RE: Real Chudai Kahani रंगीन रातों की कहानियाँ
मैने राज से बहुत रिक्वेस्ट की लेकिन वो नहीं माना. मैं रोने लगी. मैने कहा अब रहने दो. अब मुझे नहीं चुदवाना है. वो बोला हम दोनो इसी तरह तडपा तडपा कर चुदाई करते हैं इसी लिए हमारे पास काई अमीर कस्टमर हैं. उसने अपने लंड का सारा जूस मेरी चुचियों पर ही निकाल दिया. राज के हट जाने के बाद मनोज ने मेरी चुदाई शुरू कर दी. वो भी मुझे बहुत तेज़ी के साथ चोद्ता रहा. मुझे बहुत तकलीफ़ हो रही थी और मेरी चूत में दर्द भी बहुत हो रहा था. मेरी चूत ड्राइ हो जाने की वजह से काई जगह से कट चुकी थी. मैं चीखती रही और वो मुझे बड़ी बेरहमी से चोद्ता रहा. वो मुझे एक दम आँधी की तरह चोद रहा था. दर्द के मारे मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे. मेरी चूत बहुत ज़्यादा सूज चुकी थी. थोड़ी देर बाद उसने अपना लंड मेरी से चूत से बाहर निकाला और मेरी टाँगों को मेरे कंधे के पास सटा कर दबा दिया. मेरी चूत एक दम उपर उठ गयी. वो ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाते हुए मुझे चोदने लगा. अब उसका धक्का मुझसे बर्दास्त नहीं हो पा रहा था. मैं दर्द के मारे तड़पति रही और मेरे मूह से चीख निकलती रही. वो मुझ पर कोई रहम नहीं कर रहा था. मैं चीखती रही और वो मुझे चोद्ता रहा. लगभग 45 मिनट चोदने के बाद जब वो झड़ने वाला था तो मैने उस से रोते हुए कहा प्लीज़. तुम ही मुझ पर रहम करो. तुम तो अपना पानी मेरी चूत में निकाल दो और मुझे इस दर्द से छुटकारा दिलाओ. वो बोला ठीक है इस बार मैं अपना सारा जूस आप की चूत में निकाल दूँगा. मैं मन ही मन खुश हो गयी. उसने बहुत ही जोरदार धक्के लगाने शुरू कर दिए. 2 मीं बाद मेरी चूत मनोज के लंड के जूस से भरने लगी. जब उसके लंड का पूरा पानी मेरी चूत में निकल गया तो वो हट गया. अब जाकर मेरी चूत को कुच्छ रेस्ट मिला. उन दोनो ने मुझे 3-3 बार चोदा और मैने बिना रेस्ट लिए लगातार 6 बार चुदवाया. मुझे लगातार चुदवाते हुए 3 घंटे से ज़्यादा हो चुके थे. सुबह के 4 बजने वाले थे. उसके बाद वो दोनो मेरे बगल में लेट गये. मैं भी लेटी हुई थी. लगभग 1 घंटे बाद जब सुबह के 5 बजने वाले थे तो मैने राज से कहा तुम्हारी फीस टेबल पर रखी हुई है. उसे ले लो और अब जाओ. 10-12 दिन बाद फिर आ जाना. वो बोला चुदवाने में मज़ा आया. मैने कहा मज़ा तो बहुत आया लेकिन तुम दोनो ने मुझे दर्द से बहुत तडपाया है. मेरी चूत भी एक दम सूज गयी है और काई जगह से कट गयी है. वो बोला इसी तड़पने में तो असली मज़ा है. जब आप ने मुझसे अपनी चूत में लंड का जूस निकालने के लिए कहा था अगर उस समय मैं अपना जूस आप की चूत में निकाल देता तो आप को मज़ा नहीं आता. मैने कहा मुझे दर्द बहुत हो रहा था. वो बोला जब आप हम दोनो से अगली बार चुदवायेन्गि तो आप को इतना दर्द नहीं होगा और आप को और ज़्यादा मज़ा आएगा.
