RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
राज एक तरफ बैठा काफी देर से उन दोनों छिनाल औरतों की बेहुदा और विकृत हरकतें देख रह था। दोनों औरतों पर चुदाई और विकृति का जुनून सा सवार दिख रहा था। उसका लंड एक बार फिर तन गया था पर गधे के वीर्य में लथपथ उन चुदक्कड़ सहेलियों के पास जाने का उसका कोई इरादा नहीं था। हालाँकि उन दोनों का फूहड़ और गंदा खेल उसे उत्तेजित कर रहा था पर खुद उस गधे के वीर्य को छूने के ख्याल से भी उसे नफ़रत हो रही थी। इसलिए वहीं दूर बैठे-बैठे वो उन औरतों का विकृत नाच देखते हुए मुठ मारने लगा।
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उन दोनों चुदक्कड़ औरतों की हवस देख कर वो सोचने लगा कि इस समय इस गधे और उन दो कुत्तों की बजाय किसी आदमी को अगर अकेले इन औरतों के सुपुर्द कर दिया जाये तो ये दोनों उसे निचोड़ कर उसकी जान ही ले लें और फिर भी इनकी हवस को । इतमीनान ना हो। यह सब सोचते हुए और सामने का कामुक मंज़र देखते हुए उसके लंड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी। फिर वो संतुष्ट होकर थका-हारा वहाँ से निकल कर अपने क्वार्टर में चला गया। उसे दोनों सहेलियों की आँखों में वासना दिख रही थी और उसे यकीन था कि जल्दी ही दोनों फिर चुदाई के लिये तैयार जो जायेंगी और उसमें अब और चुदाई के लिये ताकत बकी नहीं थी।
राज का अंदेशा सही था। ।
एक दूसरे के बदन से वीर्य चाट लेने बाद दोनों वहीं पसर गयीं। एक ख्वाबी मुस्कुराहट शाजिया के सुंदर चेहरे को निखार रही थी। वो अभी भी अपने झड़ने की प्रचंडता से सुन्न थी और गधे के वीर्य की प्रचुरता से हैरतअंगेज़ थी जो उस गधे ने उसकी चूत में पंप किया था।
“ऊहहह.. मजा आ गया यार.. चूत का हर हिस्सा, हर रेशा निहाल हो गया... एंड सो मच स्पंक... कैन यू इमैजिन...', शाजिया ने अंगड़ायी लेते हुए कहा।।
“हाँ यार.. अनबिलिवेबल... कितना डेलिशस टेस्ट है इसका... और इतना बड़ा लंड... चूत के अंदर लिया कैसे तूने... बड़ी चुदक्कड़ है तू... तू बदली नहीं... जैसी कॉलेज के जमाने में लंडखोर थी... अब तो और भी ज्यादा चुदास हो गयी है; नजीबा ने उसे छेड़ा।
पर तू अचानक कैसे यहाँ आ गयी... मैं तो डर ही गयी थी. मैं तो सोच रही थी कि तू नशे में धुत्त हो कर बेखबर सो रही होगी... क्या मेरी चींखें तेरे बेडरूम तक आ रही थीं..?” शाजिया बोली।
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