RE: Hindi Porn Kahani गीता चाची
चाची देख रही थीं, उन्हें बहुत अच्छ लगा. "लो, मैं कहती थी ना कि लड़का कामुक है, अपने चाचाजी का भी मूत स्वाद से पियेगा." फ़िर मुड़ कर मेरी ओर देख कर बोलीं. "बेटे, अब तो तेरे वारे न्यारे हैं. इतना शरबत पीने मिलेगा कि तू कभी प्यासा नहीं रहेगा."
मैंने भी पूरा मूत पीकर फ़िर उन दोनों को अपनी कसम दी कि इसके बाद जब हम साथ हों, वे मूतने कभी बाथरूम नहीं जायेंगे. मेरे मुंह का इस्तेमाल करेंगे.
चाचाजी के जाने के बाद मैं चाची से लिपट गया. वे प्यार से मुझे चूमते हुए बोलीं. "कैसी लगी अपने चाचाजी के साथ सुहागरात?" मैं भाव विभोर होकर बोला. "क्या लंड है चाचाजी का, मूसल है, मेरी तो हालत खराब कर दी, लगता था कि गांड फ़ाड़ देंगे, मेरे पूरे शरीर को ऐसा मसला जैसे कचूमर निकाल देना चाहते हों. मेरे निपल भी खींचे, देखो चाची, एक ही रात में दूने हो गये हैं. मुझे कुचल कुचल कर मसल मसल कर ऐसा चोदा कि अब सादी गांड मरवाने में मजा ही नहीं आयेगा चाची!"
चाची बोलीं. "तेरे पर तो वे मर मिटे हैं. तू लड़का है इसलिये तेरे साथ वे बेझिझक चाहे जैसा कर सकते हैं. कहते थे कि जितना हो सके तुझे लड़की की तरह बना कर रखें, उनकी वासना अब इतनी बढ़ गयी है कि कल रात भर मुझे चोदते रहे और मेरी चूत चूसते रहे. एक बार भी मेरी गांड नहीं मारी. लगता है कि अब तेरी गांड का चस्का लग गया है. पर मुझे अच्छा है. इतने बड़े लंड से रात भर चुद कर मेरी कमर टूट गयी, मुझे पूरा खलास कर दिया उन्होंने. लगता है कि अब कहीं वे जाकर सही तरीके से मेरे पति बने हैं. और इसका सारा श्रेय तुझे है."
मैंने उनके मम्मे चूमते हुए कहा. "तो इनाम देंगी ना चाची अपने इस भक्त को?"
"हां लल्ला, मैं भूली नहीं हूं, प्रीति आज शाम को वापस आ रही है. उसे चोद ले. वह लड़की नखरा करेगी पर कहां जायेगी? चोदने में मैं तेरी सहायता करूंगी. और भी जो करना है वह कर लेना, मन चाहे वैसा चोद्ना, उसके रोने धोने की चिंता न करना, वैसे चुदाते समय वह ज्यादा नहीं रोएगी. एक नंबर की छिनाल है वह लौंडी, हां उसकी नाजुक गांड में लंड जायेगा तो जरूर चीखेगी."
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