RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
नमस्कार दोस्तो, आप सभी चुदाई प्रेमियों का एक बार फिर अपनी सच्ची चोदन कथा में स्वागत करती हूँ और आपका दिल से धन्यवाद करती हूँ कि आपने मेरी कहानी को इतना ज्यादा सराहा. बहुत सारे पाठक मुझे चोदना चाहते हैं, मैं भी नये नये लंड से चुदना चाहती हूँ लेकिन क्या करूं, भगवान ने मुझे एक ही चूत, गांड दी है जिससे मैं सबसे नहीं चुद सकती.लेकिन मैं सबसे निवेदन करती हूँ कि कहानी पढ़ते-पढ़ते आप मेरी नाम की मुठ मारें और सारा वीर्य मेरे बदन पर डाल दें क्योंकि मुझे अब वीर्य की खुशबू बहुत अच्छी लगती है. मैं चाहती हूँ कि हमेशा किसी ना किसी का वीर्य मेरे शरीर पर हो.अब ज्यादा टाइम ना गंवाते हुए अपनी चोदन कथा पर आती हूँ.
मेरी पिछली भाग मे मैं बेचारी जवानी की आग में जल रही थी आपने पढ़ा कि किस तरह मेरे होने वाले पति अमित ने मेरी जबरदस्त चुदाई की. अब अमित को मेरी चूत की लत लग गई थी, वो हमेशा मुझे चुदाई के लिये फ़ोर्स करता रहता था. मैं तो चुदक्कड़ थी ही. हम दोनों की जोड़ी अच्छी जम रही थी. हम महीने में 3-4 बार चुदाई का आनन्द उठा ही लेते थे. कभी-कभी तो घर से बोल कर जाती थी कि आज पूरी रात सहेली के यहां पढ़ाई करूँगी. और फिर अमित के साथ किसी होटल में जवानी की पाठ पढ़ने लगती थी यानि जमकर चुदाई करवाती थी.
इसी तरह हम दोनों एक दूसरे के जिस्म की भूख मिटाने लगे थे. जब भी टाइम मिलता, वो मुझे चोदने लगता था.
एक दिन अमित का फोन आया कि वह मुझे चोदना चाहता है.मैं थोड़े नखरे दिखाने लगी. लेकिन जल्दी ही मान गयी और मानती भी क्यों ना, मेरी चूत में खुजली तो हमेशा ही रहती है.
मैं तैयार हो गई और सज धज कर अमित से चुदने के लिए शाम को घर से सज धज कर निकल गई. जैसे ही मैं होटल पहुंची, तभी अमित का फोन आया- मैं आज नहीं आ सकता, किसी काम से शहर से बाहर जा रहा हूँ.
मुझे बहुत तेज गुस्सा आया, मैं गुस्से में बोली- पहले बता देते तो मैं इतनी रात को नहीं आती.उसने माफी मांगी और बोला- ठीक है, वापिस चली जाओ, फिर कभी मिलेंगे.
उस समय शाम के 8:00 बज रहे थे. मैं क्या क्या सोच कर आई थी कि आज पूरी रात जमकर चुदाई करवाऊंगी. मन की बात मन में ही रह गयी. मैं गुस्से से और निराश होकर घर लौटने लगी. वहां से रिक्शा ली और घर से कुछ दूरी पर उतर गई, वहां उतरकर पब्लिक टॉयलेट जाने लगी कपड़े बदलने के लिए क्योंकि मैं इस ड्रेस में घर पर तो नहीं जा सकती थी.
मैं आपको बता दूँ कि मैं उस दिन मिनी स्कर्ट और टॉप पहने थी.
लेकिन वहाँ कुछ मनचले टाइप लड़के थे. जो आने जाने वाली हर लड़की को छेड़ते थे और गंदे कमैंट्स पास करते थे.मुझ पर तो कुछ ज्यादा ही ये लोग मेहरबान थे, मुझे हमेशा छेड़ते रहते थे और मेरी जवानी पर गंदे गंदे कमेंट करते रहते थे जो कि मुझे भी अच्छी लगती थी. ये सारे लड़के मेरे पड़ोस के ही थे. इनमें से एक को अच्छे से जानती थी उसका नाम सुरेश था, मेरा पड़ोसी था और वो मुझे सबके सामने दीदी बोलता था लेकिन एक नम्बर का लोफर था.
