RE: Hindi Porn Kahani गीता चाची
चाची बोलीं "अनिल, मेरी गांड में लंड डालने को तुझे दस मिनिट लगे थे. इनकी में दस सेकंड में काम हो गया. अपनी पत्नी से ज्यादा मुलायम है इनकी गांड ." अब चाचाजी ने चूतड़ छोड़े और अपना छल्ला सिकोड़ कर मेरा लंड गांड से पकड़ लिया.
चाची अब तक बिलकुल तैयार थीं. नीचे बिस्तर पर एक तकिये पर अपने नितंब टिका कर और पैर फैला कर चूत खोले बांहें फैलाये अपने पति का इंतजार कर रही थीं. मुझे पीठ पर लिये ही चाचाजी उठे और उनके पैरों के बीच झुक कर बैठ गये. उनका लंड अब पूरा जोर से खड़ा था. चाचीने खुद उनके सुपाड़े को अपनी बुर के द्वर पर रखा और चाचाजी उसे पेलने लगे.
इंच इंच करके वह सोंटे जैसा लंड चाचीकी चूत में घुसने लगा. चाची आनंद से सिहर उठीं. "हाय मेरे प्राणनाथ, आज तो देवी को प्रसाद चढ़ाऊंगी! मेरी बुर कब से आपका इंतजार कर रही थी. मर गई रे!." वे दर्द से चिल्लाईं जब जड़ तक नौ इंची शिश्न उनकी जांघों के बीच में धंस गया.
चाचाजी भी अब मजा ले रहे थे. "मेरी रानी, दुखा क्या? कितनी मखमली है तेरी चूत, और कितनी गीली! अरे मुझे पता होता कि चोदने में इतना मजा आता है तो क्यों इतना समय मैं गंवाता." उनके आनंद को बढ़ाने को मैंने अपना लंड उनकी गांड में मुठियाया तो वे सिसक कर चाची पर लेट गये और उन्हें चोदने लगे. चाची भी अब तक अपना दर्द भूल कर चुदाने को बेताब हो गयी थीं.
मैं चाचाजी के ऊपर लेट गया और बेतहाशा उनकी चिकनी पीठ और मांसल कंधे चूमने लगा. मेरे वजनको आसानी से सहते हुए वे अब पूरे जोर से चाची को चोदने लगे. चाची भी दो दो शरीरों का वजन आराम से सह रही थीं क्योंकि इतने मोटे लंड से चुदाने में उन्हें स्वर्ग का आनंद आ रहा था. "चोदो जी, और जोर से चोदो, अपनी बीवी की चूत फ़ाड़ डालो, तुम्हें हक है मेरे नाथ." ऐसा चिल्लाते हुए चाची चूतड़ उचका कर चुदवा रही थीं.
चाचाजी भी सुख के शिखर पर थे. उनकी गांड में एक जवान तनाया हुआ लंड घुसा हुआ था और खुद उनका शिश्न एक तपती गीली मखमली म्यान का मजा ले रहा था. "मेरे राजा, मेरे बेटे, बहुत प्यारा है तेरा लंड, बड़ा मस्त लग रहा है गांड में, है थोड़ा छोटा पर एकदम सख्त है, लोहे जैसा. मार बेटे, अब चुपचाप न पड़ रह, गांड मार मेरी"
मैं धीरे धीरे मजे लेकर उनकी गांड मारने लगा. मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि किसी मर्द की गांड मारना इतना सुखद अनुभव होगा. और ऊपर से मैं अपने सगे चाचा की गांड मार रहा था. उनकी गांड एकदम कोमल और गरम थी और मेरे लंड को प्यार से पकड़कर सेक रही थी. अपना गुदा का छल्ला सिकोड़ सिकोड़ कर एक एक्सपर्ट की तरह चाचाजी मस्त मरवा रहे थे. मैंने अपनी बांहें चाचाजी के और चाची के शरीर के बीच घुसा कर उनकी छाती को बांहों में भर लिया और ओर जोर से गांड मारने लगा. मेरे हाथों पर चाची के कोमल स्तनों का भी दबाव महसूस हो रहा था.
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