Antarvasna kahani नजर का खोट
04-27-2019, 12:45 PM,
#40
RE: Antarvasna kahani नजर का खोट
हम दोनों एक दुसरे को बेतहाशा चूम रहे थे और पता नहीं कब वो पूरी तरह मेरे ऊपर आ गयी पता नहीं चला इसका गुमान तब हुआ जब उसकी पीठ पर रेंगते मेरे हाथ उसके सुडौल नितम्बो पर आ गए उसकी कच्छी के ऊपर से ही मैंने उसके नितम्बो को सहलाया तो वो और मदमस्त होने लगी उसका जिस्म और तपने लगा किसी शान से खड़े पर्वतो की नुकीली चोटियों से तने हुए उसके उभार मेरे सीने पर पूरा दवाब डाले हुए थे और हद तो तब हो गयी जब कच्छी की दोनों साइड से होते हुए मेरे हाथो ने उसके चूतडो के नरम मांस को छुआ 



“ओह! पूजा ” मैं बस इतना बोल पाया और उसको पलट दिया अब मैं ऊपर था वो निचे उसकी उंगलिया मेरी शर्ट के बटन से उलझने लगी और जल्दी ही मैं भी बस कच्छे कच्छे में ही था मैंने अपने हाथ उसके उभारो पर रखे और बस आहिस्ता से उनको सहलाने लगा वो मीठी मीठी आहे भरने लगी उसकी सांसो में जैसे एक खनक सी थी जो किसी को भी मदहोश कर सकती थी दीवाना बना सकती थी मैंने खुद को उसकी छातियो पर झुकाया और बड़ी ही नजाकत से पूजा के निप्पल को अपने मुह में ले लिया उसका हल्का सा नमकीन स्वाद मेरी जीभ पर जैसे ही लगा उसने चटखारे लेते हुए वहा पर रगड़ मारी 



“सीई सी आई ” जल्दी ही उसकी मस्ती भरी आहे पुरे कमरे में गूंज रही थी उसकी एक चूची मेरे मुह में थी और दूसरी मेरे हाथ में उत्तेजना से भरी हुई पूजा बस अपने हाथ पैर पटकते हुए उन अनमोल पलो का आनंद ले रही थी जो उसके और मेरे बीच घट रहे थे बहुत देर तक मैं बस उसके उभारो का लुत्फ़ लेता रहा इस बीच कब उसका हाथ मेरे कच्छे में पहुच गया मुझे पता नहीं चला 



पर जब चला तो बदन उत्तेजना में ऐसे ऐंठने लगा की जैसे मेरे तन में कोई भूचाल आ गया हो उसने मेरे सुपाडे की खाल को पीछे किया और बड़े प्यार से अपनी मुलायम उंगलिया सुपाडे की संवेदनशील त्वचा पर फिराने लगी तो मुझ पर ऐसी मस्ती चढ़ने लगी की जिसे मैं शब्दों में बयां नही कर सकता और जैसे कयामत ही हो गयी जब उसने दूसरी मुट्ठी में मेरी दोनों गोलियों को भर लिया 



मुझे लगा आज तो पिघल ही जाऊंगा पर पता नहीं क्यों पहली बार मेरा मन साथ नहीं दे रहा था ऐसे लग रहा था की जैसे कोई जबरदस्ती हो रही हो मेरे साथ दिल कुछ और कह रहा था और दिमाग कुछ और कह रहा था जैसे मैंने अपने आप को एक दोराहे पर देखा जिसके दोनों रास्ते अलग अलग तरफ जाते थे सबकुछ था वो थी मैं था उत्तेजना थी वो रात थी वो बात थी जिसके बाद हमारा रिश्ता और मजबूत हो जाना था 



इसी पशोपेश में पता नहीं कब मेरे होंठ उसकी छातियो से हट कर उसके पेट को चुमते हुए उस जन्नत के दरवाजे पर दस्तक देने लगे थे मैंने अपने कांपते होंठ कच्छी के ऊपर से ही उसकी योनी स्थल पर रखे तो जैसे हम दोनों एक साथ सुलग उठे उसके पैर अपने आप ऊपर उठते हुए फ़ैल गए और उसके हाथ पल भर में ही मेरे सर पर आ गए उसकी उंगलियों को मैंने अपने बालो पर महसूस किया 



