Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
05-16-2019, 12:00 PM,
#25
RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
चुदासी चाची --2

गतांक से आगे...............................
मैं अपने बेड़ के तरफ जा कर सो गया और प्लान बनाने लगा. थोरा डर भी था की अगर चाची को पता चल जाये और वो ना माने और सब को बता दे तो मेरा तो वाट लग जायेगा. लेकिन मैं फीर भी चाची को छूना चाहता था.मैं जहा सो रहा था वहां से चाची के नंगी जांघ तो दिख रही थी लेकिन चड्डी नहीं दीख रही थी . मैंने बहुत हिम्मत कर के अपना हाथ उनकी कमर पे रखा. मेरे हाथ काप रहे थे डर के मारे. मैंने काफी देर हाथ वही रखा फीर जब लगा के चाची गहरी नींद में हैं. फीर मैं बहुत धीरे धीरे अपना हाथ नीचे ले जाने लगा. कमर से उनकी गांड तक का सफ़र लगभग १५ मिनट में पूरा किया. अभी मेरा हाथ उसके गांड के ऊपर था. धीरे धीरे मैं उनकी गांड को सहलाने लगा. उनकी गांड और मेरे हाथ के बीच में सिर्फ उनका गाउन और एक चड्डी ही रह गयी थी . थोरी देर गांड के ऊपर हाथ से सहलाने के बाद मैं चाह रहा था की उनकी गांडमें उंगली डालू. धीरे धीरे मैं उनका गाउन उपर की तरफ खेचेन लगा. थोरी देर खेचने के बाद मैं उनकी गांड के ऊपर से गाउन हटाने में कामयाब रहा. अभी मैं उनकी पूरी गांड देख सकता था.मैंने उनकी नंगी गांड पे अपना हाथ रखा. ऐसा लगा जैसा ४४० का वोल्ट लग गया हो. उसका गांड एकदम टंच था. उसके गांड के उभार, गांड की गोलाई सब मस्त था. मैं पहली बार कीसी औरत का गांड पे हाथ फेर रहा था. मैं खुशी से पागल हो गया. और उनकी चड्डी भी इतनी कम गांड को कवर कर रही थी की पुछो मत. उसकी चड्डी उसके गांड के बीच में ही थी बस. मैंने मन भर के उनकी गांड पे हाथ फेरा. फीर मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ी तो मैंने उनकी गांड के बीच उंगली डालने की कोसिस सुरु की. चड्डी उनके गांड के बीच थी. मैंने अपनी एक उगली से चड्डी के अन्दर हाथ डाला. मैं उनकी गांड का छेद खोज रहा था. क्योंकी गुडिया बीच में सो रही थी मुझे थोरी दिक्कत हो रही थी उनकी गांड के अन्दर उंगली डालने में . फीर मैंने सोचा की अब थोरी देर उनकी चूची पर भी हाथ फेरु. मेरी हिम्मत काफी बढ़ गयी थी. चाची अभी भी काफी गहरी नींद में सो रही थी. सो मैंने मोका देख कर ऑपरेशन चूची सुरु किया.

मैंने चाची की गांड से हाथ नीकाल के मैंने अपना हाथ उनकी कमर पे रखा. मैं यह भी देख़ रहा था की चाची जग न जाय. फीर थोड़ी देर इंतज़ार करने के बाद मैं अपना हाथ धीरे धीरे उनकी चूची की तरफ ले गया. थोरे ही समय में चूची के पास अपना हाथ ले जाने में कामयाब हो गया. मैं चूची को महसूस करने लगा. उसने ब्रा पहन रखी थी. मैं उनकी चूची के ऊपर हाथ फेरने लगा. उनकी चूची बहुत गोला कार थी. मैं गाउन के ऊपर से ही चूची को सहलाने लगा. ब्रा ने मस्त चूची को बिलकुल सही जगह पे रखा था. मैं अब उनकी चूची का नीपल तलाश ने लगा. पर मुझे उसमे कामयाबी नहीं मिल रही थी. गुडिया बीच में सो रही थी तो और मुस्किल हो रहा था. फिर मैं उसके गाउन के ऊपर के बटन खोले ने लगा, मैंने उसके दो बटन खोल दिए. अब मेरा हाथ उसकी चूची के ऊपर था. मैंने अपनी एक उंगली उनकी दोनों चूची के बीच घुसा दी . उनकी चूची बहुत नरम थी . मेरा लंड पागल की तरह खड़ा हो गया. उसके बाद मैं अपनी उंगली को उनकी चूची के अन्दर डालने लगा. मुझे उसका नीपल चाहिए था. मैं लगबघ उसके नीपल के पास उंगली दिया ही था क़ि इतने में गुडिया हिलने लगी. मैंने फटा फट अपना हाथ उनकी चूची से नीकाल लिया. और तुरंत गुडिया रोने लगी . उसे सायद भूक लगी थी. मैं चुप चाप सोने का नाटक करने लगा. और अपनी बंद आँखों के किनारे से देखने लगा की चाची क्या करती हैं .

