RE: Hindi Sex Kahaniya प्यास बुझती ही नही
राज: मेरी जान तुम कब देख ली ऐसा लंड.....
रश्मि: हां...मेने देखा है एक गधे को जो गधि पर चढ़ रहा था..उसका लंड करीब 17 इंच का था...
राज: तो क्या हुआ...तुम्हे कोई प्राब्लम तो नही है ना
रश्मि: मुझे डर है कि कही ये मेरी फाड़ ना दे
राज: अरे नही मेरी जान ...मे तुम्हे पूरी सावधानी के साथ चोदुन्गा...
रश्मि: मे खड़े खड़े थक गयी हू...क्या हमलोग बेड पर चल सकते है?
राज: हां..क्यो नही...चलो...
रश्मि: रुकिये...पहले इसे मेरी माँग मे डाल दीजिए
राज: अरे ये क्या???? सिंदूर
रश्मि: जी सिंदूर...मे भी आप की बीबी हूँ.....और झुक कर राज के पाँव च्छू लिए.....
राज ने उसे उठाया और उसे बाँहो मे ले लिया...और फिर एक चुटकी सिंदूर ले कर उसकी माँग भर दी.......................................
राज: आज के बाद तुम मेरी बीबी हो....हम लोग जी भर कर एंजाय करेंगे....राजेश रहे या ना रहे...अब तुम्हारी जवानी को तृप्त करना मेरा काम है.......राजेश की चिंता तुम मत करना...मे देख लूँगा...
रश्मि ने उसे बाँहो मे ले लिया और फिर बोली....आपके रहते हुए हमे चिंता करने की क्या ज़रूरत है?...पर हां...कसम है आपको कि आप कमला दीदी का भी ख़याल रखिएगा...क्योकि ये उनका बढ़प्पन है जो कि उन्होने अपने हज़्बेंड को शेअर किया मेरे साथ...उनका ये एहसान मे कभी नही भूलूंगी.............
राज:वो है ही ऐसी....और फिर इसमे बुरा क्या है......ये जवानी जो भगवान ने तुम्हे दी है...ये तुम्हे दुबारा नही मिलने वाली
सो लेट्स एंजाय और रश्मि को पीठ के बल सुला दिया और उसके उपर चढ़ गया.....
राज ने अपने आपको अड्जस्ट किया और लंड का सूपड़ा उसकी चूत के द्वार पर लगाया और ज़ोर से प्रेस किया....लंड सीधा योनि मे 4 इंच धँस गया...रश्मि को हल्का दर्द हुआ....पर थोड़ी देर बाद दर्द गायब हो गया क्योकि उसकी चूत से काफ़ी पानी का रिषाब हो रहा था......रश्मि आह...आह करने लगी...और उसकी पीठ को सहलाते हुए.....कहा: हा...हहाहह ...धीरे धीरे......राज धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगा.....और उसकी दोनो गेंदो से खेलने लगा...
राज रश्मि के कान मे बोला:
राज: डार्लिंग……मे तुममे समाना चाहता हू…क्या तुम तैयार हो?
रश्मि: ह्म्म्म्मममममम सिर्फ़ इतना ही बोली. और राज को एक किस दे दी….ये किस उसकी रज़ामंदी की थी….राज ने उसे स्वीकार किया और अपने लंड का सूपड़ा उसकी योनि के मुख्य द्वार पर लगाया और एक हल्का सा प्रेस किया…..लंड ….एक हल्की सी आवाज़ के साथ 4” घुस गया…रश्मि को एक हल्का सा दर्द हुआ…वैसे तो रश्मि भी काफ़ी लंड ले चुकी थी…..पर लंड की मुटाई ज़्यादा रहने और राजेश का निरंतर ना चोद्ना ही एक कारण था कि आज रश्मि को राज का लंड काफ़ी हेवी लग रहा था………उसने अपनी आँखे बंद कर ली और अपने दोनो हाथो से उसकी पीठ को बाँध लिया और सहलाते हुए धीरे से बोली:
रश्मि: हाई डार्लिंग….ज़रा धीरे धीरे…….करो ना??? दर्द होता है…
राज: तुम चिंता मत कर…मे तुम्हे धीरे धीरे ही चोदुन्गा……
रश्मि ने सोचा कि जब मज़े लेना ही है तो शरमाना छोड़ देना चाहिए और फिर उसने अपना हाथ नीचे लेजाकार लंड को पकड़ लिया…लंड तो अभी काफ़ी बचा हुआ है….वो राज के कान मे बोली:
रश्मि: डार्लिंग…ये क्या…अभी तो ये थोड़ा सा ही गया है
राज: छेड़ते हुए….ये क्या?
रश्मि: फिर शर्मा गयी….और उसके कान को काट-ते हुए कहा ये मीन्स लंड
और शरमाते हुए उसकी पीठ को ज़ोर से भींच लिया और उसपे अपने नाख़ून दबाने लगी…………………….आगे बोली…आप लाइट तो बंद कर दो
राज: क्यो?
रश्मि: मुझे शर्म आती है
राज: किस बात की शर्म?
रश्मि: आप तो मर्द है…पर हमे तो मर्यादा निभाना पड़ती है
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