राज ने मनोज से कहा अब मेडम से विदा लेने का वक़्त आ गया है. चलो मेडम से बिदाई ले लो. मनोज ने अपने कपड़े उठाए और पॅंट की जेब से एक नाइलॉन की रस्सी, एक कपड़ा और एक क्रीम की ट्यूब निकाल कर ले आया. मैं कुच्छ समझ नहीं पाई. वो रस्सी ले कर मेरे पास आ गया. राज ने मेरे मूह में एक कपड़ा ठूँस दिया और फिर उस पर एक टेप चिपका दिया. फिर मनोज और राज ने मेरे हाथ पैर बाँध दिए. उन दोनो का लंड फिर से खड़ा हो चुका था. मनोज मेरी टाँगों के बीच आ गया और उसने ढेर सारी क्रीम मेरी गान्ड के छेद पर लगा दी. उसके बाद मेरे पास बैठ गया और बोला अभी 5 मिनट में आप की गान्ड एक दम सुन्न हो जाएगी उसके बाद हम दोनो आप की गान्ड मारेंगे. यही हमारी बिदाई है. 5 मीं बाद उसने अपना लंड का सुपाडा मेरी गान्ड के छेद पर रखा और अपना लंड मेरी गान्ड में डालने लगा. उसका लंड इतना लंबा और मोटा था कि आसानी से मेरी गान्ड में नहीं जा रहा था. 10 मीं की कोशिश के बाद ही वो अपना पूरा लंड मेरी गान्ड में डाल पाया. मुझे कुच्छ भी पता नहीं चल रहा था. पूरा लंड मेरी गान्ड में घुसाने के बाद उसने बहुत तेज़ी के साथ मेरी गान्ड मारनी शुरू कर दी. 15-20 मीं बाद उस क्रीम का असर कम होने लगा तो मुझे दर्द होना शुरू हो गया. लेकिन मनोज रुका नहीं वो बहुत तेज़ी के साथ मेरी गान्ड मारता रहा. उसने 30-35 मीं तक मेरी गान्ड मारी फिर उसके बाद वो मेरी गान्ड में ही झाड़ गया. अब तक मेरा दर्द बढ़ चुका था. मैं चिल्ला नहीं पा रही थी. मनोज के हट जाने के बाद राज ने अपना लंड मेरी गान्ड में डाल दिया और बहुत ही तेज़ी के साथ मेरी गान्ड मारने लगा. मेरी गान्ड मनोज के लंड के पानी से गीली हो चुकी थी इस लिए राज का लंड मेरी गान्ड में आराम से अंदर बाहर होने लगा. 10 मीं बाद मेरा दर्द कुच्छ कम हो चुका था. जब मनोज ने देखा कि मेरा दर्द कम हो गया है तो उसने टेप हटा कर मेरे मूह से कपड़ा बाहर निकाल दिया. राज बहुत ही बुरी तरह से मेरी गान्ड मार रहा था. अब मुझे भी गान्ड मरवाने में मज़ा आ रहा था. मनोज ने जब देखा कि मुझे मज़ा आ रहा है तो उसने मेरे हाथ पैर भी खोल दिए.
अब मैं खूब मज़े से गान्ड मरवा रही थी. 30-35 मीं बाद राज मेरी गान्ड में ही झाड़ गया. उसके बाद वो हट गया और मेरी बगल में लेट गया. थोड़ी देर बाद राज ने मुझसे पूछा कैसी रही आज की चुदाई. मैं कुच्छ नहीं बोली. राज ने कहा हम जिसकी पहली बार चुदाई करते हैं उस से इसी तरह विदा लेते हैं. अब हम दोनो चलते हैं. 11 दिन बाद हम दोनो खाली हैं अगर चुदवाना हो तो बुला लेना. मैने कहा तुम आ जाना. अगर कहो तो तुम्हारी फीस अड्वान्स में दे दूं. वो बोला नहीं हम दोनो अपनी फीस चोदने के बाद ही लेते हैं. उसके बाद वो चले गये. उन दोनो के जाने के बाद मैं बाथरूम जाना चाहती थी. मैने बहुत कोशिश की लेकिन मैं खड़ी नहीं हो पा रही थी. बहुत कोशिश के बाद मैं खड़ी हुई और दीवार का सहारा लेते हुए बाथरूम गयी. जब मैं पेशाब करने लगी तो लगा जैसे मेरी जान ही निकल जाएगी. लग रहा था कि जैसे किसी ने मेरी चूत में लाल मिर्च डाल दी हो. बाथरूम से वापस आने के बाद मैं बेड पर जा कर लेट गयी. सुबह के 8 बजने वाले थे. घर के नौकर आने लगे थे. जब रामू मेरे पास आया तो मैने उस से चाय लाने को कहा. जब वो चाय ले आया तो मैने चाय पी. चाय पी लेने के बाद मैने रामू से कहा कि आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है. मैं सोने जा रही हूँ. मुझे जगाना मत. आज मैं ऑफीस नहीं जाउन्गि. वो बोला ठीक है. उसके बाद मैं सोने लगी.दोपहर के 12 बजे निशा ने मुझे जगाया तो मेरी नींद खुली. उसने मुस्कुराते हुए पूछा कैसी रही रात. मैने कहा तकलीफ़ तो बहुत हुई लेकिन मज़ा भी खूब आया. उन दोनो ने मुझे इतनी बुरी तरह से चोदा की मैं तो अब ठीक से चल भी नहीं पा रही हूँ. मैने उन दोनो को 11 दिन बाद फिर बुलाया है. निशा ने मुस्कुराते हुए मुझे 2-3 टॅबलेट दिए और कहा इसे खा लेना. इस से तुम्हारा दर्द ठीक हो जाएगा. मैने वो टॅबलेट खा ली. उसके बाद निशा चली गयी. 3 दिन बाद मैं ठीक से चलने के काबिल हुई तब मैं ऑफीस गयी.11 दिन बाद राज और मनोज फिर से आए. इस बार फिर उन दोनो ने मिलकर मुझे लगभग 3 घंटे तक चोदा. मेरी चूत चौड़ी हो कर उन दोनो के लंड के साइज़ की हो चुकी थी इस लिए मुझे इस बार ज़्यादा तकलीफ़ नहीं हुई और खूब मज़ा आया.
तो मित्रो आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी ज़रूर बताना
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