RE: Hindi Porn Kahani गीता चाची
मैंने कांपते स्वर में पूछा कि क्या इनाम देंगी. मेरे हैंडसम चाचाजी से संभोग की कल्पना ही इतनी नाजायज़ पर मधुर थी कि मैं उत्तेजित होने लगा था. मेरे खड़े होते लंड को सहलती हुई चाची बोलीं. "प्रीति को तुझसे चुदवा दूंगी. उसकी कच्ची बुर को तू जितना चाहे भोगना. और उस छोकरी की कसी गांड भी मारने में सहायता करूंगी. वह जरूर रोयेगी चिल्लायेगी पर हाथ पैर मुंह बांध देंगे उसके. भागेगी कहां? कचाकच चोद डालना छोरी को आगे और पीछे से. बाद में मैं समझा दूंगी कि तमाशा न करे. आखिर उसकी मौसी हूं. बोल है मंजूर?"
बड़ा मधुर और उत्तेजना भरा सवाल था. हाथ पैर बंधी प्रीति की कमसिन चूत और गांड में लंड घुसेड़ने की कल्पना ही इतनी मदहोश करने वाली थी कि मैंने तुरंत हां कर दिया. वैसे मुझ लगता है कि चाची ने यह लालच न भी दिया होता तो भी शायद मैं मान जाता, अब तो मुझे बस चाचाजी का गठा चिकना बदन दिख रहा था.
"एक बात बता देती हूं लल्ला, बाद में न कहना कि चाची ने खतरे की सूचना नहीं दी. तेरे चाचाजी का लंड एकदम हलब्बी है, घोड़े जैसा, मेरे खयाल से आठ नौ इंच का जरूर होगा, ज्यादा भी हो सकता है. एक बार छुप कर बाथरूम में मुठू मार रहे थे तब देखा था. सोच ले, तेरी क्या हालत होगी अगर वे तुझ पर चढ़ गये." चाची ने। हंसते हुए मेरा तन्नाया लंड रगड़ते हुए कहा.
वे महा चालू थीं. मुझे डराने और उत्तेजित करने को जान बूझ कर चाचाजी के महाकाय लौड़े का वर्णन कर रही थीं. "कोई बात नहीं चाची, मैं सब झेल लूंगा." मैंने वासना से हांफ़ते हुए कहा. अब मैं इतना उतेजित हो गया था कि फ़िर चाची को चोदने के सिवाय कोई चारा नहीं था. आज मैंने उन्हें ऐसे चोदा कि उनकी पूरी खुमारी उतार दी.
जब मैं उनपर पड़ा पड़ा सुस्ता रहा था तब अचानक उन्होंने अपनी एक उंगली अपनी चूत के रस से गीली करके मेरी गांड में डाल दी. मैं चिहुंक उठा. वे दूसरी उंगली भी डालने लगीं. बड़ा दर्द हुआ तो मैं कसमसा कर उठ बैठा. "क्या करती हैं चाची?'
"वा लल्ला, मेरी दो उंगली तो गुदा में ली जातीं नहीं, और चला है चाचाजी का मोटा सोंटा अंदर लेने!" बात सच थी. वे उठीं और अंदर जाकर एक छोटा गाजर ले आईं. "चलो लाला, उलटे सो जाओ."
मैंने डरते हुए पूछा. "क्या कर रही हैं चाची?"
वे बोलीं. "अरे बेटे, मेरी बात मान, यह गाजर मैं तेरी गांड में डाल देती हूं, इसे दिन भर अंदर रख, कल थोड़ा और बड़ा वाला डाल देंगी. ऐसे तीन चार दिन में तेरी गांड थोड़ी ढीली हो जायेगी. फ़िर इनका लौड़ा लेने में इतना दर्द नहीं होगा मेरे लल्ला को."
मैं कुछ देर सोचता रहा, फ़िर मना कर दिया. बोला. "नहीं चाची, मैं तो अपनी कुंवारी गांड ही मरवाऊंगा, भले ही कितना दर्द हो. मजा तो उसी में है. और फ़िर राजीव चाचा मुझे कितना प्यार करते हैं. उनको भी मैं एक कसी मस्त गांड उपहार में देना चाहता हूं."
चाची ने मुझे चूम कर कहा. "ठीक कहता है तू, बहुत बहादुर है. पर तेरी इतनी मस्त गांड में इन्हें फ्री में नहीं लेने दूंगी. इन्हें शुरुवात में ही उसकी भरपूर कीमत देनी पड़ेगी." जरूर उनके मन में कोई प्लान था पर मेरे बहुत पूछने पर भी चाचीजी ने अपने प्लान के बारे में नहीं बताया.
मैंने चाची से मिल कर यह प्लान बनाना शुरू कर दिया कि कैसे चाचाजी को रिझाया जाय. चाची के कहने पर मैंने मालिश करना सीखना शुरू कर दिया. चाचाजी को मालिश बहुत पसंद थी. हमारे बूढ़े नाई से मैंने दो तीन दिन मालिश करवाई और फ़िर चाची के शरीर का इस्तेमाल सीखने के लिये किया. चाची की मालिश करने में बहुत मजा आया.
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