RE: Hindi Porn Kahani गीता चाची
कमरे में फूलों से सजी सेज थी और पास के टेबल पर दो गिलास दूध और मख्खन का डिब्बा रखा था. चाचाजी ने मुझे झट से बाहों में दुल्हन जैसे उठा लिया और पलंग पर ले गये.
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मेरी यह बड़ी अलग सी और मादक सुहागरात शुरू हुई जिसमें मैं दुल्हन था और चाचाजी दूल्हा. पलंग पर बैठ कर चाचाजी ने मुझे बांहों में भर लिया और जोर जोर से चूमने लगे. मैं भी उनके चुंबन का प्रतिसाद आंखें बंद करके देने लगा. आखिर उन्होंने मेरी आंखों में आंखें डाल कर कहा. "अनिल बेटे, अगर आज मैं तुझपर सचमुच जोर जबरदस्ती करता हुआ तुझे भोगूं तो तू नाराज तो नहीं होगा?" मैंने कहा, "नहीं चाचाजी, आप कुछ भी कर लें. पर जोर जबरदस्ती की क्या जरूरत है? मैं तो आपका हूं ही आज की रात?"
वे बोले. "असल में तू बड़ा सेक्सी लग रहा है. और बहुत दिनों से मेरी यह चाहत रही है कि किसी मादक हसीन जवान छोकरे को या छोकरी को खूब जोर से रफ़ सैडिस्टिक तरीके से भोगू. तुझे रेप कर डालें. जैसे पहले के दुष्ट पति किया करते थे. पहली रात में पत्नी की हालत खराब हो जाती थी. मैं वैसा करना चाहता हूं."
मैं भी अब समर्पण के मूड में था, किसी घबरायी नवेली दुल्हन की तरह. डर तो लग रहा था क्योंकि मुझे मालूम था कि मेरी क्या हालत होगी. पर लंड भी मस्त खड़ा होकर कह रहा था कि करवा ले अपनी दुर्गति, उसमें भी मजा है। जो तूने आज तक चखा नहीं है और फ़िर आखिर तेरे चाचाजी हैं, वे घर में अपनी सब इच्छाएं पूरी नहीं करेंगे तो कहां करेंगे? मैंने हां कर दी.
वे खुश हो गये. "ठीक है बेटे, अव से तुझे मैं अनू रानी कहूंगा, गंदी गंदी गालियां भी दूंगा, तू चुपचाप सहना और मुझे चाचाजी मत कहना, स्वामी कहना. और सुन, मार पीट भी कर सकता हूं तेरे साथ, सहते जाना सब कुछ."
मेरे गर्दन हिलाते ही वे मुझे पलंग पर पटक कर मुझ पर चढ़ बैठे. अगले दस मिनिट में मेरे बुरी तरह चुंबन लिये गये और मेरे बदन को मसला गया. वे चाहे जैसे मुझे चूम रहे थे, मेरे नितंबों और जांघों को मसल रहे थे और मेरे नकली स्तन दबा रहे थे. "क्या माल है मेरी जान तू, हाय क्या चूचियां हैं तेरी जानेमन" कहकर वे उन्हें कुचलने लगे. इतनी बेरहमी से वे मम्मे मसल रहे थे कि अगर वे सच के स्तन होते तो मैं जरूर रो देता. इसलिये मैने भी नाटक करते हुए कराह कर कहा. "धीरे दबाइये स्वामी, दुखता है."
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