस हुआ..मैं नाराज़ नही हू तुझसे..
अनुराधा: मुझसे नाराज़ मत होना नही तो मैं मर जाउन्गी भैया..तुम जो कहोगे मैं करूगी.. तुम मुझे किस करो,नंगा करो..जो करना हैं करो मगर कभी नाराज़ मत होना... मैं तुमसे बहोत प्यार करती हूँ भैया...
उसके आसू मेरे चेस्ट को भिगो रहे थे..मैने उसका चेहरा उपर किया..उसकी सुंदर आखे लाल हो गयी थी.मैने उसकी ओर देखा और कहा
मे: ग़लती मेरी हैं अनुराधा..आइ आम सॉरी..मैने तुझसे ज़बरदस्ती नही करनी चाहिए थी.. अगर तू नही चाहती तो मैं कभी तुझे टच भी नही करूँगा..
अनुराधा: नही भैया...मैं चाहती हूँ...बॅस उस दिन डर गयी थी मैं.. आइ लव यू भैया... मैं तुम्हे हर तरीके से प्यार करना चाहती हू...बट प्रॉमिस कभी मुझसे नाराज़ मत होना..
मे: आइ प्रॉमिस.. आइ लव यू अनु. और तुझे डरने की क्या ज़रूरत हैं पगली? मैं तुझे कभी तक़लीफ़ नही पहुन्चाउन्गा. आइ प्रॉमिस.
अनुराधा: मैं जानती हू कि तुम कभी मुझे हर्ट नही करोगे. तुम भाई हो मेरे आंड आइ लव यू..
मैने उसे अपनी बाहों मे जाकड़ लिया.. 2-3 मिनट बाद उसका रोना बंद हुआ. वो मुझसे बिल्कुल चिपक के खड़ी थी..मैं उसके बाल सहला रहा था और उसके माथे को किस कर रहा था और जैसे ही वो मुझसे अलग हुई उसकी जीन्स की बेल्ट का लूज पार्ट मेरे टवल मे फस गया और मेरा लूज टवल नीचे आ गया. अब मैं वेस्ट डाउन बिल्कुल नंगा था और उपर वेस्ट थी. वो अपने आसू पोछने लगी थी. उसे चोदने का ख़याल मेरे दिमाग़ से निकल गया था और जैसे ही टवल निकला मैं डर के मारे उससे फिर से लिपट गया ताकि उसे पता ना चले.. अब उसकी थाइस मेरे लंड से ब्रश कर रही थी और पहली बार मुझे मेरे लंड पे गुस्सा आया कि आख़िर क्यू ये खड़ा हो रहा हैं धीरे धीरे... अनुराधा ने अपनी आखे बंद रखी थी और मेरी बाहो मे थी.. मगर उसे कुछ चुभने लगा उसकी थाइस मे.. उसने नीचे देखने के लिए अपनी गर्दन नीचे की तो मैने उसे रोक दिया..
मे: नही..अनु..नीचे मत देख प्लीज़..
अनुराधा: क्यू भैया क्या हुआ??
मे: आइ आम सॉरी अन्नू बट मेरा टवल निकल गया तो तेरी थाइस के टच से मेरा लंड खड़ा हो गया..
अनुराधा: हीही....तो देखने दो ना...
मे: नही..रहने दे अन्नू..मैं नही चाहता कि ऐसा कुछ करें जो तू नही चाहती...
अनुराधा: भैया,,आइ लव यू और मैं ये चाहती हू...और वैसे भी शायद तुम्हे याद नही बट तुमने कहा था कि ये लंड मेरा हैं और मैं जब चाहूं इसे प्यार कर सकती हू..मैं अब प्यार करना चाहती हू भैया...मैं तुमसे बहोत प्यार करना चाहती हूँ..
मे: ओह्ह..आइ लव यू अनुराधा..
इतना कहके मैने उसे फिर से हग किया और उसे किस करने लगा...हम पॅशनेट्ली किस कर रहे थे..फ्रेंच किस..मेरे हाथ उसके जिस्म पे घूम रहे थे..महसूस कर रहा था मैं उसके जिस्म को.और वो अपनी उंगली धीरे धीरे मेरी चेस्ट,बेल्ली आंड देन मेरे लंड पे घुमाने लगी...उसने मेरा लंड पकड़ लिया और हिलाने लगी..
अनुराधा: उहम्म...बड़ा हो गया ये तो और...
मे: तेरे भी तो बड़े हो गये हैं ना..
अनुराधा: तुम्हारे लिए ही बड़े हुए हैं ये भैया...ताकि तुम इनसे खेल सको..मेरा जिस्म तुम्हारा हैं भैया..मैं रांड़ हूँ तुम्हारी..
उसकी बातो से मेरा लंड पत्थर सा हो गया.. मैं कंट्रोल खो चुका था अब और उसे हर जगह किस कर रहा था..उसके पिंक लिप्स,गोरे गोरे हाथ,नेक,कान...मैने उसे उठाया और उसने मेरी कमर के अराउंड अपने लेग्स क्रॉस कर लिए..उसने जो कुर्ता पहना था मैने वो एक झटके मे ही निकाल दिया..और हम धीरे धीरे बाथरूम की ओर जाने लगे थे.. उसके गोरे जिस्म पे उसकी ऑफ वाइट कलर की ब्रा सूट कर रही थी मगर मुझे उस वक़्त पसंद नही आई तो मैं उसके ब्रा का एक एक हुक खोलने लगा,,उसके ब्रेस्ट्स को उपर से ही किस करने लगा मैं..उसके ब्रेस्ट अब बिल्कुल सख़्त थे,बिल्कुल वाइट...फाइनली उसकी ब्रा मैने निकाल दी और आज तक याद हैं मुझे वो दुनिया के सबसे पर्फेक्ट ब्रेस्ट्स थे..वाइट विद लाइट ब्राउन निपल्स जो बिल्कुल सख़्त हो गये थे...मैं उसके बूब्स को चूसने लगा..उसके निपल्स को टीथ से निब्ब्ल करने लगा.. ..