गुडिया के रोने से चाची उठ गई , और उसने देखा के उसकी पुरी गांड नंगी हालत में थी. उसने अपने गाउन के बटन भी खुले पाए पर उसने कुछ किया नहीं. उसने अपनी गांड भी खुले हालत में ही छोड़ दी . अब मुझे इंतज़ार होने लगा की कब चाची अपनी चूची नीकाल के गुडिया को देगी. मैं सब देख रहा था. तभी वो अपने गाउन के सारे बटन खोलने लगी. मेरा दिल ट्रेन की तरह धरक रहा था. पहली बार मैं किसी की चूची देखने वाला था. फीर उसने अपने ब्रा का हूक भी खोल दिया और अपनी एक चूची को नीकाल के हाथ में ले लिया. उसका चूची बहुत मस्त था. बिलकुल गोल और सफ़ेद था. उसके नीपल बहुत बड़े थे . चूची नीकाल के वो सो गई और गुडिया दूध पीने लगी. मुझे मेरे आखों पे बिस्वास नहीं हो रहा था की मैं अपनी चाची की चुत, गांड और चुची देखा रहा था. गुडिया के दूध पीने के आवाज़ सुन के मुझे भी उसका दूध पीने की इच्छा होने लगी . मैं दोनों के सोने का इन्तेज्ज़ार करने लगा. कुछ १० मिनट के बाद सब सन्नाटा हो गया. मैंने थोरा उठ के देखा तो चाची सो चुकी थी . उनकी चुची गाउन से बाहर लटक रही थी. मैं धीरे धीरे चाची की चुची पे हाथ फेरने लगा. उसकी चुची नहुत नरम थी, मेरा लंड तो मेरे पैन्ट को फाड़ के बाहर आने लगा. उसके बाद धीरे से मेरा हाथ उसके नीपल पर गया. जैसे ही मैंने उसके नीपल को छुआ उसका नीपल एकदम से कड़ा हो गया. उसके नीपल पर एक दो बूँद दूध के थे. मैंने उसका वो दूध लेके अपने मुह में डाला. ऐसा दूध मैंने कभी नहीं पीया था. मुझे उसका नीपल चुसना था पर गुडिया बीच में थी सो मैं ठीक से उसके पास नहीं आ रहा था. मैंने दूसरी चुची भी गाउन से नीकाल ली . दोनों चुची सामने नंगी हालत में थी . मैंने उसके नीपल पे चुटी काटी जिससे वो थोरा सा हिल गयी. पर उसने कुछ किया नहीं. सायद उसे भी मज़ा आ रहा था. लेकिन तभी गुडिया फीर से जाग गयी. मैंने अपना हाथ तुरंत वापस ले लिया. थोड़ी ही देरमें चाची उठ गयी और उठते ही उन्होंने देखा की दोनों चुची बाहर लटक रही हैं. लेकिन उसने उसे वैसे ही छोड़ दिया. उसने गुडिया को गोद में ले लिया और थोरी ही देर में गुडिया सो गयी.

