RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
अब मेरे सामने उसका पूरा नंगा बदन था… और सच कहूँ, उसकी कसावट को मैने पायल दी से कंपेर किया तो काजल 20 ही निकली, 19 नही…
जैसे -2 उसका शरीर नीचे जा रहा था, वो फेलता जा रहा था, ख़ासकर उसके कूल्हे वाला हिस्सा… उसकी कमर एकदम लचक लिए हुए थी…
और मेरी नज़र जब उसकी चूत पर गयी तो मैं हैरान रह गया… वो एकदम सफाचट थी… और सॉफ पता चल रहा था कि वो उसे अभी सॉफ करके आई है…
यानी मेरी बात को उसने काफ़ी सीरियस्ली लिया था जब मैने उसे सिनिमा हॉल मे कहा था कि मैं आज रात उसकी पुसी को सक करूँगा..
मेरा मुँह सूखा जा रहा था…
मैने अपना चेहरा उसकी चूत के उपर किया और एक गहरी साँस ली… उसमे से भीनी -2 खुश्बू आ रही थी, मुझसे और बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया और मैने अपने प्यासे होंठ उसकी गर्म चूत पर चिपका दिए..
वो तड़प उठी और ज़ोर से चीखी भी…
”अहह…. उम्म्म्म…. राज.. एसस्स्स्स्स्सस्स…….”
उसके हाथ अपने आप अपने चेहरे से हट गये और उसने मेरे बालो को पकड़ कर अपनी चूत पर किसी मूली की तरह घिसना शुरू कर दिया… मैने भी अपनी कड़क जीभ निकाली और उसकी चूत की दरार से रिस रहे पानी को निगलना शुरू कर दिया.
”ओह माइ गॉड…. एसस्स्सस्स….. बहुत मज़ा आ रहा है…. अहह… ऐसे ही चाटो अंदर तक… घुसाओ…. जीभ को…. अहह..”
वो मस्ती मे भरकर मुझे ये सब बोल रही थी… और शायद इस वक़्त वो ये बात भी भूल चुकी थी कि उसका भाई उसी की बगल मे लेटा हुआ ये सब सुन रहा है…
पर उसे अब इन बातो से कोई फ़र्क नही पड़ रहा था…. ये वो हमाम था जिसमे अब सब नंगे हो चुके थे.
पायल दी ने जब देखा कि जय अब भी अपनी बेहन को देखने की कोशिश कर रहा है तो वो उसके कान मे बोली : “तुम्हे वो पसंद है तो तुम उसके पास जा सकते हो… मुझे कोई प्राब्लम नही है…”
जय ये बात सुनकर झेंप सा गया…जैसे उसकी चोरी पकड़ी गयी हो…
वो बोला : “अर्रे नही… मैं तो बस… ऐसे ही….”
और फिर से उसने पायल दी के बूब्स को चूसना शुरू कर दिया..
पायल दी अपनी सीट से खड़ी हुई और उन्होने भी अपनी निक्कर उतार दी… अब वो भी पूरी नंगी थी…
मैं तो उनके मस्त शरीर को पहले ही देख चुका था, मसल चुका था पर जय के लिए ये पहला मौका था… वो तो पायल के नंगे बदन को देख कर पलके झपकना भी भूल गया..
पायल दी ने खुद ही अपने हाथ से अपने बूब्स को उभार कर उसे दिखाया और फिर अपनी जवानी के जलवे दिखाती हुई… इतराती हुई वो पलंग पर चढ़ गयी… और अपनी टांगे जय भैया के सिर के दोनो तरफ फेला कर खड़ी हो गयी.
पायल दी की चूत से निकल रहे रस की एक बूँद सीधा आकर जय के मुँह मे आ गिरी… और उसके स्वाद को महसूस करके वो पागल सा हो गया और उसने पायल के कुल्हो को पकड़ कर नीचे खींच लिया और उसे अपने मुँह पर बिठा कर उसकी चूत मे जीभ घुसा दी…
पायल दी भी उसके बालों को पकड़ कर अपनी चूत को उसके मुँह पर रगड़ने लगी.. अपनी चूत का रस उसे पिलाने लगी..
एक तरफ मैं काजल को लिटा कर उसकी चूत चूस रहा था और दूसरी तरफ पायल दी ने जय को लिटा रखा था और अपनी चूत चुस्वा रही थी…
और कुछ ही देर मे दोनो भाई बहनो की मेहनत रंग लाई…. मेरे होंठों और जीभ के कमाल के सामने काजल ज़्यादा देर तक टिक नही पाई और वो किल्किलाती हुई झड़ने लगी..
”आआअहह …. उम्म्म्म…. फकककककककककक…. मैं तो गयी रे…….. मैं तो गयी….”
और उसकी कुँवारी चूत से निकले पहले झरने का स्वाद मैने उसपर मुँह लगाकर लिया….. और तब तक लगाए रखा जब तक वो झरना सूख नही गया…
मुझे ऐसा लगा जैसे मैने पेट भरकर नारियल पानी पिया है..
और वही दूसरी तरफ, अपनी तेज़ी को अपने हिसाब से कंट्रोल करके, पायल दी की चूत भी झड़ने के करीब पहुँच गयी… और जब वो झड़ी तो उन्होने खुल्ले दिल से अपनी चूत का रस जय भैया के खुल्ले मुँह मे डाला… जिसे वो भी किसी कुत्ते की तरह चपर-2 करके पी गया.
और फिर हाँफती हुई सी वो साइड मे लुढ़क कर गहरी साँसे लेने लगी…
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