RE: vasna story जंगल की देवी या खूबसूरत डक�...
अजय के दिल में जोरदार हलचल चल रही थी ,एक तरफ भोली भाली चम्पा थी जिससे वो दिलोजान से मोहोब्बत करता था तो दुसर्री तरफ थी खतरनाक और चालक मोंगरा….
दोनो के बाद उसे सरकार और ठाकुर का भी प्रेशर था की वो जल्द से जल्द ही मोंगरा को पकड़ने की दिशा में काम करे,दिन भर वो उसी उधेड़ बन में लगा रहा था ..
रात में वो तिवारी के साथ बैठा हुआ शराब पी रहा था …
“सर जी कोई मुखबिर कोई भी सूचना नही दे रहा है और s.p. साहब और ठाकुर रोज ही फोन करके पूछते है की आखिर क्या क्या काम कर लिया मोंगरा को पकड़ने के लिए ,क्या करे सर जी ऐसे हाथ पर हाथ तो धरे बैठे नही रह सकते कुछ तो करना ही होगा …”
तिवारी की बात से अजय के माथे पर चिंता की सिलवटे पड़ गई
“हम्म्म्म तिवारी जी समझ तो मुझे भी कुछ नही आ रहा है ,लेकिन अगर हमे मोंगरा को पकड़ना है तो उसकी कहानी शुरू से जाननी होगी की आखिर मोंगरा ,डाकू मोंगरा कैसे बनी …”
अजय की बात सुनकर तिवारी के होठो में मुस्कान आ गई और उसने पूरा ग्लास एक ही बार में हलक के अंदर धकेल दिया ..
“अब की ना सर अपने सही बात ,मैं इसी इलाके में पैदा हुआ हु और मैंने मोंगरा के बचपन को भी देखा है ,और उसके इस रूप को भी ,जमीदार साहब के मोंगरा के परिवार पर किये हुए जुल्म को भी ,और फिर मोंगरा के विद्रोह को भी लेकिन आज तक किसी ने इसपर कोई भी दिलचस्पी नही दिखाई बस मोंगरा को पकड़ने के अंधी दौड़ में लग गए,ऐसे भी यंहा उसे कोई पकड़ने में दिलचस्पी नही रखता सभी बस उसे मार कर ठाकुर से मुँहमाँगा इनाम पाना चाहते है …”
“लेकिन मुझे सब कुछ जानना है और पूरे डिटेल से जानना है ,मोंगरा में मुझे खासी दिलचस्पी जाग गई है “
अजय की बात सुनकर तिवारी फिर से मुस्कुराया ..
“मोंगरा पे या चम्पा पे “
अजय बुरी तरह से झेंप गया और तिवारी खिलखिलाकर हँस पड़ा ..
“इसमें आपका कुसूर नही है साहब,कुसूर तो आपकी उम्र और चम्पा की जवानी का है ,इस उम्र में अगर ऐसी जवान मदमस्त लड़की सामने हो तो कोई भी फिसल जाए या प्यार में पड़ जाए “
तिवारी अब भी हल्के हल्के मुस्कुराते हुए मजे ले रहा था …
“वो सब छोड़िए तिवारी जी आप मुझे वो बतलाइए जो की जरूरी है ,आखिर मोंगरा डाकू कैसे बनी ..”
तिवारी का चहरा गंभीर होने लगा ….
“बात तब की है जब मैं नया नया पोलिस में लगा था और पास ही के गांव में मेरी पोस्टिंग थी ,देखने को तो यंहा पर सभी कुछ ठीक था लेकिन असल में ऐसा नही था जमीदार का यंहा पर एकछत्र राज हुआ करता था,यंहा के निवासी भी इस बात को स्वीकार कर चुके थे की न्याय और कानून से ऊपर ठाकुर है और उसकी बात है आसपास के 20-25 गांव का कानून था ,सभी कुछ अच्छा था जब तक बड़े ठाकुर यानी प्राण सिंह के पिता का देहात ना हो गया ,लेकिन प्राण सिंह के हाथो में ताकत आते ही उसने इसका गलत उपयोग करना शुरू कर दिया ,उसे बस दो ही नशे थे एक तो शराब का और दूसरा लड़की का ,और इसका शिकार गांव की कई औरते हुई ………….”