उसके बाद वो उठ कर टोइलेट की तरफ चली गई . मैं अपनी बंद आँखों से सब कुछ देख रहा था. थोड़ी देर में चाची टोइलेट से आई और गुडिया को एक तरफ कर के बीच में सो गई . वो बिलकुल मेरी बगल में आके सो गई . मुझे तो बिस्वास नहीं हो रहा था. सायद उसे भी मज़ा आ रहा था. वो सीधे होके अपने सर पे हाथ रख कर सो गई . थोड़ी देर तक मैं शांत रहा और फीर चुपके से अपना हाथ उनके पेट के ऊपर रख दिया. धीरे धीरे मैं अपना हाथ ऊपर की तरफ ले गया. मेरा हाथ उसके चुचे के नीचे तक चला गया. मुझे थोरा नरम नरम महसूस होने लगा. थोरा और ऊपर गया तो पता लगा की उसका ब्रा नहीं था. सायद टोइलेट में जाकर उसने अपना ब्रा खोल दिया था. सायद उसे भी यह सब अच्छा लग रहा था पर वो सायद यह सब बस नींद के बहाने से करना था. मुझे भी मज़ा आ रहा था. और उपर गया तो सारे बटन भी खुले थे. मैंने सीधा उसके गाउन के अंदर हाथ डाल दिया. और उसकी दोनों चुचियो के साथ खेलने लगा. चूची बहुत नरम थी . मैंने उनके नीपल पर हमला कर दिया. थोड़ी ही देर में उनकी चूची से दूध आने लगा. उसका पूरा गाउन दूध से भीगने लगा था. मुझे उसका दूध पीना था सो मैं धीरे धीरे गाउन को उसके कंधे पर से खीच ने लगा. थोरे मुश्किले के बाद उसका एक तरफ का स्तन मैंने हाथ से नीकाल दिया था. उनकी चूची को मैंने पुरी तरफ ने नंगा कर दिया था. एक तरफ से गाउन खोलने के बाद मैंने दूसरी चूची को भी बाहर नीकाल दिया. फीर मैं थोडा उठ के बैठ गया और उसकी नंगी छाती की तरफ देखने लगा. दोनों चूची बिलकुल नंगी हालत में लटक रही थी, मैंने हिम्मत कर के उसके नीपल पे अपना मुह रखा. ऐसा करते ही वो थोडा सिहर गए लेकिन फीर भी सायद सोने का नाटक कर रही थी, फीर धीरे धीरे मैं उसका नीपल चूस ने लगा. वो कभी कभी थोड़ी आवाज़ कर रही थी मगर अभी भी उनकी आँखे बंद थी. चूची से दूध निकलने लगा और मैंने खूब सारा दूध पिया. दोनों चुचियो के साथ मैं काफी देर तक खेलने के बाद मेरा अब उनकी चुत के साथ खेलने का मन हुआ.

फीर मैं उनकी चूची को उसी नंगी हालत में छोड़ के अपना हाथ उसक़ि चुत के ऊपर ले आया. उसका गाउन काफी ऊपर तक उठा था. मैंने पहले उसकेगाउन के ऊपर से ही उसकी चूत को सहलाने लगा. मैं एक उंगली उसके गाउन के ऊपर से ही उनकी चुत में डालने लगा. मेरी उंगली थोड़ी अंदर भी घुस गया. उसकी चुत काफी गीली थी . फिर मैं गाउन को ऊपर खीच ने लगा. थोड़ी देर में उसका गाउन चुत से ऊपर हो गया. उसकी पुरी नंगी टांग मेरे सामने दिखने लगी. सिर्फ एक लाल चड्डी चुत को छुपा रही थी. मैंने कभी सोचा भी नहीं था की चाची को मैं इस तरह नंगा करूँगा. ऊपर उनकी चुची नंगी थी और नीचे उसके बस एक छोटे सी चड्डी बची थी, और ये सब तब हो रहा था जब वो सायद नींद में थी. अब मुझे उनकी चड्डी उतार नी थी, सो मैं चड्डी को नीचे की तरफ खीच ने लगा. उसकी चड्डी उसकी गांड में फसी थी. मैं उसको निकाल नहीं पा रहा था, लेकिन तभी चाची ने अपनी गांड को ऊपर किया थोरा सा और चड्डी निकल आयी. अब मुझे पाक्का यकीन हो गया था की वो भी यह सब पसंद कर रही हैं.फीर धीरे धीरे मैंने उसका चड्डी को टांगो से निकाल दिया. क्या दृश था वो . खुली हुई चुत मेरे सामने पड़ी थी . मैं तो पागल हो गया उनकी चुत देख के. चुत पे एक भी बाल नहीं था . बिलकुल साफ चुत थी . मैं चुत के ऊपर वाले हिस्से को चाटने लगा. उसका पूरा सरीर सिहर उठा.

