RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
“मुझे क्या दिक्कत होगी मादरचोद... तू तो ऐसे पूछ रही जैसे मेरे ऊपर मूतेगी...???” शाजिया फिर खिलखिलायी।
दोनों की आवाज़ नशे में ऊँची हो गयी थी और लड़खड़ा भी रही थी।
“आइडिया बुरा नहीं है... तेरे ऊपर ही मूत देती हैं... साली हरामजादी... तेरे मुंह में भी मूतूगी अब तो... याद है ना रैगिंग में कैसे फ्रेशर लड़कियों को तूने अपना मूत पिलाया था...” नजीबा जोर से हँसी।
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"तेरी ये इच्छा भी पूरी कर ले ऍड... पर फिर मैं भी तुझे अपने मूत से नहलाऊगी तो रोना मत... ले मूत... मूत साली... तू तो मेरी जान है... तेरा सुनहरा मूत तो अमृत है..." | नशे में चूर शाजिया के जो भी मुँह में आ रहा था बक रही थी।
यह सुनकर नजीबा डगमगती हुई खड़ी हुई और एक हाथ में व्हिस्की की बोतल पकड़े, पूरे जोश में लड़खड़ाती हुई शाजिया के पास गयी। शाजिया के दोनों तरफ अपनी टाँगें चौड़ी करके नजीबा अपनी चूत को अंगुलियों से फैला कर इस तरह खड़ी हो गयी जैसे कोई आदमी यूरीनल में मूतने के लिये खड़ा होता है। फिर उसने अपने घुटने थोड़े आगे झुका लिये ताकि उसकी चूत शाजिया के चेहरे के नज़दीक आ जाये।
“ले साली... कमीनी रॉड... अभी मूतती हूँ तेरे मुंह में?' नजीबा घुरघुरायी, “मैं तेरे रसीले होंठों को मेरी चूत में से पेशाब चूसते देखना चाहती हूँ...” वो अपनी अंगुलियों से जोर-जोर से अपनी क्लिट रगड़ रही थी।
शाजिया भी उसे उकसाते हुए बोली, “कम ऑन... मूत जल्दी से... नहला दे अपनी सहेली को अपने मूत से!”
अचानक नजीबा की चिकनी चूत में से सुनहरे रंग का मूत निकलने लगा और पहली फुहार शाजिया की चूचियों पर पड़ी। नजीबा अपने मूत की धार पर काबू नहीं रख पा रही थी। क्योंकि अपनी विकृत हरकतों की उत्तेजन और शराब के नशे में वो स्थिरता से खड़ी नहीं हो पा रही थी। हाई-हील के सैंडलों में उसके पैर डगमगा रहे थे और काफी सारा पेशाब । शाजिया की चूचियों के साथ-साथ उसकी खुद की जाँघों और टाँगों से नीचे बह कर उसके सैंडलों को तरबतर करने लगा। नजीबा अपने चूतड़ आगे की तरफ ठेल कर अपनी 2 चूत शाजिया के चेहरे के और नज़दीक ले गयी और मूत की ज़ोरदार धार शाजिया की सुंदर आँखों के पास टकरायी और मूत उसकी आँखों और चेहरे से नीचे बहने लगा।
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