मेरे होंठो ने उस विशेष जगह पर बहुत गीलापन सा महसूस किया और एक मदहोश कर देने वाली खुशबु जो उसकी योनी से आ रही थी “पुच ” कच्छी के ऊपर से हलके से मैंने जैसे ही वहा पर चूमा मेरे दांत उस नर्म फुले हुए मांस में धंसने लगे बेहद ही खास लम्हे थे वो और तभी वो तड़प उठी उसकी आहे मुझे दीवाना बनाने लगी मेरे हाथ उसकी कच्छी की इलास्टिक में उलझ चुके थे उसने अपने चूतडो को थोडा सा उठाया ताकि मैं कच्छी को उतार सकू पर तभी मेरे हाथ रुक गए....

और मैं उसके ऊपर से हट गया और पास बैठ गया 

वो भी उठ बैठी और बोली- क्या हुआ 

मैं- पूजा, मुझसे ना होगा 

वो उठी और उसने लालटेन जलाई और उसे धीमी कर दिया और वापिस मेरे पास आके बैठ गयी मैंने उसके जिस्म को उस मंद रौशनी में देखा जिसे ढकने की उसने जरा भी कोशिश नहीं की कुछ देर वो मेरे पास बैठी रही फिर बोली 

वो- क्या हुआ 

मैं- पूजा मुझे तेरे जिस्म की चाहत नहीं इसकी जरुरत नहीं मुझे मेरे लिए अगर कुछ है तो बस तू बस तू 

वो मुस्कुराई और मुझे अपने सीने से लगा लिया कुछ देर बाद बोली- ये मेरी ख्वाहिश है की मैं इस जिस्म को तेरे नाम कर दू 

मैं- जब तू मेरी तो ये जिस्म भी मेरा हुआ ना 

वो- तो फिर दुरी क्यों 

मैं- कहा है दुरी , कोई दुरी नहीं पर तू मिलन चाहती है तो मिलन जरुर होगा पर पूजा ऐसे नहीं मैं भी चाहता हु की तेरा मेरा मिलन हो पर जब हो तब मैं तेरे सारे सुख तेरे कदमो में डाल दू जल्दी ही मैं जगन सिंह से छीन लूँगा वो हवेली और वो जायदाद तब मैं इस काबिल होऊंगा 

वो- कुंदन, क्या मैं तुझसे कुछ मांग सकती हु देगा मुझे कुछ 

मैं- मांग के तो देख फिर कहना 

वो- तो वादा कर जबतक मैं ना कहू, तू ना जयसिंह गढ़ जायेगा और ना ही जगन सिंह या किसी और से हवेली या मेरे इस बाबत कोई बात करेगा वचन दे मुझे रख मेरे सर पर हाथ 

मैं- बेडिया ही डालनी थी तो वैसे ही डाल देती पर अगर वहा नहीं जाऊंगा तो तेरा हक़ कैसे दिलाऊंगा तुझे 

वो- रख मेरे सर पर हाथ कुंदन तूने हमेशा मान रखा मेरी बात का ये वचन दे मुझे 

मैं- पर पूजा 

वो- वचन दे मुझे 

मैं- दिया वचन जब तक तू ना कहेगी मैं उधर मुह नहीं करूँगा तेरे से अच्छा क्या मेरे लिए दिया वचन 

मैंने उसके सर पर हाथ रख दिया और वो मेरे सीने से लग गयी मैंने महसूस किया की उसकी आँखों से कुछ आंसू निकल कर मेरे कंधो पर गिरने लगे है मैंने उसे अपनी बाहों में भींच लिया 

मैं- अब क्या ऐसे ही रहेगी कपडे नहीं पहनने 

वो- तुझसे कैसा पर्दा 

मैं लेट गया वो भी मेरे पास लेट गयी मेरी बाहों में दिल को बहुत सुकून मिल रहा था 

मैं- मेरी रूह का हिस्सा है तू 

वो- एक बात कहू 

मैं- हां 

वो- मेरे साथ रहेगा ना 

मैं- जब तक है जान 
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani नजर का खोट - by sexstories - 04-27-2019, 12:45 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,460,648 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,842 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,215,795 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 919,414 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,629,705 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,061,717 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,918,407 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,949,250 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,990,218 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,011 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 6 Guest(s)