फीर मैंने उनकी टांगो को फैला दिया ताके मैं उनकी चुत मार सकू. उसने कोई विरोध नहीं किया जब मैं उनकी नंगी टांगो को फैला रहा था. पूरी खुली चुत मेरे सामने थी . मैं दोंनो टांगो के बीच घुस गया और अपना मुह उनकी चुत के सामने ले आया. फीर मैंने अपनी एक उंगली चुत के अंदर डाल दी जिससे वो सा आवाज़ भी करने लगी . मैंने उठ के देखा तो आँखें अभी भी बंद थी और फीर मैं अपने काम में लग गया. मैंने अपनी उंगली पुरी चुत के अंदर घुसेड दी. उसकी चुत से पानी निकल ने लगा. फीर मैंने अपनी एक और उंगली चुत में डाल दी . मैं उसकी चुत के अंदर ग़दर मचा रहा था. उसकी चुत से सफ़ेद पानी नल की तरह निकल ने लगा. मैंने अपना मुह उसकी चुत के ऊपर रखा और उसकी चुत का पानी पीने लगा. उसका पूरा सरीर कापने लगा था. फीर मैंने अपनी उंगली थोड़ी टेढ़ी की और उसकी चुत के ऊपर वाले हिस्से को चुटी काटने लगा. वो हिस्सा थोरा दाने दार था. बाद मैं पता चला वो जी पॉइंट कह लाता हैं. वहां उंगली डालते ही वह और हिलने लगी . मैं समझ गया उसे मज़ा आने लगा था. फीर मैंने अपने उंगली चुत से निकाली और उसकी चुत को मैंने फैला दिया. मेरी आखों के सामने उसक़ि फैली हुई चुत दिखने लगी . फीर मैंने अपनी जीव उसकी खुली हुई डाल दी वो बिलकुल हील ही गयी. मैं अपने हाथो से उसकी चुत को फाड़ के रखा था और मेरा मुह उसकी चुत में घुसेर दिया. मैं चुत को चूस ने लगा, चुत से पानी निकल ने लगा और मैंने एक भी बूँद पानी का बर्बाद नहीं होने दिया. मैंने अपनी पुरी जीव उसकी चुत के अंदर डाल दी थी. मैं उसकी चुत को खा रहा था. उसने एकदम से एक जोर की सांस ली और उसकी चुत पानी से भर गई . ऐसा लगा की चुत में बाढ़ आ गयी और सारा बाढ़ का पानी मैं पी गया. फीर थोरी देर में सब शांत हो गया. मैंने भी वहीं पर अपना माल भी गीरा दिया. मुझे अभी भी बिस्वास नहीं हो रहा था की मैंने अपनी चाची के साथ ऐसा काम किया . फीर मैं उसी नंगी हालत में छोड़ के अपने जगह आ के सो गया. अपने हाथ उसके चुची पे रखे और नींद में सो गया.
अगले दिन जब सुबह मैं जागा तो देखा चाची मेरे साथ नहीं थी मुझे आज पेपर देने जाना था इसलिए मैं जल्दी से तैयार होकर पेपर देने चला गया शाम को मैं अपनी पढ़ाई करने लगा रात के नौ बजे चाची सोने क़ि तैयारी करने लगी
चाची बोली- राज! तुम्हारे लिए अलग बिस्तर लगायें या तुम मेरे साथ ही सो जाओगे? मैने कहा - जैसा आप ठीक समझें। मैं तो कहीं भी सो जाउन्गा। चाची बोली- तो तुम इसी बिस्तर पर सो जाना। फ़िर चाची अपने काम में लग गयी। रात को १० बजे चाची कमरे में आयी और साड़ी उतारते हुए बोली - राज, तुम अखबार पढ रहे हो, मैं सो रही हूं, जब तुम्हें नीन्द आये तुम सो जाना। थोड़ी देर में मैने लाईट बंद की और लेट गया। मुझे नींद नहीं आ रही थी। काफ़ी देर बाद चाची उठकर लाईट जला कर बाथरूम गयी और वापिस आकर लेट गयी। मैं जाग रहा था लेकिन आंखे बंद करके लेटा था।

कुछ देर बाद चाची बोली - राज तुम सो रहे हो? मैने अचानक जगने का बहाना किया और बोला क्या हुआ चाची?

