RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
शाजिया लालसा से टकटकी लगाये उसे घूरती हुई मुस्कुराने लगी। वो अच्छी तरह जानती थी कि ज़रा सा चूस कर वो उस भयानक लंड को वापिस दनदनाता छड़ बना सकती थी। फिर उसने कमरे के कोने में टीपू की तरफ नज़र घुमायी और देखा कि कुछ देर पहले निचुड़ा हुआ उसका लंड नवीन जोश और ताकत का आशाजनक संकेत दे रहा था।
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शाजिया की इच्छा हुई कि काश उसके पास इन दोनों कुत्तों को फिर से चोदने का समय होता। लेकिन तभी कुल्हाड़ी के आखिरी वार की आवाज़ आयी और उसके बाद बाहर सन्नाटा हो गया। शाजिया ने खुद को समझाया कि उसे कुत्तों से चुदवाने के लिये अगले आ मौके का इंतज़ार करना पड़ेगा।
अपनी इस गुप्त और विकृत चुदाई के मलाईदार प्रमाण को छिपाने के लिये शाजिया ने । बिस्तर से उतर कर अपने नंगे सुडौल बदन पर छोटा सा रेश्मी गाऊन डाल लिया। कुत्तों के गाढ़े वीर्य और उसकी खुद की चूत के रस के मिश्रण ने उसकी चूत पर झाग सा फैला रखा था और उसकी भीतरी आँघों को भी भिगो रखा था। इसे छिपाने के लिए शाजिया ने गाऊन के फ्लैप अपने चारों ओर खींच लिए। उसे महसूस हो रहा था जैसे कि उसका बदन गाऊन के नीचे दमक रहा था। जब वो चली तो उसे लगा कि वो अपनी चूत में | कुत्तों के वीर्य की 'पिच पिच' सुन सकती थी।
‘चूतिये साले' शाजिया ने मन में कहा। “इन चोद कुत्तों ने कम से कम एक बाल्टी वीर्य तो मेरी चूत में आज डाल ही दिया होगा। अगर कुत्ते का वीर्य हवा से हल्का होता तो मैं अभी बादलों में उड़ रही होती। इसी लिए तो कुत्तों की खुराक का खास ख्याल रखा जाता था। दूध, मीट, अंडों के अलावा बादाम, काजू, अखरोट इत्यादि सूखे मेवे हर रोज़ कुत्तों की खुराक में शमिल थे।
फिर उसने अपने सुंदर चेहरे को सुव्यवस्थित करके गंभीर और नम्र भाव लाये और अपने अरदली राज का कमरे में लकड़ियाँ ले कर आने का इंतज़ार करने लगी। वो राज से । अनेक बार चुदवा चुकी थी पर चुदाई के अलावा बाकी समय उनका रिश्ता सामान्य नौकर-मालकिन का ही था। जब शाजिया का मन हो तभी वो उसके साथ संभोग कर सकता था। राज को खुद से चुदाई की पहल करने की छूट नहीं थी। शाजिया उस पर अपना रौब और अधिकार बनाये रखती थी और उसके साथ सामान्य और गंभीर रहती थी। राज को । उसे 'मैडम' कह कर ही संबोधित करना पड़ता था लेकिन इसके बिल्कुल विपरीत, चुदाई के समय शाजिया का दूसरा रूप होता था। चुदाई के वक्त वो एक गर्म रॉड की तरह पेश आती थी और उस समय मैडम’ नहीं, बल्कि गंदी गंदी गालियाँ पसंद करती थी।
कुत्तों से चुदने के बावजूद इस वक्त शाजिया का दिल और चूत दोनों कुछ ज्यादा उदारता महसूस कर रहे थे। शायद वो आज राज को भी चुदाई का मौका दे दे। यही सोच कर शाजिया ने अपनी टाँगों के बीच लगा वीर्य और चूत रस का लिसलिसा मिश्रण अपने हाथ से पोंछा और फिर अपने हाथ पर से उस पदार्थ को बड़े चाव से अपनी जीभ से चाटने लगी।।
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