RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
गधे ने धीरे से अपना लंड बाहर निकाला और फिर झटके से वापस अंदर ठेल दिया। उसके लंड की रॉड शाजिया की चूत में घुसते हुए नजीबा के खुले मुँह में से गुजरी। शाजिया की चूत द्वारा अपने लंड के चूसे जाने से और नजीबा की जीभ और होंठों के लंड पर फिरने और राल टपकाने से गधा उन्मत हुआ जा रहा था। वो अपने लंड से चोदते हुए शाजिया को इस कदर हिला रहा था कि शाजिया का पूरा बदन थरथराता हुआ आधी में पत्ते की तरह हिल रहा था।
शाजिया की चूत पानी छोड़ने लगी।
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जैसे ही शाजिया की चूत का रस गधे के चोदते हुए लंड के चारों तरफ बह कर उसकी सहेली के अधीर मुँह में बाढ़ की तरह प्रवाहित होने लगा, तो शाजिया वासना से दिवानी हो कर कराहने चिल्लाने लगी। उसे अपना तन-मन अपनी चूत के साथ वासना की गर्मी में पिघलता महसूस होने लगा। हकीकत की कुछ चिंगारियाँ अभी भी बाकी थी। शाजिया को स्थिति का आभास था।
“गधा मुझे चोद रहा है और मैं अपनी कॉलेज की सहेली के साथ उनहत्तर (69) की मुद्रा में हूँ" शाजिया ने सोचा। यह अविश्वसनिय पर कामुक स्थिति थी।
और राज, जो छप्पर के दरवाजे पर मुँह खोले और आँखें फाड़े खड़ा था, उसे भी अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था।
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