RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
दूसरी तरफ पायल दी ने भी जय के लंड को मुँह मे लेकर उसे दूसरा मज़ा देना शुरू कर दिया, पायल तो अच्छी सकर थी, उसने उसकी बॉल्स को चूसा, उसके लंड को कुतरा और उसकी गान्ड मे उंगली भी करी, ये सब बहुत होते है एक आदमी को ऑर्गॅज़म के करीब लाने के लिए.
मैने भी अपनी बॉल्स को काजल के मुँह मे ठूंस दिया, पहले तो वो मेरे लंड को छोड़कर कुछ और चूसने के लिए राज़ी ही नही हुई पर पायल दी को भी वैसा ही करते देख कर उसने मेरी बॉल्स को भी मुँह मे भर लिया, उसके बाद तो वो उन्हे छोड़ने के लिए राज़ी ही नही हुई, मेरे लंड को पूरा चूस्ते हुए वो बॉल्स तक ज़ाती और उन्हे मुँह मे भरकर चूस्ति और फिर से उपर आकर मेरे लंड को.
ऐसा करते-2 मैं भी अपने ऑर्गॅज़म के करीब पहुँच गया, ये वो पल था जब मैं अपने लंड से निकलने वाले रस को रोकना भी चाहता था और निकालना भी, एक ही पल मे अपने लंड के अंदर की सारी गर्मी मैने निकालनी शुरू कर दी, और एक के बाद एक केयी सफेद गोलिया मैने उसके फूल से चेहरे पर दाग दी.
”आआअहह काजल साली कुतिया अहह यू सकर”
मैने उसके भाई के सामने ही उसे कुतिया बोलकर अपना पानी पिलाना शुरू कर दिया.
और उसने भी एक कुतिया की तरह , मेरे लंड से निकले सफेद पानी की एक-2 बूँद अंदर लेकर पीनी शुरू कर दी, ये मेरे लंड का पानी उसके लिए एक नशे जैसा बन चुका था, जो उसे उत्तेजना के ऐसे शिखर पर ले जाता था जहाँ से पूरी दुनिया बहुत खूबसूरत लगती थी.
मेरे लंड को अच्छी तरह से चूस्कर वो मेरे सीने पर आकर लेट गयी और गहरी साँसे लेते हुए वो पायल दी और जय को देखने लगी.
वो भी अपने ऑर्गॅज़म के करीब था, पायल दी बड़ी कुशलता से उसके लंड को चूस रही थी, काजल भी उसे देख कर कुछ नया सीखने की कोशिश करने लगी.
इसी बीच जय को एहसास हो गया कि काजल उसे ही देख रही है, और उसने अपना चेहरा उसी की तरफ कर दिया, दोनो एक दूसरे को ऐसे देखने लगे जैसे कोई लवर देखते है, और इस बार उन्होने अपना चेहरा भी नही घुमाया, बस घूरते रहे एक दूसरे की आँखो मे.
और मैं ये बात टाल ठोक कर कह सकता था कि वो लंड तो पायल दी से चुस्वा रहा था पर उसके ज़हांन मे इस वक़्त उसी की बहेन काजल उसका लंड चूस रही थी.
और कुछ ही देर मे जय के लंड से सफेद पिचकारियाँ निकलने लगी, पायल दी का मुँह पूरा भर गया जय के वीर्य से, और झाड़ते हुए जय के मुँह से जो निकला उसे सुनकर मैं भी चोंक गया.
वो सिसकते हुए बोला : ”अहह काजल”
एक पल के लिए तो पायल दी ने भी उसका लंड चूसना छोड़ दिया.
फिर जय सॉरी-2 बोलता हुआ पायल की तरफ प्यार से देखने लगा, किसी ने इस बात का बतंगड़ नही बनाया पर एक बात क्लियर हो चुकी थी कि अब उन दोनो भाई बहेन के बीच कुछ होने वाला है और वो भी बहुत जल्द.
कुछ देर मे पायल ने उसके लंड को पूरा चूस्कर अच्छे से चमका दिया, और फिर धीरे-2 सबने अपने कपड़े पहेन लिए, और पायल दी और काजल वही हमारे साथ ही सो गये.
पर ये रात कुछ और लंबी होने वाली थी, और कुछ ऐसा होने वाला था जिसके बारे मे मैने सपने मे भी नही सोचा था.
रात को करीब 2 बजे मेरी नींद खुली, मुझे प्यास लग रही थी.
मैने सिर्फ़ एक शॉर्ट्स मे था.
और काजल मेरे कंधे पर सिर रखकर गहरी नींद मे सो रही थी.
जय और पायल दी भी एक दूसरे मे घुस कर सो रहे थे,
मैने अपनी टी शर्ट पहनी और उठकर नीचे चल दिया, पानी पीने.
और फिर एक पानी की बॉटल लेकर मैं उपर आ गया.
फिर मुझे इक्षा हुई कि थोड़ी देर खुली हवा मे टहला जाए.
इसलिए अपने रूम मे जाने के बजाए मैं उपर की तरफ चल दिया और छत का दरवाजा खोलकर अपनी बाल्कनी मे आ गया.
सच मे काफ़ी अच्छी हवा चल रही थी.
चाँद भी पूरा निकला हुआ था, जिसकी चाँदनी से ऐसा लग रहा था जैसे कोई बड़ा सा बल्ब जलाया हुआ है आसमान मे
मैं बाल्कनी मे खड़ा होकर नीचे देखने लगा,
और आज रात हुई घटना के बारे मे सोच-सोचकर मुस्कुराने लगा,
तभी.......................
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