चाची एक दम मुझ से लिपट गयी और बोली मुझे डर लग रहा है। मैने कहा- डर कैसा? पर मुझे करंट सा लगा जब उनके बूब्स मेरी छती से छुये। उनकी एक टांग मेरे उपर थी। मैने भी उनकी टांग पर एक पैर रख दिया और उनकी पीठ पर हाथ रखते हुए कहा- सो जाओ चाची। चाची धीरे धीरे मेरी बाहों मे सिमटती जा रही थी और मुझे मजा आ रहा था। धीरे से मैने उनके हिप्स पर हाथ रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा। चाची को मजा आ रहा था। फ़िर चाची सीधी लेट गयी और मेरा हाथ अपने पेट पर रखते हुए कहा कि तुम मुझ से चिपट कर सोना, मुझे डर लग रहा है। अब मै भी उनसे चिपट गया और उनके बूब्स पर सिर रख लिया। मेरा लन्ड खड़ा हो चुका था। मै धीरे धीरे उनका पेट औए फ़िर जांघ सहलाने लगा।

तभी चाची ने अपने ब्लाउज के कुछ हुक खोल दिये यह कह कर कि बहुत गर्मी लग रही है। अब उनके निप्पल साफ़ नज़र आ रहे थे। मैने बूब्स पर हाथ रख लिया और सहलाने लगा। अब मेरी हिम्मत बढ चुकी थी। मैने उनके बूब्स को ब्लौज से निकाल कर मुंह मे ले लिया और दोनो हाथों से पकड़ कर मसलते हुए उनका पेटीकोट अपने पैर से उपर करना शुरु कर दिया। वह बोली-क्या कर रहे हो? मैने जोश में कहा- चाची आज मत रोको मुझे। उनकी गोरी गोरी जांघों को देख कर मै एक दम जोश मे आ चुका था। उनकी चूत नशीली लग रही थी। मैने उनकी चूत को चाटना शुरु कर दिया।मै पागल हो चुका था।

मैने अपने पैर चाची के सिर की तरफ़ कर लिये थे। चाची ने भी मेरि नेकर को नीचे कर लिया और मेरा लन्ड निकाल कर चूसने लगी। वह मुझे भरपूर मजा दे रही रही थी। कुछ देर बाद चाची मेरे उपर आ गयी और मै नीचे से चूत चाटने के साथ साथ उनके गोरे और बड़े बड़े हिप्स सहलाने लगा। चाची की चूत पानी छोड़ गयी। अब मै और नहीं रह सकता था, मै उठा और चाची को लिटा कर, उनकी टांगें चौड़ी करके चूत में लन्ड डाल दिया और चाची कराहने लगी। मै जोर जोर से धक्के लगाने लगा। चाची ने मुझे कस के पकड़ लिया और कहने लगी- राज एसे ही करो, बहुत मजा आ रहा है, आज मै तुम्हारी हो गयी, अब मुझे रोज़ तुम्हारा लन्ड अपनी चूत में चहिये एएऊउ स्स स्सी स्स्स आह्ह्ह ह्म्म आय हां हां च्च उई म्म मा। कुछ देर बाद मेरे लन्ड ने पानी छोड़ दिया और चाची भी कई बार डिस्चार्ज हो चुकी थी।

उस रात मैने तीन बार अलग अलग ऐन्गल से चाची को चोदा। चाची ने भी मस्त हो कर पूरा साथ दिया। तब से जब भी चाचा बाहर जाते तो हम दोनो रात को खूब मजे करते
आशा करता की आप लोगो को मेरी यह सची कहानी पसंद आई होगी
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RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ - by sexstories - 05-16-2019, 12:00 PM

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