RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
“हाँ यार हमें भी कहाँ होश था... तभी तो रैगिंग इस हद तक पहुँच गयी थी कि हमने उन फ्रेशर लड़कियों कि चूत मोटी-मोटी मोमबत्तियों से चोदी थीं और बाद में उनसे अपनी चूत चटवायी थीं?”
और तूने तो हद ही कर दी थी जब तूने एक लड़की के मुंह में मूत ही दिया था?”
दोनों जोर से खिलखिला कर हंस पड़ी। नजीबा सोच रही थी कि उसे बाद में बेडरूम में जाकर अपने हाथ से अपनी चूत की प्यास बुझानी पड़ेगी। शाजिया भी सोच रही थी कि नजीबा के सोने के बाद अपने कमरे में जाकर आज तो औरंगजेब और टीपू से जी भर कर रात भर चुदवायेगी। शाजिया ये सोच कर मुस्कुरा दी कि नजीबा कि क्या प्रतिक्रिया होगी अगर उसे पता चल गया कि वो चुदवाने में आज भी पीछे नहीं है बल्कि उसकी चुदाई की भूख इस कद्र बढ़ चुखी है कि वो अपने कुत्तों से नियमित चुदवाती है।
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नजीबा भी सोच रही थी कि शाजिया को बताये कि नहीं कि वो आज भी पराये मर्दो से | चुदवाती है क्योंकि उसके इंडस्ट्रियलिस्ट पति को उससे ज्यादा अपने बिज़नेस में दिलचस्पी थी। उसका पति भी अपनी सेक्रेटरी और दूसरी औरतों को चोदता था। नजीबा तो कॉलेज के समय से ही चुदासी थी इसलिए उसे अपनी चूत की प्यास बुझाने के लिये दूसरे मर्दो से चुदवाने में कोई आपत्ति नहीं थी। सुबह जब वो यहाँ शाजिया से मिलने आयी इतर ५ थी तब से ही उसकी नज़र राज पर भी थी।
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तभी वहाँ एक गधा दिखायी दिया। नजीबा तो अचानक गधे को देख कर डर गयी और चींख पड़ी।
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“अरे यार! डरने की कोई बात नहीं है.. ये हमारे धोबी का गधा है... वो पास के गाँव में रहता है और आजकल विहार में कहीं अपने घर गया हुआ है। इसलिए अपना गधा हमारे फार्म पर छोड़ गया... राज इसे चारा-पानी इत्यादि दे देता है। वैसे तो ये ऊधर छप्पर (बान) में बंधा रहता है पर शायद राज इसे बाँधना भूल गया', शाजिया ने कहा पर ये नहीं बताया कि उस धोबी से भी वो चुदवा चुकी है।
शाजिया ने दोनों के लिए नया डिंक बनाया और दोनों फिर बतियाने लगीं।
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उस गधे को भी शायद उन दोनों की चूत की महक आ गयी थी। वो उनकी कुर्सियों के पीछे बिल्कुल पास आकर खड़ा हो गया। शाजिया ने हाथ बढ़ा कर उसकी गर्दन पर हल्के से मारते हुए उसे भगाने की कोशिश की। पर गधा कहाँ इतनी आसानी हटने वाला था।
ये गधे बहुत अड़ियल होते हैं... शाजिया इतनी आसानी से नहीं हटेगा ये, नजीबा ने हँसते हुए कहा।
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