जैसे ही मैं टॉयलेट में जाने लगी, एक लड़के ने मेरे से बोला- क्या बात है रानी, आज इतनी रात को पब्लिक टॉयलेट में?तभी एक लड़के ने कहा- आज यही टॉयलेट कर लो. हम लोग भी तुम्हारी चूत के दर्शन कर लेंगे.
उन लड़कों के मुंह से यह बात सुनकर मुझे बहुत गुस्सा आया. वे लड़के पहले भी मुझे छेड़ते थे लेकिन इस तरह से कभी बात नहीं करते थे.मैं बहुत गुस्से में थी और जाकर उस लड़के के गाल पर एक थप्पड़ जड़ दिया और टॉयलेट जाने लगी.
तभी वह लड़का मेरे पीछे पीछे दौड़ता आया और मुझे पीछे से आकरपकड़ लिया और गाली देने लगा- साली, कुत्ती, रण्डी, भोसदी की, बहनचोद ना जाने कितनों से चुदवाती है और मुझे थप्पड़ मारती है. आज तुझे इसका जवाब दूंगा.मैं थोड़ी सी डर गई और बोली- छोड़ो मुझे!
लेकिन वह नहीं माना, मैंने जैसे तैसे करके अपने आप को उससे छुड़ा कर जाने लगी. तभी वह लड़का दौड़ के फिर मेरे पीछे आया, मुझे कस के पकड़ लिया और बोला- साली, आज तेरी सारी गर्मी उतारूंगा.और मुझे सीधी करके चूमने लगा, मेरे होठों पे जबरदस्त स्मूच करने लगा.
मैं चिल्लाती इससे पहले उसने सारे लड़कों को बुला लिया. फिर सारे लड़कों ने मुझे घेर लिया आप सब मेरे अंगों से खेलने लगे. मुझे मजा आ रहा था लेकिन मैं बोल रही थी- छोड़ दो, मुझे छोड़ दो! लेकिन कोई सुन नहीं रहा था, उन सबने मानो मुझे चोदने का प्लान बना रखा था.
सब मेरे अंगों से वहीं बीच सड़क पर खेल रहे थे, कोई मेरी चूची दबा रहा था तो कोई गांड मसल रहा था तो कोई चूत में उंगली करने की कोशिश कर रहा था. जिसका हाथ जहाँ पड़ता वो वहीं मसलने लगता था. एक तो मेरी नंगी जांघो को मसल रहा था. समझ में नहीं आ रहा था कि कितने लड़के थे.एक लड़का मुझे बेरहमी से मसलते हुये बोला- साली रंडी, सच में तेरे अंदर बहुत गर्मी है. आज हम पांच मिलकर तेरी सारी गर्मी यहीं निकलेंगे.सुन कर मैं रोमांचित हो उठी कि आज कुछ नया मिलेगा.
इससे पहले मैं कुछ कह पाती, उन लड़कों ने जैसे-तैसे करके मेरी टॉप निकाल दी और ब्रा को फाड़ कर मेरी चूची को आज़ाद किया.तभी एक लड़के ने बोला- भाई रहने दे, छोड़ देते हैं. नहीं तो कुछ पंगा हो जाएगा.उस लड़के की कौन सुनता, तभी एक लड़के ने उसे कहा- साले तुझे नहीं करना तो तू जा, कितने दिनों के बाद ऐसी माल मिली है. इसे चोद कर तो मैं नरक में भी जाने को तैयार हूँ. इस साली रण्डी का हमें पता है कि कितनों से कहाँ कहाँ चुदती है.
तभी उन सबने मिलकर मेरी स्कर्ट उतार दी. अब मैं उनके सामने सिर्फ एक छोटी पेंटी में थी. मुझे इस हालत में देख पांचो मेरे से चिपक कर अपनी लंड से चोट करने लगे. अब मुझे डर लगने लगा था, मैं उनसे छूटने लगी. तो एक लड़के ने बोला यार- ये ऐसे करती रही तो हम मारे जाएंगे.तभी सुरेश बोला- तू टेंशन मत ले, अब ये आराम से चुदवायेगी.
कहानी जारी रहेगी
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