RE: Porn Kahani चली थी यार से चुदने अंकल ने ...
पिछली कहानी को पढ़ने के बाद आप लोगों को तो पता ही है कि मैं अपनी गांड में अभी भी ब्वॉयफ्रेंड का वीर्य लेकर पार्टी में घूम रही थी। वीर्य की धार अब टपकते हुए मेरी जांघों के बीच आ गई थी.. और धीरे-धीरे नीचे की ओर आ रही थी। शायद वीर्य के कारण मेरी गांड के होल के पास स्कर्ट भी गीली हो गई थी। लेकिन इस बात को लेकर मैं थोड़ी सी भी चितिंत नहीं थी।
अब दो लंड लेने के बाद मैं बेशर्म हो चुकी थी।
मैं काफी थक गई थी.. पूरा बदन दर्द से टूट रहा था। भला टूटे भी क्यों ना.. एक ही दिन में चूत और गांड दोनों की सील तुड़वा चुकी थी। अब बस मेरा शरीर आराम चाह रहा था.. मन हो रहा था कि जाकर सो जाऊँ।
लेकिन मॉम से वीडियो कॉल भी करनी थी। इसलिए मैरिज हॉल की ओर चल दी। थोड़ी देर में मैं मैरिज हॉल में पहुँची और मॉम को शादी की वीडियो दिखा दी।
शादी भी खत्म होने वाली ही थी इसलिए मैंने सोचा कि जाकर सो जाती हूँ।
तभी एक छोटी सी लड़की मेरे पास आई और बोली- दीदी, आपको वह दीदी बुला रही हैं।
उसने अपने हाथ का इशारा दुल्हन की ओर करते हुए कहा।
अब तक वीर्य की धार मेरी जांघों से नीचे आ गई थी। फिर भी मैंने चलते-चलते दोनों टांगों से आपस में रगड़ कर वीर्य को पोंछ लिया ताकि कोई देख ना पाए। संतोष के वीर्य से एक अजब सी सुगंध आ रही थी।
मैं अपनी सहेली के पास आकर जैसे तैसे बैठ गई, शादी खत्म हो चुकी थी, सब लोग मेरी सहेली को उठा कर कमरे की तरफ ले गए.. साथ ही मुझे भी उसके साथ चलने को बोले।
मैंने मना कर दिया और कहा- आप लोग जाओ.. मैं जीजू के पास ही हूँ।
मैंने सोचा कि इन लोगों के जाते ही मैं सोने चली जाऊँगी।
सारे लोग दुल्हन को लेकर चले गए, मैं और आभा जीजू के साथ थी और मेरी गांड से निकलते वीर्य की महक थी।
आभा किसी और से बात करने लगी। इस समय मैं और जीजू अकेले थे। आभा के साइड होते ही जीजू मेरे से बोले- साली साहिबा बहुत हॉट लग रही हो। काश तुम मुझे शादी के पहले मिल गई होतीं.. तो अभी हम पति-पत्नी होते।
मैं इठलाते हुए बोली- अच्छा जी.. लाइन मार रहे हो।
वह मुझे खा जाने वाली नजरों से घूर रहे थे और मुझसे सेक्सी बातें कर रहे थे। तभी बातों-बातों में उनकी नजर मेरी गांड के होल के पास पहुँच गई।
तब वह बोले- ये दाग कहाँ से लगवा कर आई हो?
मैं बोली- कौन सा दाग?
तब तक उन्होंने बिना बताए मेरी गांड पर हाथ लगा दिया। उनका हाथ मेरी गांड पर लगते ही वह सब कुछ समझ गए और मौके का फायदा उठाते हुए उन्होंने मेरी गांड दबा दी।
मैं कुछ बोलती.. इससे पहले वो ही बोले क्या बात है साली साहिबा.. मैंने जिस काम के लिए शादी की है.. वह काम तो तुमने बिना शादी के ही कर लिया।
फिर मैं चुटकी लेते हुए बोली- यह काम करने के लिए शादी की क्या जरूरत है? आपने भी तो किसी के साथ यह काम किया होगा।
मैं भी बेशर्मों की तरह बात कर रही थी।
जीजू बोले- किया तो बहुतों के साथ है.. पर आज तक तुम जैसी माल के साथ नहीं कर पाया।
जीजू इस खेल के पक्के खिलाड़ी लग रहे थे।
फिर जीजू बेशर्मी से बोले- चुदाई के बाद रस साफ कर लिया करो। लोगों को दिक्कत हो जाती है।
मैं यह बात सुनकर दंग रह गई कि मैं इन्हें अभी ठीक से जानती भी नहीं हूँ और यह कैसी बात कर रहे हैं।
उन्होंने फिर से मेरी गांड मसल दी। मैंने सोचा कि यार मैं किस गलत जगह आ गई हूँ.. जिसे देखो सारे मेरे साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं और मेरी चुदाई का प्लान बना रहे हैं।
फिर जीजू बोले- एक बात बोलूँ.. बुरा तो नहीं मानोगी?
मैं बोली- नहीं मानूंगी.. बोलो।
फिर जीजू बोले- यार मधु, मेरे साथ एक बार चुदवा सकती हो?
मैं गुस्से में बोली- जीजू आप पागल हो गए हो क्या?
मैं यह बोल कर जाने लगी तो जीजू ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोका और बोले- सॉरी यार.. मैं तुम्हारी इस गर्म जवानी को देखकर पागल हो गया था.. इसलिए ये सब बोल दिया.. मुझे माफ कर दो।
फिर हम दोनों बातें करने लगे। बात क्या कर रहे थे वो मुझ पर लाइन मार रहे थे और मौका देखते ही मेरे इधर-उधर हाथ लगा देते थे।
थोड़ी देर कुछ लोग आए और जीजू को ले गए.. मैं बाल-बाल बची।
फिर मैं भी आभा के साथ सोने चली गई, रूम में जाते ही आभा मुझसे बोली- साली तूने तो गांड भी मरवा ली।
यह बोलते हुए आभा ने मेरी स्कर्ट ऊपर कर दी और मेरी गांड की हालत देखकर बोली- साली आज तू पूरे मूड में है क्या.. अब गांड कहाँ से मरवा कर आई हो.. और किससे?
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