RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
पायल के सेक्सी चेहरे और उसके कड़क बूब्स का वो दीवाना बन चुका था और वही बूब्स इस वक़्त उसकी कोहनी मे बुरी तरह से धन्से पड़े थे…
पहले तो उसे विश्वास ही नही हुआ कि पायल ने ऐसा खुद किया है… कोई लड़की इस तरह से अपने बूब्स को किसी भी लड़के से टच क्यो करेगी भला.. पर उसके गुब्बारे जैसे नर्म मम्मों का स्पर्श पाकर वो किसी दूसरी ही दुनिया मे पहुँच गया..
मूवी देखते हुए पायल जब उसकी गोद मे पड़े पॉपकॉर्न के डब्बे मे हाथ डालती तो उसकी ब्रेस्ट और अंदर घुस जाती…
जय की गोद मे पड़ा पॉपकॉर्न का डब्बा उपर नीचे होने लगा.. डब्बे के नीचे जय का लंड खड़ा हो चुका था.
जय ने भी सोचा कि देखा तो जाए कि ये पायल ने जान बूझकर किया है या ऐसे ही नासमझी मे आकर वो उसकी बाजू पकड़ कर बैठी है..
उसने अपनी कोहनी को धक्का देकर उसकी छाती की और दबाया और उसकी नुकीली कोहनी पायल की छाती मे और अंदर घुसती चली गयी.. जय को तो ऐसा एहसास हुआ जैसे वो किसी नर्म पिल्लो मे कोहनी घुसा रहा है..
पर पायल बेचारी दर्द से बिलबिला उठी, आख़िर काफ़ी सेन्सिटिव पॉइंट होता है उनका ये..
फिर भी वो भोला सा फेस बनाकर बोली : “क्या है जय भैया, कोहनी क्यो चुभा रहे हो…दर्द होता है…”
इतना कह कर वो अपनी ब्रेस्ट को जय के सामने ही सहलाने लगी..
जय बेचारा डर सा गया, उसे लगा कि उसने कोई बहुत बड़ी ग़लती कर दी है… पर पायल दी के चेहरे को देख कर उसे ये लगा नही कि वो ग़लती थी, और उपर से पायल ने उसके हाथ को भी ज्यो का त्यो पकड़ा हुआ था… यानी ये गुस्सा सिर्फ़ उपर-2 से ही था..
उसने पायल दी का वही हाथ, जिससे वो अपनी ब्रेस्ट को सहला रही थी, उसे पकड़ा और बोला : “आइ आम सॉरी पायल, मैने ये जान बूझकर नही किया…”
पायल ने उसके हाथ को अपनी छाती से लगाते हुए बड़े प्यार से कहा : “अर्रे, आप सॉरी क्यो बोल रहे हो…मैने तो ऐसे ही कहा था बस… मुझे लगी थोड़े ही है.. और वैसे भी यहाँ नॅचुरल डनलॉप का गद्दा लगा है, यहाँ कोई चोट नही लग सकती…”
पायल की बात सुनकर जय भी हैरान रह गया, पायल कितनी आसानी से अपनी गुदाज छातियो की बधाई कर रही थी… और जय का हाथ वो अपनी छाती से लगा कर उसे उनका एहसास भी करवा रही थी.
अब तो जय भैया भी समझ गये कि पायल दी के मन मे क्या चल रहा है.. और सच बात तो ये थी कि अंदर से तो वो भी यही चाहते थे कि पायल के साथ मज़े ले सके, पर उनका रिश्ता ही ऐसा था कि उन्हे थोड़ी झिझक हो रही थी और डर भी था कि पायल ने अगर किसी को बोल दिया तो एक भाई होने के नाते उन्हे कितनी ज़िल्लत सहनी पड़ेगी..
पर अब उन्हे वो डर नही था क्योंकि पायल खुद ही ऐसी हरकतें कर रही थी, इसलिए उसने भी उस खेल मे कूद कर मज़े लेने की ठान ली.
पायल दी ने जय भैया के हाथ को पकड़ कर अपनी छाती से लगा रखा था और अचानक पायल ने महसूस किया कि जय की उंगलियों मे हरकत होने लगी है…
पायल के पूरे शरीर मे चींतिया सी रेंगने लगी.. ये एहसास भी ठीक वैसा ही था जब उसकी ब्रेस्ट को मैने पकड़ कर सहलाया था.. पर अब हाथ दूसरा था और हर हाथ का अपना अंदाज भी होता है..
जय अपने अंदाज से पायल की ब्रेस्ट पर उंगलियो को घुमाने लगा… पायल कुछ बोलना चाह रही थी पर उसके होंठों से कुछ निकल ही नही रहा था.. होंठ फडफडा कर रह गये..
अचानक जय ने उसके उभरे हुए निप्पल को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच लाकर दबोच लिया… पायल का पूरा शरीर अकड़ सा गया.. ऐसा लगा जैसे कोई उसे टॉर्चर करते हुए करेंट दे रहा है…
जय की उंगलियो से निकलकर करेंट सीधा पायल की चूत तक पहुँच रहा था…
उसने अपनी टांगे फेला कर अकडा ली, छातियाँ और बाहर निकल आई, जिनकी गर्मी और अकड़न को जय सॉफ महसूस कर पा रहा था.
पायल ने जय के हाथ के उपर अपना हाथ रखकर ज़ोर से अंदर दबा लिया… ये इस बात का संकेत था कि वो भी यही चाहती है… बस फिर क्या था, जय के हाथ हरकत मे आए और उसने पायल दी की टी शर्ट को धीरे-2 अपनी उंगलियो से उपर करना शुरू कर दिया..
और तब तक करता रहा जब तक उसका सपाट पेट उसके हाथो से नही छू गया.. अपने नंगे पेट पर जय के कठोर हाथ लगते ही वो पूरी तरह से सुलग उठी..
उसके मुँह से सिसकारी सी निकल गयी… और मुँह से लार निकल कर सीधा जय भैया के हाथ पर आ गिरी…
”सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आअहह”
मेरी नज़रें भले ही स्क्रीन पर थी और मूवी देखने का नाटक कर रही थी पर तिरछी नज़रों से उन्हे देख कर और उधर से आ रही सिसकारियाँ सुनकर मुझे हर बात का पता चल रहा था.
जय के हाथ पायल दी की टी शर्ट मे घुस गये और उसने अपने हाथ उपर करते हुए उनकी ब्रेस्ट पर लाकर लगा दिए.
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