RE: Hindi Porn Kahani गीता चाची
मन भर कर प्रीति की चूत चूसने के बाद मैं प्रीति को बांहों में लेकर लेट गया और उसकी कड़ी जरा जरासी चूचियां दबाता हुआ उसे चूमने लगा. वह शरमा रही थी पर बड़े प्यार से चुम्मा दे रही थी. चाची हमारे पास आकर बैठ गयीं और हमारा प्रेमालाप देखने लगीं.
प्रीति अब तक काफ़ी गरमा गयी थी और मेरे लंड को हाथ से पकड़कर मुठिया रही थी. उसे मैंने पलंग पर लिटाया और उसके नितंबों के नीचे एक तकिया रखा. वह अब थोड़ा घबरा गयी. "क्या कर रहे हो अनिल भैया?"
चाची ने जब कहा कि अब उसकी चुदाई होगी तो वह नखरा करने लगी. लड़की चुदाना तो चाहती थी पर मेरे तन्नाये लंड को देखकर वह काफ़ी भयभीत थी. चाची के पुचकारने पर आखिर उसने जांघे फैलायीं और मैं उसकी टांगों के बीच अपना लंड सम्हाल कर बैठ गया. मैने चाची को आंख मारी कि समय आ गया है.
चाची समझ गईं और प्रीति के दोनों हाथ कस कर पकड़ लिये और उनपर बैठ गयी. प्रीति घबरा कर रोने लगी. "यह क्या कर रही हो मौसी, छोड़ो मुझे" मैंने अब अपना सुपाड़ा प्रीति की कुंवारी चूत पर रखा और दबाना शुरू किया. चाची बोली "दुखेगा बेटी, तू ज्यादा न छटपटाये इसलिये हाथ पकड़ लिये हैं मैंने. पर घबरा मत, मजा भी आएगा,
और पहली बार चुदाने का मजा तो तभी आता है जब दर्द हो."
मैने अपनी उंगलियों से उसकी चूत चौड़ी की और लंड को कस कर पेला. फ़च्च से सुपाड़ा उसकी कसी बुर के अंदर हो गया और प्रीति दर्द से बिलबिला उठी. चीखने ही वाली थी कि चाची ने अपने हाथ से उसका मुंह दबोच दिया. तड़पती प्रीति की परवाह न करके मैने लंड फ़िर पेला और आधा अंदर कर दिया. प्रीति छटपटाते हुए अपने बंद मुंह से गोंगियाने लगी.
उस कुंवारी मखमली चूत ने मेरे लंड को ऐसे पकड़ रखा था जैसे किसीने मुट्ठी में पकड़ा हो. प्रीति की आंखों में आंसू छलक आये थे. उन्हें देखकर चाची और मैं और उत्तेजित हो उठे और एक दूसरे को चूमने लगे. प्रीति को डराने में मुझे बड़ा मजा आ रहा था इसलिये मैं जान बूझ कर बोला. "चाची, मजा आ गया, प्रीति की चूत तो आज फ़ट जायेगी मेरे मोटे लंड से, पर मैं नहीं छोड़ने वाला इसे, चोद चोद कर फुकला कर दूंगा साली को" ।
वह जब रोने लगी तो मैंने झुककर उसका एक नन्हा निपल मुंह में लिया और चूसने लगा. मैंने सोचा कि अभी ज्यादा डराना ठीक नहीं है क्योंकि उसकी गांड भी मारनी थी. इसलिये उसे तड़पा तड़पा कर चोदने की अपनी इच्छा मैंने उसकी गांड के लिये बचा कर रखी. दूसरे स्तन को चाची प्यार से सहलाने लगीं. धीरे धीरे प्रीति का तड़पना कम हुआ और उसने रोना बंद कर दिया.
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