RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
जैसे तैसे करके इंतज़ार की घड़ी खत्म हुई और मैं सुबह उठकर पहले अच्छे से नहाई और चुत के बाल साफ किये। फिर अच्छे से चुत की क्रीम से मसाज की फिर अच्छे से चुत पर पाउडर लगाया। फिर चूत पर मादक सुगन्ध वाली परफ्यूम अच्छे से डाली और मन ही मन सोचा कि आज मेरी चूत अपने असली हक़दार से चुदेगी।और फिर एक सेक्सी सी पिंक कलर की पेंटी से अपने चूत को ढक ली और जीन्स और टॉप पहन कर रेडी हो गई।
तभी मम्मी ने आवाज़ दी- कि नाश्ता कर लो।मैं नाश्ता करने चली गई।
तभी मम्मी बोली- क्या पहन कर अमित से मिलने जाओगी?मैं बोली- यही जीन्स और टॉप!तभी मम्मी बोली- पागल है क्या… शॉपिंग पे जा रही हो या तीर्थयात्रा पर?फिर मैं बोली- तो क्या पहनूँ?तभी मम्मी ने एक लाल रंग की स्कर्ट और सफेद रंग की टॉप दी, बोली- ये पहन कर जाओ और अच्छी सी परफ्यूम भी लगा लेना, अमित को अच्छा लगेगा।
मम्मी को क्या पता कि उनकी बेटी काम वाली (चूत) जगह को दुल्हन की तरह सजा कर जा रही है। मम्मी मुझे ये कपड़े देगी में सोची भी नहीं थी।
मैंने स्कर्ट और टॉप पहन ली, स्कर्ट मेरे घुटनों से थोड़ी ऊपर थी और कसी हुई थी जिससे मेरी गांड एकदम उभर कर निकल गई थी और टॉप का गला बहुत ज्यादा खुला था. इतना कि जिससे चूची की रेखा साफ-साफ दिख रही थी।ऐसा लग रहा था कि मम्मी को पता है कि मैं चुदने जा रही हूं।
मैं अच्छे से परफ्यूम लगा कर निकल गई और टैक्सी लेकर होटल की ओर निकल गई।
टैक्सी वाले ने पूरे रास्ते मुझे खा जाने वाली नज़रों से घूरते घूरते होटल पहुँचा दिया।मैंने होटल में जैसे ही एन्ट्री की वैसे ही, मुझे वहाँ का मैनेजर मिल गया, बोला- अरे मधु जी आजकल आप आती भी नहीं हैं?मैं बोली- थोड़ी बिजी हूँ।यह बोल कर में निकल गई।
फिर मैं रिसेप्शनिस्ट के पास जैसे ही गई, वो मुझे पहले बाहर आकर गले से लगी, फिर बोली- कहाँ हो यार… आजकल कितने दिनों पर आई हो, और तेरा चोदू बॉयफ्रेंड कहाँ है।मैं उससे अलग हुई और बोली- यार अभी बिजी हूँ, बाद में बताऊँगी। तू ये बता अमित कौन से रूम में ठहरा है?तो वो पूछने लगी- कौन अमित?मैं बोली- तू देख ना.. कोई अमित नाम से है?उसने चेक करके बताया- 102 नम्बर में है।
फिर वो मेरे पास आई और बोली- क्या बात है? यार बॉयफ्रेंड चेंज कर लिया?मैं बोली- बाद में बताऊँगी, अभी जाने दे।फिर वो बोली- हाँ हाँ जा, आज तो नए शिकार को खुश कर देना।
मैं हँसते हुये निकल गई। थोड़ी देर में 102 के आगे पहुंच गई, अपने आप को ठीक किया और बेल बजा दी।बेल बजते ही अमित जैसे ही दरवाजा खोला, वो मुझे देखता ही रह गया। वो मुझे इस हॉट लुक में पहली बार देख रहा था, बस मुझे घूरे ही जा रहा था।मैं बोली- अंदर भी बुलाओगे या यहीं सब कुछ करना है।तब उसने मुझे अंदर किया।
फिर बोला- यार, तुम तो इस ड्रेस में काफी हॉट लग रही हो।यह बोलकर उसने दरवाजा बंद किया और मुझे गले से लगा कर मेरी पीठ को सहलाने लगा, मेरे गालों को चूमने लगा।
फिर वो मेरे होंठों को चूमने लगा। चूम कम रहा था, वो मेरे होंठों को खाने लगा था। मुझे दर्द भी हो रहा था लेकिन बोलती, कैसे लिप लॉक थी मेरी!मैंने अमित को धक्का दिया और बोली- यार थोड़ा सब्र रखो, सांस तो लेने दो।तो अमित बोला- मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा है।
फिर वो मेरी तरफ बढ़ा, मैंने उसे रोका, बोली- यार, मैं यही हूं, जो दिल में आये करना, तसल्ली रखो।लेकिन मेरी बात सुनता कौन है… उसने मुझे अपनी फिर अपनी सख्त बाजुओं में दबोच लिया और मेरे चेहरे पर चुम्बनों की बरसात कर दी।
