RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
उनका दायां हाथ जो अब तक मेरे बाएँ मुममे को मसले जा रहा था, तेज़ी से नीचे खिसका और कुर्ते के अंत तक पहुँच कर उस के नीचे घुसा और वापस उपर आ गया. आप को ये पढ़ने मे जितना वक्त लगा , उस से भी कम समय मे एक ही आक्षन मे ये सारा मूव्मेंट हो गया. अब उनका दायां हाथ कुर्ते के अंदर मेरे बाएँ स्तन पर सीधा स्पर्श कर रहा था. पहली बार मेरे मुममे को किसी मर्द ने च्छुआ था. वो तेज़ी से मसालने लगे उसे. अच्च्छा तो लग रहा था, पर कब से ये बायां मुममे ही मसला जा रहा था.... तो मेरे दाएँ मुममे मे भी एक कसक उठी, वो भी दबावाने के लिए बेताब हो उठा.
मैने शर्म छ्चोड़ कर उनका बायां हाथ थमा और उसे मेरे दाए मुममे पर ले गयी. वो समझे, और मुस्कराते हुए दोनो हाथ नीचे ले गये, और कुर्ता उपर की और उठाया. मैं भी सिर के बाल हल्की सी उपर हुई और उन्हों ने कुर्ता मेरे गले तक खिसका लिया. मैने बदन नीचा किया और मंडी उपर उठाई, उन्होने कुर्ता पूरा बाहर निकल दिया और फैंक दिया एक कोने मे. लूँगी तो पहले ही खुल के घुटनो तक उतार चुकी थी. उन्हों ने पावं उपर ले के उस मे उसे फसा के पावं जो नीचे किया तो वो भी मेरे सहयोग के साथ बाहर हो गयी.
अब मैं पूरी नंगी थी और उनके नीचे दबी हुई थी. वापस फेस पर किस करते हुए अब वो दोनो हाथो से मेरे दोनो स्तनों को मसल रहे थे. ऐसा लग रहा था, जीवन भर कोई ऐसे ही मसला करे इन्हे. ! लेकिन थोड़ी ही देर मे मैं बेचैन हो उठी.....!!!
पहले स्तनों को सहलाए जाने का मज़ा लिया, लेकिन फिर दबावाने की इच्च्छा हो रही थी, दबाए गये तो मसले जाने की कसक उठी, अब मसले गये तो चूसाए जाने की चाह उठी. और उसी चाह ने मुझे बेचैन कर दिया था... मैने उनका मुँह - जो मेरे फेस पर किस करने मे लगा हुआ था - पिच्चे से बालों से पकड़ के हल्के से नीचे मेरे स्तनों की और खींचा.
वो तो अनुभवी थे, इशारा समझे और नीचे उतार बाएँ मुममे की और लपके. पर मेरा तो डायन मुम्मा कब से भूखा था. मैने फिर बालों से मुँह को दाएँ मुममे की और खींचा. वो उसको चारो साइड से चूमने लगे. इस खेल के मंजे हुए खिलाड़ी जो थे ! निपल को केन्द्रा बना कर पुर मुममे पर निपल से डोर सर्क्युलर मोशन मे चूम रहे थे. धीरे धीरे सर्कल छ्होटा करते जा रहे थे. मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. निपल मर्द के मुँह मे जाने के लिए उतावला हो रहा था. एक दो बार तो मैने उनका फेस निपल की और घसीटना चाहा. पर वो तो अपनी स्टाइल से ही चूमते रहे. मुझे टीज़ जो कर रहे थे. निपल मोटा और कड़क होता जा रहा था. सर्कल एकदम छ्होटा हो गया तब तो निपल से उनकी गर्म साँसे टकराने लगी, लेकिन उसे तो उनके मुँह का इंतेजार था. जब एकदम छ्होटा हो गया तो उन्हों ने जीभ निकली और अब तक कड़क हो चुके निपल पर टकराई. मेरे मुँह से आ निकल गई.
शरारती नज़र से मेरी और देखते हुए उन्हों ने जीभ झड़प से निपल की चारो और फिरा दी... और फिर लपक के निपल मुँह मे ले ली. मेरी धड़कन तेझ हो गई. जिस के लिए काब्से निपल बेताब हुए जा रहा था, वो अनुभव होना शुरू हो गया. वो मस्ती से उसे चूस रहे थे. आहा ! क्या फीलिंग थी !! निपल से जैसे करेंट बह रहा था और पुर बदन मे फैल रहा था......एक नशा सा च्छा रहा था ! कितना आनंदप्रद अनुभव होता है ये !!
यही सब दूसरे मुममे के साथ भी किया गया. बड़े आराम से वो लगे रहे, दोनो स्तनों पर. एक चूसाते थे तो डुअसरे को मसलते थे. मैं नारी तो जन्मा से थी लेकिन नारितवा आज महसूस कर रही थी. एक अरसे के बाद नशा तोड़ा कम हुआ तो मैने उनकी खुली पीठ पर रखे अपने दोनो हाथ से उन्हे अपनी और दबाते हुए एक आलिंगन दिया. उन्होने भी अपने हाथ मेरे स्तनों से हटा के साइड से होते हुए, मुझे हल्का सा उठाते हुए, मेरे बदन के नीचे पहुँचा दिए.. और आलिंगन दिया. मुझे साथ ले कर रोल ओवर हो के मेरी साइड मे आ गये और आलिंगन पर बड़ा ज़ोर दिया. आहहाअ....... मैं उनकी बाहों मे क्रश हो गयी...... बड़ा सुकून मिल रहा था......... लगता था वक़्त ठहर जाए तो कितना अच्च्छा होता.
उन्हों ने पकड़ ढीली कर के एक हाथ नीचे अपनी एलास्टिक शॉर्ट्स मे सरकया, और उसे नीचे खींचा. मैने देखा तो मैने भी शॉर्ट्स मे पावं फसा के उसे नीचे उतार दिया. पता नही मैने ये क्यों किया. उनका लंड बाहर निकल आया. फिर मुझे आलिंगन मे क्रश कर के वो रोल ओवर होते हुए वो मुझ पर आ गये. लेकिन अब दोनो बिल्कुल नंगे थे. वो पूरी तरह तैयार हो चुके थे. उन्हों ने अपने हिप्स उठाए और लंड को मेरी चूत के मूह पर ले आए. तब मुझे ख़याल आया , क्या होने जा रहा है. एक पल के लिए मैं सहमी और उनको कहा,
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