RE: Hindi kahani कच्ची कली कचनार की
मैं उसके बचपन दिमाग़ से खेल रहा था. अगर ये आज चूस्ति हैं तो ज़िंदगी भर चूसेगी.
अनुराधा: मैं क्यू चूसू लंड तुम्हारा? तुमने तो नही चूसी मेरी चूत.
मे: तूने बोला नही. मैं तो तुझे चोदने को रेडी हू.
अनुराधा: चोदने को? मतलब?
मे: बताउन्गा. पहले चूस.
अनुराधा: और मेरी चूत का क्या?
मे: एक काम करते है . तू मेरा लंड चूस मैं तेरी चूत चूस्ता हूँ. एक साथ
अनुराधा: वो कैसे?
मे: चल बिस्तर पे आजा.
हम बिस्तर पे आ गये.
मे: मैं बिस्तर पे लेट ता हू और तू मेरे उपर लेट.
वो मेरे उपर चढ़ गयी मगेर उल्टी. जब वो चढ़ रही थी तो उसकी चूत मेरे लंड के उपर आ गयी. और वो चीख पड़ी.
मे; क्या हुआ?
अनुराधा: तुम्हारे लंड ने मुझे काटा!!
मे: काटा नही. किस किया है. और जब ये अंदर जाता हैं ना तो उसे चोदना कहते हैं. वो भी सीखेगी क्या?
अनुराधा: नही..दर्द होता हैं.
मे: मज़ा भी उतना ही आता हैं.
अनुराधा: अब क्या करूँ?
मे: तू उल्टी तरफ से चढ़ि हैं. तेरी गान्ड मेरे मूह के पास रख और तेरा मूह मेरे लंड पे कर
उसने पोज़िशन चेंज कर ली और हम 69 मे आ गये. अब उसकी गान्ड मेरे सामने थी. मैने उससे कहा कि अब तू लंड चूस. मेरा लंड पूरी तरह खड़ा था. उसकी चूत मेरी आखो के सामने थी मगर उसके लेग्स क्रॉस्ड थे. मैने उसकी थाइस को किस किया और उसकी गान्ड पे हाथ रखा. बिल्कुल सॉफ्ट थी उसकी गान्ड.
मे: तेरी गान्ड बहोत ही सुंदर हैं अनुराधा.
मैने उसकी गान्ड को मसलना स्टार्ट किया.. उसकी दूध जैसी गोरी गान्ड पे मेरी उंगलियो के निशान बन गये. मैने उसकी गान्ड को उस तरह मसला जैसे रोटी बनाते वक़्त आटा मसल्ते हैं. वो दर्द से कराह रही थी पर उसे मज़ा भी आ रहा था. मैं रुक गया. मेरी नज़र उसकी तरफ गयी. वो सिर्फ़ लेटी थी और मेरे लंड को देख रही थी.
मे: क्या कर रही हैं? मैने तुझे चूसने को कहा.
अनुराधा: मुझे शरम आती हैं भैया,..मैं नही चूसूगी.
मैने अपने राइट हॅंड से उसकी गान्ड पे ज़ोर से स्लॅप किया और उसकी गान्ड डीप रेड कलर की हो गयी.
अनुराधा: आआहह!!!!..भीयाया..!! मार क्यू रहे हो..दर्द होता हैं
मे: साली रंडी...मैं कब से तेरी गान्ड चाट रहा हूँ और तू मेरा लंड नही चूसेगी.. कब से गान्ड मेरे सामने खोल के लेटी हैं तो शर्म नही आ रही और अब शर्म आती है.
अनुराधा: भैया मारो मत...प्लीज़..अया....दुख रहा है..
मे: तो जैसा कहता वैसा कर
वो छटपटाने लगी..मैने उसे पकड़ लिया..उसकी गान्ड को अपने हाथो से दबाए रखा जिससे वो उठ ना पाए.
मे: मूह खोल...आज तो तू चूसेगी मेरा लंड...
अनुराधा: नही.भैया जाने दो
मे: तू ऐसे नही मानेगी ना!!
मैने अपनी उंगली मूह मे डालके उसे गीला किया और उंगली को उसके गान्ड के छेद पे दबाने लगा.
मे: अगर तूने मेरा लंड नही चूसा तो ये उंगली तेरी गान्ड मे डालुगा...
वो तड़पने लगी...मैने अपनी उंगली थोड़ी सी उसकी गान्ड मे घुसाई.. बिल्कुल टाइट गान्ड थी उसकी..बड़ी मुश्किल से 1 सेंटीमीटर गयी होगी अंदर.
अनुराधा: आअहह...नैईईईईईईईईईईईईईईई....आआहाआहः....भाई.....या..आ.आ.आ.आ.
मे: और घुसाऊ??
अनुराधा: नहिी...रुक जाओ...आआहाआहाआहा
ऐसा करते वक़्त अचानक मुझे मेरी नेक पे कुछ गीला गीला महसूस हुआ..मैने हाथ लगाके देखा तो चिपचिपा महसूस हुआ.. मैं समझ गया.. उसकी चूत पूरी तरह भीग गयी थी और ड्रिप कर रही थी. मेरी बेहन की चूत से उसका जूस टपक रहा था.. मैने उसे चूस लिया. अब वो तड़प रही थी.. मेरी उंगली अब भी उसकी गान्ड मे ही थी.
अनुराधा: भैया.अहह.निकालो उसको..प्लज़्ज़्ज़...आआहह..उम्म्म
मे: एक ही शर्त पे.. लंड को चूस..अभी
अनुराधा: ठीक हैं..चूस्ति हूँ.
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