RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
मैं जैसे ही नज़रें झुकाने लगा तो मुझे एहसास हुआ कि उनकी नज़रें मुझे नही बल्कि काजल के नंगे बूब्स पर थी… यानी खुद की ही बेहन के बदन पर..
एक पल के लिए तो मैं भी चोंक सा गया… अभी थोड़ी देर पहले तक तो वो एकदम संत बने फिर रहे थे… और अब पायल को अपनी बाहो मे भरकर वो अपनी खुद की बेहन को देखने मे लगे है…
वैसे अपनी खुद की बेहन के साथ तो मैने भी बहुत कुछ कर लिया था… पर इस वक़्त तो क्रॉस कनेक्षन चल रहा था… मैं जय की और जय मेरी बेहन के साथ लगा हुआ था..
जय ने जब देखा कि मैने उसकी बेहन के बूब्स पर लाल निशान बना दिया है तो वो भी जोश मे आ गया और उसने खड़े-2 पायल दी की टी शर्ट और ब्रा को एक ही झटके मे उतार फेंका..
और अब पायल सभी के सामने टॉपलेस होकर खड़ी थी.
उनके मोटे-2 बूब्स देख कर एक बार के लिए तो मेरा भी मन मचल उठा उन्हे दोबारा चूसने के लिए.. पर अभी के लिए तो काजल के साथ ही संतुष्ट करना था मुझे..
जय ने पायल दी को उसी बेड पर लाकर लिटा दिया जिसपर मैं काजल के साथ लेटा हुआ था… यानी दोनो बहने एक ही बिस्तर पर थी इस वक़्त…
मैने भी काजल की टी शर्ट को पूरी तरह से उतार दिया…
काजल ने अपने हाथो से अपनी नंगी ब्रेस्ट छुपा ली… उसका बड़ा भाई इतने करीब से उसे घूर कर जो देख रहा था.
पायल : “शरमाओ मत काजल… ये सब तो अब आम बात रहेगी हम चारो के बीच, एक दूसरे से शरमाते रहेंगे तो मज़े कैसे लेंगे.. आज से हम सभी एक दूसरे के भाई बेहन नही बल्कि लवर बनकर रहेंगे.. और एक दूसरे के सामने कुछ भी करने से शरमाना नही है, वरना नुकसान तुम्हारा ही होगा..”
इतना कह कर उसने जय को खींच कर एक बार फिर से अपनी छाती से लगा लिया और उसे अपना दूध पिलाने लगी..
काजल भी शायद उनकी बात समझ गयी थी… उसने अपने हाथ हटा कर एक बार फिर से अपने हुस्न को बेपर्दा किया और मुझे अपने उपर खींचते हुए फुसफुसाई : “आ जाओ अब राज…. अब चूसो उन्हे ज़ोर से…”
ये बात तो जय ने भी सुनी… अपनी बेहन की इस बेशर्मी भरी बात को सुनकर उसका बदन और भी ज़्यादा सुलग उठा और वो और तेज़ी से पायल दी के बूब्स चूसने लगा…
काजल ने अपना दाँया स्तन मेरी तरफ लहराया और बोली : “यहाँ… इसपर थोड़ा ज़्यादा ध्यान दो भाई… यहाँ ज़्यादा खुजली हो रही है… काटो उन्हे…चूस लो…”
और उसी बात को सुनकर , जय ने पायल दी के दाँये बूब्स को मुँह मे भर लिया.. और उसे बुरी तरह से चूसने और चबाने लगा..
यानी जैसा-2 काजल मुझसे करवा रही थी या मुझे बोल रही थी… वैसा-2 जय पायल दी के जिस्म के साथ कर रहा था… शायद अंदर ही अंदर वो काजल की तरफ अट्रॅक्ट हो रहे थे…
मैं समझ गया कि उन्होने इस बात के लिए हाँ क्यो की थी… शायद इसी बहाने वो अपनी खुद की बेहन के नंगे जिस्म के दर्शन कर सकेंगे… जो शायद आज से पहले उन्होने नही किए थे.
मैने एक कदम और आगे बढ़ने की सोची… और धीरे-2 मैने काजल के पयज़ामे को नीचे खिसकाना शुरू कर दिया..
और इस बार तो काजल का शर्म के मारे बुरा हाल था… शायद वो अभी के लिए इससे आगे नही बढ़ना चाह रही थी… अपने ही भाई के सामने वो पूरी नंगी नही होना चाहती थी..
पर मैं भी जिद्दी था, मैने उसकी एक ना सुनी और उसके मना करने के बावजूद भी मैने उसका बॉटम निकाल कर नीचे फेंक दिया..
उसने शर्माकर अपने चेहरे को अपने हाथो से ढक लिया… बेचारी ये भूल गयी कि उसके ऐसा करने से दूसरो को तो दिखाई देना बंद नही हो गया था…
|