यंहा से कहानी फेलशबेक में चलेगी
प्राण सिंह का आतंक इतना था की लडकिया घर से निकलना ही छोड़ चुकी थी ,ना जाने किस मनहूस घड़ी में ठाकुर की नजर उसपर पड़ जाए और वो उसे उठा कर ले जाए ,किसी के पास इतनी हिम्मत भी तो नही थी की उसके खिलाफ कुछ कह सके …
प्राण सिंह आतंक का दूसरा पर्याय बन चुका था ,जो भी उसके खिलाफ बोलता या कोशिस भी करता तो उसकी एक ही सजा होती थी उसकी और उसके घर वालो की मौत………..
आखिर कुछ गांव के सरपंच मिलकर पोलिश के पास जाने की सोचते है …
पुलिस स्टेशन में
“साहब, ठाकुर के लोग जब चाहे किसी के भी घर घुसकर लड़कियों को उठा लेते है ,हमारे घर की बहु बेटियों का जीना मुहाल कर रखा है ,गांव छोड़कर जाना चाहते है तो भी नही जा सकते ठाकुर के लोग फिर से गांव में लाकर पटक देते है ,इनकी ही मजदूरी करते है और इनके ही गुलाम बन गए है ,साहब हमारी भी कुछ इज्जत है ,लकड़ियों को तालाब में ही नंगा कर देते है ,वही पर ……”
एक बुजुर्ग बोलते बोलते ही फफक कर रो पड़ा …
टेबल में इंस्पेक्टर बैठा था वही सभी सरपंच हाथ जोड़े जमीन में बैठे थे ,पास ही तिवारी खड़ा था जिसके माथे पर ये सब सुनकर पसीना आ चुका था ,इंस्पेक्टर अभी पान खाने के बाद अपने दांतो को लकड़ी से साफ कर रहा था ,
“ह्म्म्म तो इसमें क्या हो गया कोई नई बात थोड़ी है ,और तुम्हारी बहु बेटियों को कभी ना कभी तो चुदवाना ही है ,लडकिया है तो कोई ना कोई तो चोदेगा,फिर ठाकुर साहब या उसके किसी आदमी ने चोद लिया तो क्या फर्क पड़ गया …”
इंस्पेक्टर के इस बयान से वो सभी बस एक दूसरे के चहरे को देखने लगे ….
तभी भर कार आने की आवज आई ,एक साथ ही कई कार आकर रुकते गए ..
इंस्पेक्टर हड़बड़ाया और तुरत ही अपने को सीधा किया और खड़ा हो गया ,इधर प्राण ठाकुर रौब से आ रहा था ,उसे देखकर सभी खड़े हो गए और हाथ जोड़ लिए वही सभी के चहरे पर पसीना भी था …
“क्यो बे मादरचोदों तुमलोग यंहा क्या कर रहे हो,इस मादरचोद से मेरी शिकायत करने आये हो ..”
उसने इंस्पेक्टर की तरफ उंगली की ,इंस्पेक्टर ने गली सुनकर भी अपने दांत दिखाए ..
लेकिन प्राण सिंह भड़का
“तुम सालो की बेटियां ,बहुये,हमारी रखैल है ये बात समझ लो जिसे जब चाहे तब उठाकर लाएंगे और रोक सको तो रोक लेना “
वो बुजुर्ग जो उस समझ इंस्पेक्टर से बात कर रहा था वो फिर से ठाकुर की बात सुनकर फफक कर रो पड़ा ..
“ठाकुर साहब रहम ,हम आपकी बात पर सहमत है लेकिन हमारी लड़कियों के साथ यू मारपीट ना किया जाए ,जो आपको पसंद है वो आपके हवेली भेज देंगे इस तरह घर को उजाड़ा ना जाए बस यही विनती है …”
एक दूसरा सरपंच हाथ जोड़े बोला ..
ठाकुर कुछ देर सोचता रहा
“ह्म्म्म ठीक है लेकिन तुम्हारे गांव की हर लड़की को एक बार सबसे पहले मुझसे फिर मेरे सभी आदमियों से चुदना होगा,फिर अगर ठिक लगे तो उसे रखेंगे या भेज देंगे ,लेकिन हमारे बिना कोई लड़की जवान नही होगी ना ही कोई बहु यंहा हमारे हवेली में आये बिना अपने पति के घर जाएगी ...बोलो मंजूर ………”
मजबूरी की हद हो चुकी थी लेकिन फिर भी उसे सहने के अलावा उनके पास कोई चारा भी तो नही था ...सरपंचों ने एक साथ हा में सर हिलाया …
प्राण सिंह के होठो में एक शैतानी हँसी नाच गई ….
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