RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
यह कह कर वो मुझे उन सब से थोड़ी दूर पर ले गया और बोला- दीदी चिल्लाओ मत, मुझे और मेरे दोस्तों को खुश कर दो. फिर हम छोड़ देंगे.मैं बनावटी गुस्से में बोली- ऐसे तो मुझे दीदी बोलते हो. और अपनी दीदी के साथ कोई ये सब करता है क्या!और सुरेश को भी थप्पड़ मार दिया.
फिर वो गुस्सा हो गया, बोला- साली रण्डी, अगर तेरी जैसी बहन हो तो दिन रात चोदता. काश तू मेरी सगी बहन होती. तब तो तेरी रोज चुदाई करता.और फिर उसने अपनी जेब मोबाइल निकाला. मैंने सोचा कि ये शायद मेरा MMS बनाएगा लेकिन मैं गलत निकली, उसने मोबाईल मेरे आगे किया और एक वीडियो प्ले कर दी.वो विडियो देखते ही मैं एकदम शांत हो गयी. यह वही विडियो थी जो मम्मी ने मुझे दिखाई थी मेरी और संतोष की.
फिर वह बोला- ये वीडियो मैंने ही तेरे बाप को दी थी. अब तू बता मेरे इन दोस्तो से चुदेगी. या सबको दिखा दूँ?वह वीडियो देखते ही मैं शांत हो गई और बोली- अगर तुमने मेरी चुदाई ही करनी थी तो अकेले कर लेते इस सब के साथ क्यों!सुरेश बोला- मुझे तुम्हारे साथ ग्रुप सेक्स करना था.मैं बोली- पांच-पांच लोगों के साथ अकेली मैं तो मर जाऊंगी.वह बोला- कुछ नहीं होने दूंगा, तुम्हें आराम आराम से चोदेंगे सारे.
फिर भी मैं सुरेश को बोली- मुझे जाने दो, जब भी तुम बोलोगे मैं वहां जाऊंगी.लेकिन वह नहीं माना और बोला- चुदाई करवाओगी या नहीं?मैं उसको बोली- पांच लड़कों के बीच मैं डर रही हूँ. तुम मुझे अकेले जब चाहे, जितना चाहे चोद लेना.
लेकिन वह नहीं माना और मेरी चुचियों को ऐंठते हुए बोला- रानी, हमारे साथ आओगी या नहीं, यह बताओ.ना चाहते हुए भी मैंने हामी भर दी और उसके साथ चल पड़ी.
वहां खड़े लड़कों ने मुझे शांत देखा तो सुरेश को बोले- यार तूने तो कमाल कर दिया, साली को 2 मिनट में शांत कर दिया, ऐसा क्या किया?सुरेश बोला- तुम लोग सिर्फ आम खाने से मतलब रखो!
और फिर सब मेरे टूट पड़े, मेरी पैंटी पहले कौन निकाले इसी जल्दी में मेरी पैंटी को सबने मिल कर एक झटके में फाड़ दी. मुझे पूरी तरह बीच सड़क पर नंगी कर दिया.मैं मन ही मन सोच रही थी कि यह मेरे साथ क्या हो रहा है, हमेशा सड़क पर ही मेरी चुदाई क्यों होती है.
मैं अंदर से बहुत डरी हुई थी, मैं बोली- प्लीज यार छोड़ दो!लेकिन सब मूड में आ चुके थे, सबका लण्ड तन के रॉड बन चुका था.
सुरेश ने मुझे कहा- रानी, आज के लिए तू द्रौपदी बन जा और हम तुम्हारे पांच पांडव.मैं बोली- ठीक है, मैं द्रोपदी बनने के लिए तैयार हूँ. लेकिन तुम में से कोई एक आज चोद लो. और बाकी से अलग-अलग दिन चुदवा लूंगी. द्रोपदी भी एक दिन में एक ही पांडव से चुदती होगी.
तभी एक लड़के ने कहा- वो सतयुग की द्रोपदी थी लेकिन तुम कलयुग की द्रौपदी हो और तू तो चुदक्कड़ है ही. इसीलिए तुम पांचों पांडवों से एक रात में ही चुदोगी.
इतना बोलकर सब लड़के हंसने लगे और मेरे अंगों को मसल रहे थे, मैं समझ गई थी कि आज ही लोग बिना चोदे मुझे जाने नहीं देंगे. मैं बोली- यार तुम लोग तो चोदोगे ही तो कहीं और चलो.
उस समय रात के 9:30 बज चुके थे, सबने कहा- चल तेरे घर पर जाकर तुझे चोदते हैं.मैं बोली- मेरे घर पर मेरे मम्मी पापा होंगे.तभी एक लड़के ने बोला- तेरी माँ भी तो एकदम हॉट है. चल आज तेरी माँ को भी चोद देंगे.और सभी ठहाके लगाने लगे.
तब सुरेश बोला- इतनी रात को कोई होटल भी नहीं देगा.फिर एक लड़के ने बोला- यार, ऐसा करते हैं इसे पार्क में लेकर चलते हैं. इसकी पूरी रात ढंग से चुदाई करेंगे.यह बात सबको सही लगी. पार्क बगल में ही थी थोड़ी दूर पर…मैं कपड़े पहनने लगी तो सब लड़कों ने मना कर दिया बोला- रहने दे, आज रात तू कपड़े नहीं पहनेगी, नंगी ही चल पार्क!मैं बोली- कपड़े तो उठा लेने दो!इतने में एक लड़के ने मेरे कपड़े उठा लिये.
पूरे रास्ते पांचों लड़के मुझे खिलौने की तरह मसलते नोचते ले गए. जैसे हम लोग पार्क पहुंचे तो पार्क बंद हो चुका था.तो एक लड़के ने कहा- भाई मेरे से अब बर्दाश्त नहीं जो रहा, साली को यहीं चोद देते हैं.तभी सुरेश बोला- पागल है क्या? यहाँ किसी ने देख लिया तो मारे जाएंगे. एक काम करते है. पार्क की दीवार कूद कर अंदर चलते है. उसके बाद अंदर इसकी जवानी को निचोड़ेंगे.तो सभी ने हामी भर दी.फिर जैसे तैसे दीवार कूद कर अंदर गये.
अंदर जाते ही सारे लड़के मुझ पर टूट गये और सब नंगे हो गए. सबके लंड एकदम तने हुए थे. मैं एक साथ इतने लंड पहली बार देख रही थी. सब मुझे खिलौने की तरह नोच रहे थे, जिसको जो अंग मिलता, वो उसी को अपने दाँतो से काट रहा था.एक मेरी चूची मसल रहा था, एक चूची काट रहा था. एक मेरी नाजुक होंठों को अपने होंठों से चूसे जा रहा था, एक मेरी नर्म-नर्म गालों को अपने दाँतों से चबा रहा था और मेरी गांड मसल रहा था. और एक मेरी सबसे बड़ी अमानत यानि मेरी चूत को मसल रहा था,
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