RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
मेरे आँख मारने का जवाब आँख मारकर दिया उन्होने.. और फिर मुस्कुराती हुई सी वापिस जय की तरफ मूड गयी… कमरे मे नाइट बल्ब जल रहा था, जिसकी हल्की रोशनी मे मेरी अधखुली आँखे देखना मुश्किल था… इसलिए मैं उनकी रास लीला आराम से सोने का नाटक करते हुए देखने लगा.. और वैसे भी, पायल दी के साथ स्टाचु गेम खेलते हुए मुझे तो स्टाचु बनने की कला मे महारत हासिल हो चुकी थी…
पर इस वक़्त जो उनके बीच चलने वाला था वो स्टाचु बनकर ही देखा जा सकता था.
जय भैया ने पायल दी को ज़ोर से पकड़ा और अपने गले से लगा लिया..
पायल दी ने छूटने का नाटक करते हुए कहा : “ये क्या कर रहे हो भैया… ऐसा करना ठीक नही है… तुम मेरे भाई हो आख़िर…”
जय भैया की शक्ल देखने लायक हो गयी…आज पूरा दिन पायल ने उनके साथ जिस तरह से फ्लर्ट किया था, उन्हे अपने जिस्म से खेलने का अवसर दिया था… उनके लंड का पानी मसल-मसल कर निकाला था और उसे पॉपकॉर्न पर लगाकर खाया भी था, उसके बाद पायल का ये रवैय्या देख कर वो भी सकते मे आ गये..
पर फिर भी थोड़ी हिम्मत करके वो बोले : “पर… पर …तुमने ही तो…. वहाँ थियेटर मे.. वो सब….”
पायल : “हां… वो तो है… उस वक़्त मैं बहक गयी थी… पर बाद मे सोचा कि ये सब करना ठीक नही है…”
जय भी बेचारा परेशान सा हो गया…. वो तो समझ रहा था कि शायद इस वक़्त कुछ और करने को मिलेगा.. पर पायल के बदले दिल ने उसके लंड के अरमानो पर पानी फेर दिया था.
पायल ने उसके चेहरे को देखा तो समझ गयी कि वो सीरीयस होकर ये सब सोच रहा है
जय : “ओके…तुम कहती हो तो ठीक है…”
बेचारे ने बड़ी मुश्किल से, अपने दिल पर पत्थर रखकर ये बात कही थी.
पायल : “देखो जय, मुझे बुरा मत समझना, वो सब मुझे भी अच्छा लग रहा था… इनफॅक्ट मेरा बस चलता तो मैं सब कुछ करने को तैयार हो जाती वहाँ पर.. लेकिन.. लेकिन…”
जय को जैसे रोशनी सी दिखी उसकी बात सुनकर…वो तड़प कर बोला : “लेकिन क्या पायल… बोलो…”
पायल : “लेकिन… किसी को पता चल गया तो सब गड़बड़ हो जाएगी…”
जय : “किसे पता चलेगा.... नही चलेगा… किसी को पता नही चलेगा पायल… मेरा विश्वास करो… जब तक तुम या मैं किसी को ना बताए ये बात किसी को पता नही चलेगी… प्लीज़ पायल..”
बेचारा एक तरह से गिडगिडा रहा था उसके सामने… और पायल अपनी चाल चलकर मन ही मन खुश हो रही थी.
पायल ने सीरीयस सा मुँह बनाया और जय का हाथ पकड़ कर बोली : “देखो जय, मोम-डॅड से छुपाना आसान है, क्योंकि पूरा दिन वो लोग ऑफीस मे रहते है… पर ये राज और वो काजल, ये तो हमारे साथ ही रहते है ना… इनसे छुपा कर रखना मुश्किल होगा…”
जय भी ये सुनकर सोच मे पड़ गया… बात तो सही थी, ऐसे कब तक वो अपनी भावनाओ को काबू मे रख पाएँगे, एक दूसरे के सामने कभी ना कभी तो वो सामने आ ही जाएगा, और पकड़े जाएँगे.
जय : “तो तुम ही बताओ पायल, इसका क्या सल्यूशन है… मैं तुम्हे पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हूँ…”
पायल ने उसकी तरफ तिरछी नज़रों से देखा और एक नज़र मुझपर डाली..
और बोली : ” देखो, तुम मेरी बात का ग़लत मतलब मत निकालना, पर यही एक तरीका है जिसके बाद हम वो सब कर सकते है जिसके लिए मैं और तुम तड़प रहे हैं..”
जय: “हां.. हां… बोलो… मैं सुन रहा हूँ.. क्या प्लान है तुम्हारे दिमाग़ मे बोलो…”
पायल : “तो सुनो जय , जैसा रिश्ता तुम मेरे साथ चाहते हो, वैसा ही हमे काजल और राज को भी देना होगा..यानी उन्हे भी ऐसा ही कुछ करने की छूट देनी होगी ताकि वो हमारे बीच कोई अड़चन ना डाल सके..”
ये सुनकर जय भैया का चेहरा देखने लायक था… और मेरी तो हँसी ही निकल गयी पायल दी की प्लानिंग सुनकर.. क्या दिमाग़ लगाया था उन्होने, ऐसी हालत मे लाकर अगर तुम किसी से कहो कि अपनी बेहन की सेट्टिंग पहले किसी और से करवा फिर मुझसे मज़े ले तो कैसा फील होगा..यही हाल था इस वक़्त जय भैया का..
|