अनुराधा: अया...अया....आअहह.उम्म..

अचानक मेरी नज़र उसके अंडरआर्म्स पे गयी...मिल्की वाइट उसके आर्म्पाइट्स और उसमे ब्राउनिश हेअर्...मैं उसके आर्म्पाइट्स को किस करने लगा और स्निफ किया..बहोत ही एरॉटिक और मस्की स्मेल आ रही थी उसमे से..मैं उसे हर जगह चूस रहा था...उसने भी मेरी वेस्ट निकाल दी थी..अब मैं पूरी तरह नंगा था...मेरा लंड झूल रहा था उसकी गांद के नीचे और वो मेरे निपल्स को चूस रही थी...मैं हेवेन मे था..हम फाइनली बाथरूम मे पहुँचे....उसकी जीन्स अब भी ऑन थी..मैने उसका बेल्ट लूज किया और वो ज़मीन पे खड़ी हो गयी और अपनी जीन्स उतारने लगी.. उसके मिल्की वाइट,टोंड थाइस..एक भी बाल नही था उसके लेग्स पे..बिलकूल स्मूद न सॉफ्ट स्किन.. मैं उसके टो नेल से उपर उसके जिस्म को चूमता जा रहा था..उसकी थाइस को बाइट भी किया मैने...वो आह उहह..कर रही थी.. मैं खड़ा हो गया तो वो समझ गयी और तुरंत नीचे घुटनो के बल बैठ कर मेरा लंड चूसने लगी...
मे: आअहह..अन्न्न्नुऊऊ.....अओउऊँ...हह
इतने सालों बाद उसके सुंदर हॉट लिप्स ने मेरा लंड चूसा,,,वो मेरा लंड चूस्ति रही.. मैने उसे रोका,,मैं झड़ना नही चाहता था.. अपने आप को ठंडा करने के लिए मैने शवर स्टार्ट किया,,, अब ठंडा पानी हमारे जिस्मो पे गिरने लगा.. उसकी क्रीम कलर की पैंटी पूरी तरह ट्रांसपेरेंट हो गयी थी और उसके झान्ट क्लियर्ली दिख रहे थे मुझे.
अनुराधा: भैया..!!
मे: हाँ अन्नू
अनुराधा: अब मुझे भी झान्ट आ गये हैं...आज चोदोगे ना मुझे?
मे: हाँ अन्नू..आज और हमेशा चोदुन्गा तुझे..
हम फिर किस करने लगे और मैने फिर उसे उठा लिया और उसकी पैंटी निकालने लगा..जैसे ही उसकी पैंटी उसके जिस्म से अलग हुई उसकी खूबसूरत चूत मेरे सामने आ गयी..पिंक कलर की उसके लिप्स और उनपे गोल्डन ब्राउन कलर के झान्ट...वो खड़ी थी...मैं घुटनो के बल बैठ गया और उसकी चूत को देखने लगा..प्योर् ब्यूटी!!
मे: हाई जान...!! काफ़ी टाइम बाद मिले हैं आज हम..
अनुराधा हँसने लगी..वो मेरी तरफ देख रही थी..उसके होंठो पे मुस्कान थी और आखो मे एक चमक थी जो सिर्फ़ प्यार मे होने वाले इंसान मे ही होती हैं..मैं समझ गया कि ये मुझसे कितना प्यार करती हैं और मैं भी अपनी सिस्टर को प्यार करता था. मैं उसकी चूत को निहार रहा था...फाइनली मैने अपनी उंगली से उसकी चूत के लिप्स स्प्रेड किए और अपनी जीभ उसकी चूत से टिका दिए...मैं अब उसकी क्लिट को चूसने लगा. वो अपनी गान्ड धीमे धीमे हिला रही थी..मेरे बालों मे से उंगली घुमा रही थी..मैं एक हाथ से उसके बूब्स मसल्ने लगा और साथ ही साथ उसकी चूत चूसने लगा..
अनुराधा: आआहाआहा आ आ आ.............उउम्म्म्मममममम........भा....ईईइ.....याअ.आआआआआआ..एयेए ह आहहह....
अनुराधा को इनटेन्स ऑर्गॅज़म हुआ..वो चीखने लगी..अपनी गान्ड ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी..उसके लेग्स अब शेक करने लगे थे और उसे खड़े रहने मे मुश्किल हो रही थी और वो नीचे बैठ गयी,,मैने उसे सहारा दिया और किस करने लगा..
मे: कैसा लगा अन्नू???
अनुराधा: लव यू भैया!!
उसकी इस बात से मुझे उस पे प्यार आ गया और हम ने किस किया. वो मेरे लंड को सहलाने लगी थी...हम दोनो बाथ टब से सट के बैठे थे..
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RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की - by sexstories - 05-17-2019, 01:34 PM

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