RE: Hindi Porn Kahani गीता चाची
चाची जैसी सधी और एक्सपर्ट चुदैल के सामने उस बच्ची की क्या चलती. इतना झड़ी कि किलकारियां मारने लगी. बाद में तो असहनीय सुख से रोने ही लगी. चाची भी कच्ची रसीली चूत पाकर खुश थी. ऐसे चूसती रही कि जनम जनम की प्यासी हो. बीच में बहुत देर सिक्सटी नाइन भी हुआ.
बाद में प्रीति को गोद में बिठाकर स्तनपान कराते हुए हस्तमैथुन के तरीके सिखलाये. अपनी भांजी की तीन उंगलियों से अपनी मुट्ठ मरवायी. अपने दाने को रगड़ना सिखाया और खुद भी उस किशोरी बालिका के जरा से दाने को उंगली से घिस कर एक मिनिट में झड़ाया, प्रीति तो बस सिसक सिसक कर रह गयी क्योंकि उसके मुंह में चाची की चूची आधी से ज्यादा ठुसी हुई थी.
बीच बीच में चाची मुझे डांट लगाती जाती थी अगर मुझे हस्तमैथुन करते देख लेतीं. मैंने बड़ी देर सब्र किया पर जब चाची ने एक उंगली प्रीति की कसी बुर में घुसेड़ी और वह दर्द से चिहुक उठी तो मुझसे न रहा गया. इतनी कसी कच्ची बुर, उसमें लंड डालकर कैसा लगेगा यह विचार मुझे पागल करने लगा. और वह किशोर गांड? उसे चोदने में क्या स्वर्ग का मजा नहीं आयेगा? मैं सिसककर सड़का लगाने लगा.
चाची को उठकर मेरे हाथ पैर कुर्सी से बांधना पड़े तब मैं रुका. मुझे वैसा ही प्यासा रखकर फ़िर वह अपनी लाड़ली भांजी से रति में जुट गयी.
आखिर दो घंटे बाद मुझे छुटकारा मिला जब चाची ने मेरे हाथ पैर खोले. मैंने तो तुरंत उन्हें वहीं जमीन पर पटककर चोद डाला. वे "अरे रुक, क्या करता है, ऐसे नहीं" कहती रहीं पर मैं न माना. झड़ कर ही रुका. बीच में प्रीति जो पास आकर बैठ गयी थी, उसे भी मैंने खूब चूमा. जब चाची ने देख लिया कि मैं बिना चोदे उन्हें नहीं छोडूंगा तो उन्होंने भी हार मान ली. पर प्रीति को अपने मुंह पर बिठा लिया और सारे समय उसकी बुर चूसती रहीं.
जब झड़ कर एक अपूर्व तृप्ति के बाद मैं अपना झड़ा लंड उनकी बहती चूत से निकाल कर लुढ़क गया तब प्रीति ने अपनी मौसी के कहने पर मेरा लंड चूस कर साफ़ किया और फ़िर उनकी बुर चाट चाट कर साफ़ की. चाची ने उससे कहा कि ऐसा मस्त मिश्रण, वीर्य और चूत के पानी का उसने कभी नहीं पिया होगा.
अगले कुछ दिन तो ऐसे गये जैसे स्वर्ग की सैर चल रही हो. दिन रात हम तीनों संभोग करते. दिन में चाची के कमरे में और रात को छत पर मच्छरदानी के अंदर, बस एक बात को मैं तरस गया. उस खुबसुरत लड़की की चुत मैंने खब चूसी. चूसते समय उसकी मखमली सकरी म्यान के कल्पना अपने लंड के ऊपर कर के मचल उठता. पर चोदने को तरस गया. कई बार चाची से अकेले में कहने पर भी प्रीति को उन्होंने नहीं चोदने दिया. बोलतीं कि यह इनाम तो तभी मिलेगा जब मैं उनका एक कोई बड़ा काम कर दूंगा.
अपनी गांड भी उस एक रात के बाद उन्होंने कई दिन नहीं मारने दी. मैं तरसता रह गया. मिन्नतें करता पर वे मुझे हाथ तक न लगाने देतीं. आखिर एक दिन दोनों ने खूब फुसफुसा कर बातें कीं और मेरी तरफ़ देख कर हंसती रहीं. मेरे खिलाफ़ साजिश हो रही थी. क्या मीठी साजिश थी वह मुझे बात में पता चला.
हुआ यह कि रोज रात की तरह घमासान रति के बाद हम तीनों छत के कोने में नाली में मूतने बैठे. मैं जल्दी से पिशाब करके उठ गया पर चाची और प्रीति बिना मूते बैठी रहीं और एक दूसरे की ओर देख कर हंसते रहीं. असल में मुझे उनका मूतना देखने में बड़ा मजा आता था इसलिये झल्लाकर बोला. "अरे बैठी क्यों हो दोनों मौसी भांजी छिनाल जैसी, मूतो जल्दी और चलो वापस चोदने."
प्रीति बोली. "अनिल भैया, असल में मुझे मालूम है कि चाची आप को गांड क्यों नहीं मारने देतीं." मैंने उत्सुकता से पूछा कि क्यों. "आप उन्हें सच में प्यार नहीं करते." वह बोली. मैंने दुहाई दी कि मैं उन्हें जी जान से चाहता हूं और उनके लिये कुछ भी कर सकता हूं. "उन्हें रात को ऐसे उठ कर मूतने आना पड़ता है, बिस्तर के बाहर खुले में. अच्छा नहीं लगता. कोई उपाय क्यों नहीं करते कि उन्हें उठना ही न पड़े? और यह मत कहना कि कोई बर्तन वर्तन ले आओगे कि उसमें वे मूत दें" वह नटखट आंखें मटकाकर बोली. फ़िर दोनों जोर जोर से हमसने लगीं.
मैं एक क्षण को तो कुछ समझा नहीं पर फ़िर सहसा जैसे दिमाग में बिजली कौंध गयी. लंड अभी अभी झड़ा था पर तुरंत सिर उठाने लगा. उसे देख कर चाची ने कहा, "देख समझ गया मेरा लल्ला, मैं कहती थी ना कि मुझे बहुत प्यार करता है, मेरे लिये कुछ भी करेगा"
मैं जाकर उनके पास नीचे बैठ गया. उनकी आंखों में आंखें डालकर बोला "हां गीता चाची, आप तो मेरी जान हो. आज से आप छत पर नहीं मूतेंगी." फ़िर रुक कर बोला. "इस शरबत के लिये तो मैं कब से मरा जा रहा हूं. पर डरता था कि आप बुरा न मान जायें. मेरे मुंह में मूतिये गीता चाची, एक बूंद नहीं छलकने दूंगा. चलिये बिस्तर पर."
चाची खिल उठीं. "सच कहते हो लल्ला? मेरे दिल की बात कह दी. मैंने भी बहुत किताबों में पढ़ा है और एक दो तस्वीरें भी देखी हैं. मन करता था कि किसी अपने प्यारे के साथ ऐसा करू. इसी बच्ची ने आखिर कहा कि अनिल भैया से कहती क्यों नहीं. बड़ी बदमाश है. कहती है कि उसकी सहेली की बहन तो रोज अपने पति के मुंह में मूतती है. इन दोनों ने कई बार छुपकर देखा है."
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