RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
“हाँ यार... यू आर राइट... इट वाज़ रियली ग्रेट... अगर एक कुत्ते का लंड पहले से मेरी चूत में फंसा नहीं होता तो दूसरा कुत्ता जबरदस्ती मेरी गाँड में लंड नहीं पेलता और मुझे गाँड मरवाने का मजा ही नहीं मिलता’नजीबा फिर से अपनी सहेली की तरफ पलट गयी।
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क्या...?” शाजिया चौंकते हुए बोली, “तूने एकसाथ उन दोनों कुत्तों से अपनी चूत और गाँड मरवायी...?? मैंने भी अभी तक ऐसा नहीं किया... वॉओ यू आर रेयली ए लस्टी स्लट... मैं भी कल ही यह टॉय करूगी... ऑय एम श्योर.. ऑय विल इंजॉय इट वेरी मच?'
हूँ.. स्लट्स तो हम दोनों पहले से ही हैं पर आज तो मुझे शक है कि मैं निंफोमानियक । बन गयी हैं... क्योंकि शाम से मैं कम से कम पच्चीस-तीस बार झड़ चुकी हूँ पर मेरी
चूत की आग बुझने की जगह और ज्यादा भड़कती जा रही है....” और फिर नजीबा ने ॥ कुत्तों के साथ अपनी चुदाई का विस्तार से वर्णन किया।
करीब 10-15 मिनट तक दोनों इसी तरह छप्पर में गधे के पास ज़मीन पर नंगी पसरी हुई। बातें करती रहीं। अंत में शाजिया बोली, “यार गला और मुंह चिपचिपा रहा है... काफी गाढ़ा वीर्य था इस गधे का...?'
“मम्म्म्म... अभी भी मूह में इसका अनोखा स्वाद बना हुआ है... पर हाँ... शायद वीर्य के सूखने से गला चोक सा हो रहा है... कुछ पी कर इसे गले के नीचे धोना पड़ेगा, नजीबा ने कहते हुए छप्पर में चारों तरफ गर्दन घुमा कर देखा। शाजिया ने भी वैसा ही किया।
“राज तो चोद कर निकल गया... पता नहीं अचानक वो कैसे यहाँ आ गया... मैंने तो आज तक कुत्तों के साथ चुदाई की बात भी उससे छिपा रखी थी पर आज तो उसने हमें गधे से चुदते हुए देख लिया पर जिस तरह से उसने रियेक्ट किया... मेरा ख्याल है कि, ही विल भी ओके विद दिस... ऑय होप इसका कोई इश्यू नहीं बनाये.." शाजिया के स्वर में थोड़ी चिंता थी। “छोड़ यार... डोन्ट वरी.. संभाल लेंगे...” नजीबा ने बेफिक्री से कहा।
कहा।
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चल उसका कल सुबह देखा जायेगा... चल अब घर के अंदर चलते हैं... रात भर आपस में मस्ती करेंगे..." शाजिया उठ कर बैठते हुए बोली। फर्श पर अभी भी गधे का चिपचिपा वीर्य फैल हुआ था। हालाँकि दोनों औरतों ने एक दूसरे के बदन से काफी वीर्य चाट कर साफ किया था पर फिर भी उनके बदन जगह-जगह से वीर्य से सने हुए थे और कहींकहीं सूख कर वीर्य की परत सी जम गयी थी।
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नजीबा उठने की बजाय और फैल कर लेट गयी। फिर अपनी नशे में बोझल आँखों में
शरारत भरकर शाजिया को देखा और शोख मुस्कान के साथ बोली, “अभी तो मेरी जान आ मुझे भी इस गधे के लंड का मजा लेना है... मैं तीन दिन तो यहीं हूँ... तू कहेगी तो पूरा
हफ्ता यहीं रहँगी और हम दोनों जी भर कर हर तरह से ऐश करेंगे... पर अभी तो... जब तक गर्दभ-राज के महा-लंड में शक्ति है... यू नो वॉट ऑय मीन...” और वो धुर्तता से शाजिया को आँख मार कर अपनी चूत सहलाती हुई मुस्कुराने लगी।
ऑय लाइक दैट... चल मैं पीने के लिये पानी ले कर आती हूँ..." शाजिया कहकर उठने लगी।
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“पानी...?? क्यों मयखनों में ताले लग गये हैं क्या???” नजीबा ने शाजिया को रोका, “इतना रूमानी माहौल है... लंड है... चूत है... मूड है... गाँड है... चुदाई है... इस शेहवानी के माहौल में तो मेरी जान सिर्फ शराब छलकनी चाहिये...” नजीबा बहुत शोखी से शायराना अंदाज़ में बोली।
शाजिया को नजीबा के अंदाज़ पर हँसी छूट गयी। वो खिलखिला कर उसी अंदाज़ में बोली,
“जो हुक्म.. नजीबा बेगम...", और फिर से हँसने लगी। अपनी हँसी पर काबू पा कर शाजिया | फिर बोली, “साली तु नहीं बदली.. तेरा तो आज भी वही दस्तूर लगता है... जब पियो तो इतनी पियो कि कुछ होश बाकी ना रहे... ड्रिक टिल यू ड्रॉप.. हम दोनों पहले ही नशे में है
अरे ये तो चुदाई का नशा है.. शराब का नशा तो कब काफुस पड़ गया.... मजा तो तभी आयेग ना जब शराब और चुदाई.. दोनों का नशा बराबर होगा... याद है हॉस्टल में भाग पी कर नशे में तूने टेनिस के रैकेट से अपनी चूत चोदनी शुरू की थी तो अपनी धुन में पूरी रात उससे अपनी चूत चोदती रही..” नजीबा ने हँसते हुए शाजिया को याद दिलाया,
और तू ही तो हमेशा कहती थी कि सब भूल कर मदहोशी में चुदने में अलग ही मजा है
दैट्स ट्यू... रिमेमबर... फाइनल इयर के दिन... वो वंदना हमें कभी-कभी गांजे वाली सिगरेट सपलाई करती थी... उसके बाद खुमारी में चुदाई का कितना मजा आता था... ऑय विश अब भी कहीं से वो सिगरेट मिल सकती... खैर मैं व्हिस्की की बोतल ले कर आती हूँ..." शाजिया कहते हुए डगमगाती हुई खड़ी हुई।
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