फ़िर वो मेरी होंठों को चूसने लगा… इस बार मैं भी उसका साथ दे रही थी, देखते ही देखते दोनों एक दूसरे की होंठों को चूस रहे थे। लेकिन वो चूस कम रहा था और दाँतों से ज्यादा काट रहा था। मैं भी अब काटने लगी थी… यह देख उस में और जोश आ गया और वो मेरी चुची को बुरी तरह मसलने लगा जैसे मैं इसकी होने वाली बीवी नहीं रंडी हूं।
वो बस मुझसे खेल रहा था, कभी चूची मसलता तो कभी गांड मसलता… मुझे दर्द भी हो रहा था लेकिन क्या करूँ।
देखते ही देखते उसने मेरा टॉप निकाल दिया और ब्रा को एक झटके में नोच कर फेंक दिया।
मेरी चुची देखकर तो मानो जैसे उस पर भूत सवार हो गया, वो एक हाथ से मेरी एक चुची को बुरी तरह मसल रहा था और एक चुची को अपने दाँतों से जख्मी कर रहा था। वो चूस कम रहा था, और काट ज्यादा रहा था।ऐसा लग रहा था कि वो मेरी चूची से दूध की जगह खून निकाल देगा।
वो मुझे बुरी तरह रौंद रहा था जिससे मैं काफी गर्म हो गई थी, मैं बोली- यार सब कुछ खड़े-खड़े करना है क्या?यह बात सुनकर उसने मुझे छोड़ा और बोला- नहीं मेरी रानी, आज तो तुझे हर पोज़ में चोदूँगा, आज तेरी सारी गर्मी उतार दूँगा।
फिर मुझे उसने गोद में उठाकर बेड पर पटक दिया और फिर से मेरे ऊपर सवार हो गया। वो अब की बार दोनों हाथों से मेरी चुचियों को मसल रहा था और मेरे होंठों को चबाये जा रहा था।फिर में अमित से जबरदस्ती अलग हुई और थोड़े गुस्से में बोली- यार टाइम नहीं है, जो करना है जल्दी करो!
वो उठा और मेरी स्कर्ट खोल कर उतार दी, अब मैं सिर्फ पेंटी में थी।फिर मैं झट से उठी और उसके कपड़े खोलने लगी।
जैसे ही उसकी शर्ट उतारी, मैं तो देखते ही रह गई, एकदम चौड़ा सीना, सिक्स पैक एक गठीला जवान था… तभी तो मुझे रौंद रहा था… बिल्कुल आर्मी के लायक था।
फिर उसकी पैंट जैसे ही उतारी, उसका लंड उसके अंडरपेन्ट के अन्दर से ही फूँकार मार रहा था। ऊपर से ही लन्ड काफी लम्बा मोटा दिख रहा था। फिर अमित बोला रुक क्यो गई। ये भी उतारो अपने पति की अमानत देखो। फिर में जैसे ही अंडरपेन्ट उतारी अमित का लन्ड खुद कर बाहर निकला। मैं तो लन्ड को देखते ही रह गई।
करीब 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा होगा। में तो देखकर डर गई थी। इसके सामने तो जैसे अंकल और संतोष का लन्ड बच्चा हो। फिर अमित ने लन्ड मेरी मुँह की तरफ बढ़ाया।मैं मना कर रही थी लेकिन वो जबरदस्ती मेरी मुँह में लन्ड पेलने लगा, बड़ी मुश्किल से आधा लन्ड मुंह में घुस पाया होगा कि वो लन्ड को आगे पीछे करने लगा।
मैं भी उसके लन्ड को बिल्कुल लेमनचूस की तरह चूस रही थी और वो मेरी चुचियों को कुचल रहा था।करीब 10 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा। फिर उसने मेरे मुँह से लन्ड निकाला, मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चुत को पेंटी के ऊपर से सूंघने लगा, बोला- क्या खुशबू है।वो मेरी पेंटी को ऐसे सूंघ रहा था जैसे कि वो चुत नहीं फूलों का गुलदस्ता सूंघ रहा हो।मैं अब गर्म हो चुकी थी।
और फिर धीरे-धीरे अपने दाँतो से मेरी पेंटी को उतारने लगा। मैं तो उसकी इस अदा पर फिदा हो गई थी। आखिरकार अमित ने इस पेंटी पर विजय पा ही ली और अपने दाँतों से पेंटी को उसके अपने घर से ही निकाल कर बाहर फेंक दिया।मेरी चुत इतना प्यार बर्दाश्त नहीं कर सकी और पानी छोड़ गई।
कहानी जारी रहेगी
|