RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
आभा बोली- तू साली चुदक्कड़ बनती जा रही है। एक ही रात में चूत और गांड दोनों की सील तुड़वा लीं।
उसने फिर से मेरा टॉप और ब्रा निकाल दी, मैंने भी उसको पूरी नंगी कर दिया, उसने भी मेरी स्कर्ट उतार दी। हम दोनों अब पूरी नंगी हो गई।
आभा मेरी चूची, चूत और गांड देखकर छेड़ने लगी, बोली- चुदक्कड़ रानी.. आज तो तू रण्डी बन गई।
मैं बोली- साली मैं तो आज बनी हूँ.. तू तो साली न जाने कितनों के लंडों का स्वाद ले चुकी है।
ऐसे ही हम दोनों गंदी-गंदी बातें करते हुए एक-दूसरे को उंगली करते-करते नंगी ही कब सो गए.. पता ही नहीं लगा।
फिर सुबह-सुबह मेरे फोन की घंटी बजी। मैंने नंगे ही उठ कर फोन ढूँढा और देखा तो मॉम फोन कर रही थीं।
मैंने फोन रिसीव किया तो मॉम बोलीं- कब तक आओगी बेटा?
मैं बोली- मम्मा अभी तो सोई हुई थी, थोड़ी देर में आऊँगी।
यह कहकर मैंने फोन काट दिया।
समय देखा तो सुबह के 9 बज चुके थे। फिर मैंने आभा को उठाया और हम साथ में फ्रेश हुए। फिर मैं जीन्स और टॉप जो घर से पहन कर आई थी उसे पहन कर तैयार हो गई।
मैं बोली- चल एक बार साक्षी (दुल्हन) से मिल लेते हैं.. फिर चलेंगे।
आभा बोली- तू मिल ले.. मुझे कहीं जाना है।
मैं बोली- कहाँ जाएगी.. साथ चलते हैं ना?
फिर आभा बोली- यार तुम तो रात भर में दो बार चुदवा चुकीं.. मैंने कुछ बोला.. अब मैं जा रही हूँ.. होटल में मेरा ब्वॉयफ्रेंड इतंजार कर रहा है।
फिर मैं बोली- अरे वाह.. क्या बात है.. जाओ और उसके लंड से अपनी चूत की गर्मी शांत करवा ले.. मुझे क्या पड़ी है कि तुझे रोकूँ।
वह हँसने लगी और मुझे ‘बाय..’ बोल कर चली गई।
मैं साक्षी के कमरे में चली गई.. वहाँ तो पहले से ही बहुत लड़कियाँ थीं।
मुझे जीजू ने देखा और ऐसे खुश हुए जैसे वो मेरे लिए ही बेताब थे।
मैं अन्दर गई और सबके साथ हँसी-मजाक करने लगी। धीरे-धीरे सब जाने लगे, मैंने भी साक्षी को बोला- यार अब मैं भी चलती हूँ।
साक्षी बोली- तू रूक यार.. कुछ काम है।
मैं रुक गई कुछ देर में सारे लोग चले गए। जीजू भी बाथरूम गए थे।
फिर मैं बोली- बोल क्या काम है?
वह बोली- यार मुझे नहाना है।
मैं बोली- तो इसमें मैं क्या करूँ? तू जीजू के साथ नहा ले और साथ में उधर ही चुदवा भी लेना।
साक्षी बोली- यही तो नहीं करवा सकती यार।
मैं बोली- क्यों?
साक्षी बोली- यार मैं पीरियड में हूँ। मुझे नहाने में कम से एक घंटा लग सकता है। तब तक तुम इनके साथ रह लेना।
मैं बोली- सच बोल रही हो?
वह बोली- हाँ यार.. सही में बोल रही हूँ।
मैं बोली- तेरी ये खूनी होली खत्म कब होगी?
वह बोली- तीन-चार दिन के बाद।
मैं बोली- तो रात में तो जीजू ने गांड की तो बैंड बजा दी होगी?
साक्षी बोली- नहीं यार, मैं गांड नहीं मरवाती।
मैं बोली- यानि सुहागरात में कुछ नहीं हुआ? लो बेचारे जीजू शादी के बाद भी अपने घरवाली को चोद नहीं पाए।
साक्षी बोली- तू भी तो साली है.. आज तू ही उनको घरवाली का सुख दे दे।
यह कह कर वो हँसने लगी।
मैं भी हँसते हुए बोली- सोच ले? अगर मैं घरवाली बन गई.. तो तू कहाँ जाएगी?
वह बोली- मैं तेरी सौतन बन जाऊंगी।
हम दोनों हँसने लगी।
तभी जीजू बाथरूम से बाहर निकले और बोले- क्या बात है.. कोई हमें भी तो बताओ.. आखिर क्यों हँसा जा रहा है?
जीजू को देखते ही मेरी हँसी और निकल गई, मैं सोच रही थी कि बेचारा शादी के बाद भी पत्नी की चूत का सुख नहीं ले पाया।
मैंने अपनी हँसी को जैसे-तैसे रोका।
साक्षी बोली- यार आप लोग बात करो.. मैं नहा कर आती हूँ।
वो जाते-जाते एक कंटीली मुस्कान दे गई।
इस समय मैं और जीजू रूम में अकेले थे, मैं तभी समझ गई कि जीजू अब मुझे पक्का चोदेंगे।
मैं भी मन बना चुकी थी कि अगर जीजू ने छेड़ा.. तो उनके साथ उसी सुहागसेज पर मैं सुहागदिन मनाऊँगी.. जिस पर मैंने कल रात को भी अंकल के साथ सुहागरात मनाई थी।
मैं सोफे पर बैठ गई और अपने गोद में तकिया रख लिया। जीजू भी मेरे सामने वाले सोफे पर बैठ गए और मुझे निहारने लगे, मेरी नंगी जांघों पर ऐसे नजर गड़ाए हुए थे.. जैसे बगुला मछली के लिए गड़ाए रहता है।
मैं बोली- ऐसे क्या घूर रहे हो जीजू?
जीजू बेशर्मी से बोले- तुम चूत तो दोगी नहीं.. इसलिए तुम्हारी नंगी जांघों को ही घूर कर खुश हो रहा हूँ।
मैं जानबूझ कर बोली- जीजू कितने गंदे हो आप.. रात भर अपनी बीवी को चोद कर हटे हो.. और अभी मेरे पर लाइन मार रहे हो।
जीजू बोले- कहाँ यार.. पूरी रात मैं इसी सोफे पर सोया हूँ। तुम्हारी सहेली ने हाथ तक लगाने नहीं दिया।
मैं बोली- झूठे.. मुझे पता है.. पूरी रात आपने साक्षी को सोने नहीं दिया होगा।
जीजू बोले- ऐसी मेरी किस्मत कहाँ है? यार.. साक्षी पीरियड में है.. और साली ने गांड पर भी हाथ भी लगाने नहीं दिया।
अब आगे मेरी चुदाई कैसे होती है उसका किस्सा लिखूँगी।
|