RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
यह बोलकर वो आगे बढ़ा और मैंने सोची कि अब अमित मेरी चूत से चॉकलेट निकलेगा!
लेकिन वो तो आज अलग ही मूड में था, अमित मेरी नाभि के पास अपनी जीभ फिराने लगा। मैं ऐसे तड़प उठी जैसे जल बिन मछली! फिर उसने मेरी नाभि की सारी चॉकलेट चाट ली और उसे भी अपने दांतों से चबाने लगा। मैं तो अपना आपा खो चुकी थी, वो इतनी जोर से दाँत काट रहा था कि मैं चिहुकने लगी थी लेकिन वो तो बस अपनी जीभ से मेरी नाभि को चूत समझकर चोद रहा था। वो मेरी चूत को जैसे भूल गया था।
मैं आज तक कितने लोगों से चुदी, अमित ने भी शादी से पहले मेरी बहुत बजाई लेकिन आज तक ऐसी चुदाई कभी कल्पना में भी नहीं सोची थी। मेरा यकीन मानिए आप एक बार ऐसी चुदाई किसी के साथ कर के देखे वो आपकी गुलाम हो जाएगी जैसे इस वक़्त मैं थी अपनी पति की गुलाम।
अब वो आगे बढ़ा और मेरी चुचियों की तरफ बढ़ा। मैं समझ गयी कि आज इनकी दुर्गति होने वाली है क्योंकि अमित ने उन चीजों को नहीं छोड़ा जिनकी लोग उपयोग कम करते है। वैसे भी चुचियों को तो मसलवाने का वरदान ऊपर वाले से ही मिला है।
तभी अमित ने मेरी चूची को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा। कुछ देर तक तो बड़े अच्छे से चूस रहा था। उसके बाद वो जालिम की तरह मेरी चूची को काटने लगा। ऐसे लग रहा था जैसे मेरी मेरी चूची से खून निकल जायेगी, लेकिन मज़ा भी उतना ही ज्यादा आ रहा था।फिर मैं अपने हाथों से अमित को हटाने लगी तो अमित ने मेरे दोनों हाथों को दोनों तरफ कर और तेज से काटने लगा। वो कभी मेरी चूचियों को जोर से काटता तो कभी अपनी जीभ लेकर निप्पल को चाटता तो कभी बच्चे की तरह दूध पीता।
मेरा दिमाग कंफ्यूज हो गया था कि मैं दर्द से चिल्ला रही थी या मदहोशी से। जब मेरा दिमाग नहीं समझ पा रहा था तो चूत की क्या औकात… मैं कब गर्म होती और कब झड़ जाती, पता ही नहीं चल पा रहा था।आज बिना चुदे ही अभी तक मेरी चूत ने 4 बार पानी छोड़ दिया और मेरी चूत से चॉकलेट रिस-रिस कर निकल रही थी।
मैं अब चुदाई के लिए पागल होती जा रही थी। अब मैं बर्दाश्त करने के काबिल नहीं रही। तब मैं अमित को गुस्से में बोली- आज चोदोगे भी? या यही सब करते रहोगे?अमित समझ गया कि मैं गुस्से में हूँ तो उसने मेरी चुचियों को मुक्त किया और बोला- अभी तेरी चूत के चिथड़े उड़ाता हूँ रानी।
फिर वो मेरी टाँगों के बीच आकर बैठ गया और मेरी चूत पर उँगली फिराने लगा। मैं सिहरने लगी।
अमित ने मेरी चूत को अपने मुँह में भर लिया, मैं फिर से मचलने लगी और फिर धीरे-धीरे कर के सारी चॉकलेट को चूस लिया और जीभ से चूत में रखी किट-केट को अंदर धकेल रहा था।मेरे से अब वासना की गर्मी बर्दाश्त नहीं हो रही थी, मैंने अपनी टाँगों की कैंची बनाकर उसके सर को मेरी चूत में और दबोच लिया और वो भी मज़े से मेरी चूत चुसाई कर रहा था। मेरी चूत के अंदर तो लावा फूट रहा था। तभी लावा ने ज्वालामुखी का रूप लेकर फिर पानी छोड़ दिया।
अमित बोला- फिर से झड़ गयी जान!यह बोलकर वह मेरी चूत से किट-केट निकालने लगा। जैसे ही चॉकलेट निकला, मैं चॉकलेट देखकर चौक गयी। चॉकलेट मेरी चूत की गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सका और ऐसे लग रहा था कि जैसे चॉकलेट ने मेरी चूत को चोदते-चोदते अपने प्राण त्याग दिये।
अब अमित मेरे मुँह के पास अपना लन्ड लाया तो मैं बोली- रुको!और उठकर उसके लन्ड पर ढेर सारा चॉकलेट लगा दी। यह देखकर अमित बहुत खुश हुआ और बोला- ये हुई न बात!फिर मैं उसके लन्ड को चूसने लगी।
मुझे अब पता चला कि अमित आज मेरी इतनी चुसाई क्यों कर रहा था। मैं खुद ही अलग दुनिया में खो गयी थी और मन कर रहा था कि पूरी रात अपने पति का लंड चूसती रहूँ। और अमित भी अपनी आँखों को बंद करके मुख मैथुन का आनन्द ले रहा था।
फिर मैंने उसके लन्ड को बाहर निकाला और बोली- मुझे चूत चुदवानी है, मुँह नहीं!वो उठा और एक शीशी से तेल निकली और अपने लन्ड पर लगाकर थोड़ी मालिश करी और आकर मुझे फिर से लिटा दिया और फिर से मेरी चूत पर ढेर सारी चॉकलेट लगा दी।मैं गुस्से से बोली- यार पूरी रात चूसोगे ही क्या?तो अमित बोला- नहीं रानी, आज तेरी चूत पर चॉकलेट लगा कर चोदूँगा.
मैं यह सुनकर खुश हुई कि चलो अब मेरी चुदाई होगी। मैं चुदने के लिए कभी इतना नहीं तड़पी थी।
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