RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
गधे ने शाजिया की चूत के अंदर घुसे हुए अपने धड़कते लंड की पैंठ कुछ क्षणों के लिये। बनाये रखी। शाजिया को लगा जैसे उसका लंड पम्प की तरह उसके पेट में हवा भर रहा है। अपने चूतड़ घुमा कर वो अपनी चूत को गधे के लंड के इर्द-गिर्द रगड़ रही थी। शाजिया गधे द्वारा चुदाई शुरू होने के लिये बेकरार हो रही थी।
तभी गधा पीछे हिला। परंतु उसका लंड शाजिया की चूत में इतनी मजबूती से गढ़ा था कि लंड बाहर खींचने की बजाय शाजिया को ही अपने लंड के साथ पीछे घसीट लिया। गधे ने फिर एक बार आगे ठेल कर पीछे झटका लिया किंतु उसके लंड ने अंदर या बाहर फिसलने से इंकार कर दिया। वो लंड शाजिया की चूत में इतना कस कर फँसा था कि टस से मस नहीं हुआ।
शाजिया बेकरारी से कराहने लगी। उसके लंड से अपनी चूत इस कदर भरी होने से वो खुश थी पर वो अपनी चूत में चुदाई की ताल में उस भारी लंड के अंदर बाहर फिसलने के लिये तड़प रही थी। अपनी चूत को ठीक स्थिति में रखते हुए उसने अपने पैरों और कंधों को ज़मीन पर ठेला ताकि गधे का लंड बाहर निकल कर फिर अंदर जोर से घुस सके पर वो असफल रही। गधे ने झटका मारा तो शाजिया का पूरा शरीर उसके लंड के साथ घिसट गया।
शाजिया ने सोचा कि कम से कम वो चूत में लंड भरे होने से झड़ तो सकती ही थी। पर फिर उसे दूसरा ख्याल आया। ‘प्रथागत चुदाई के घर्षण के बगैर, क्या वो गधा झड़ पायेगा?
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और अगर वो झड़ कर संतुष्ट नहीं हो सका तो - शाजिया ने आकस्मिक भय से थूक निगला - वो दोनों अलग कैसे होंगें? शाजिया को बड़ा भयनक ख्याल आया कि हो सकता है वो कई घंटों तक गधे के लंड पर फैंसी रहे। और हो सकता है उसकी चूत सुबह तक लंड पर चिपकी हुई हँसी रहे और नजीबा उसे ढूँढती हुई वहाँ पहुँच जाय या फिर उसे किसी डॉक्टर की मदद लेनी पड़े।
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शाजिया इस संभावना से डर कर जोर-जोर से पागलों की तरह झटके मारने लगी। अपनी मुलायम जांचें उस विराट लंड पर कस कर और उसे मजबूती से पकड़ कर वो उस लंड पर अपनी चूत ऊपर नीचे कुचलने की कोशिश करने लगी। पर फिर भी वो टस से मस नहीं हुआ। उसका सुपाड़ा शाजिया की चूत की असीम गहराइयों में था और उसके लंड की अधिकतर डाली उसकी चूत की सुरंग में फंसी थी, पर शाजिया अपनी चूत ज़रा सी भी नहीं। हिला सकी।
नशे में चूर शाजिया को एहसास हो गया कि वो गंभीर समस्या में थी।
परंतु सहायता तो वहीं मौजूद थी.....
औरंगजेब के लंड से आज़ाद होने के बाद अर्ध-चेतन हालत में नजीबा कालीन पर पसरी हुई पड़ी थी। दोनों कुत्ते भी हाँफते हुए नजीबा के नज़दीक ही सिकुड़े हुए पड़े थे। दोनों कुत्तों के आँड रिक्त हो चुके थे और उनके लंड धीरे-धीरे अपने खोल में लुप्त हो रहे थे।
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चार-पाँच मिनट पश्चात नजीबा कुछ संभली तो उसने कुत्तों पर एक नज़र डाली। उसे कुत्तों में नवीन जोश का कोई आसार नहीं दिखा। वो हिम्मत करके उठी। पहले तो वो अपने कपड़े ढूँढने लगी पर फिर उसने कपड़े पहनने का ख्याल छोड़ दिया क्योंकि उसका इरादा तो बाहर छप्पर में जाने का था। उसने सोचा कि जब वो गधे का मूसल लंड अपने हाथों में ले कर सहलायेगी तो गधे का वीर्य हर तरफ छलकेगा और कपड़ों को वीर्य से भिगोने का कोई तात्पर्य नहीं था। वो वैसे ही बिल्कुल नंगी अपने हाई-हील के सैंडल पहने कमरे के दरवाजे तक गयी। उसके कदम पहले की तरह ही लड़खड़ा रहे थे। उसने रुक कर बाहर झाँका तो उसे घर का मुख्य दरवाजा खुला दिखायी दिया। उसने सोचा कि हो सकता हई नशे के कारण शाजिया दरवाजा बंद करना भूल गयी होगी। फिर शाजिया के बेडरूम की तरफ से कोई आहट ना सुन कर वो आश्वस्त हो गयी कि शाजिया नशे में चूर । हो कर गहरी नींद सो रही होगी।
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