RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
अब तो मेरे दिमाग़ मे जैसे एक फिल्म सी चल रही थी, जैसे उन दोनो के हाथ मेरे लंड को एक साथ सहला रहे थे वैसे ही मेरा लंड भी जल्द ही एक साथ दोनो के मुँह मे जाएगा, वो मेरे सामने बैठेंगी और मैं बारी-2 से अपने खड़े हुए लंड को छड़ी की तरह उनके चेहरों पर मारूँगा, उनके नर्म होंठों से चुस्वाउंगा, और बाद मे झड़ते वक़्त अपना रस उन दोनो के चेहरों पर फेला कर उन्हे पिलाउन्गा.
काश, इस वक़्त जय भैया ना होते हमारे साथ तो दोनो के सिर पकड़ कर अभी अपने लंड पर लगा देता, फिल्म गयी माँ चुदवाने, अपनी खुद की फिल्म बनाता, पर्सनल वाला एमएमएस , जिसमे मेरी दोनो बहने मेरा लंड चूस रही है और मैं राजा बनकर उन्हे डाइरेक्ट कर रहा हूँ.
लंड छुड़वाने की बात याद आते ही मुझे सुबह वाली बात याद आ गयी जिसमे दोनो ने मेरे लंड को पप्पी करी थी, मेरा लंड तो उस पल को याद करके एक बार फिर से बिफर गया, और मेरे लंड के माध्यम से , मेरे अंदर से आवाज़ आने लगी कि सुबह वाली किस एक बार फिर से हो जाए.
मैने काजल की तरफ देखा और उसे अपना लंड मुँह मे लेने का इशारा किया, उसने आँखे दिखाते हुए धीरे से कहा : “पागल हो गये हो क्या, भैया बैठे है वहाँ, उन्होने देख लिया तो मार डालेंगे मुझे”
मैने पायल दी की तरफ देखा और उन्होने भी यही कहा, उन्होने मना तो नही किया पर जय की तरफ इशारा करते हुए कहा : “ये ना होता तो तुझे कहने का मौका ही ना देती, पर मेरे पास एक आइडिया है, मैं जय को थोड़ा पटाती हूँ, उसका ध्यान अपनी तरफ करती हूँ तब तक तुम काजल से करवा लो, ”
इतना ख़तरनाक आइडिया, रिस्क भी था उसमे, पर मेरे दिमाग़ मे आया कि भला जय भैया को वो कैसे पटाएगी, कहीं वो उनके साथ भी तो कुछ करने के मूड मे नही थी.
मेरे चेहरे पर आए इन सवालो को शायद उसने पढ़ लिया था, वो एक आँख मारती हुई बोली : “अगर ये मज़ा आगे भी बढ़ाना है तो जय को भी शामिल करना पड़ेगा, और वैसे भी तुम्हे 2-2 लड़किया मिल रही है, मेरा भी तो हक है 2-2 के साथ करने का, मैं क्यो पीछे रहूं, ”
इतना कह कर वो जय की तरफ झुक गयी, और उसका हाथ पकड़ कर उससे सॅट कर बैठ गयी, ठीक वैसे ही जैसे अभी कुछ देर पहले वो मेरे साथ बैठी थी, यानी इस वक़्त जय भैया की भी हालत पतली हो रही होगी क्योंकि उनकी कोहनी पर पायल दी के बूब्स का दबाव जो आ रहा था, बेचारे इधर-उधर गर्दन घुमा कर देखने लगे कि कोई देख तो नही रहा था, मैने और काजल ने तो मूवी देखने का नाटक करते हुए अपना सिर सीधा रखा, फिर वो थोड़ा रिलॅक्स हुए और अपने आप को उन्होने पायल दी की आड़ मे छुपा सा लिया ताकि उनके साथ क्या हो रहा है ये मैं देख ना पाऊ.
मैं भी तो यही चाहता था, मैने पायल दी कि योजना काजल को बता दी, वो भी मुस्कुरा दी, उसका हाथ मेरे लंड पर और तेज़ी से चलने लगा.
मैने एक बार फिर से उसे अपने लंड को चूसने के लिए कहा, इस बार उसने मना नही किया पर बुरा सा फेस बनाया कि ये कैसे-2 काम करवा रहे हो.
मैने कहा : “मेरा बर्तडे है, मैं कुछ भी करवाउन्गा, तुम्हे करना पड़ेगा, ”
उसने जीभ निकाल कर मुझे चिड़ाया, मैने उसे अपनी तरफ झुकाते हुए अपनी गोद मे गिरा लिया, सीट्स के बीच मे हाथ रखने वाले हिस्से को उपर कर दिया मैने, और पॉपकॉर्न का टब थोड़ा उपर उठा लिया ताकि उसके पीछे काजल छुप जाए और जय देखना भी चाहे तो उसे वो दिखाई ना दे.
मेरे लंड के उपर जब उसकी गर्म साँसे एकबार फिर से टकराई तो मुझसे सब्र नही हुआ और मैने बड़ी ही बेदर्दी से अपना लंड पकड़ कर उसके मुँह मे ठूंस दिया, बेचारी गिडगिडा कर रह गयी, और मेरा 7 इंच का पूरा लंड उसकी हलक मे घुसता चला गया, ये एक ऐसा एहसास था जिसका मुकाबला दुनिया की किसी और खुशी से किया ही नही जा सकता था, गर्म साँसे और नर्म होंठ जब लंड की सेवा करती है तो मज़ा ही आ जाता है.
वही मज़ा मैं लेने मे लगा था इस वक़्त, काजल को भी शायद मेरे लंड का स्वाद पसंद आया था, उसने मेरे लंड को आइस्क्रीम की तरह चूसना शुरू कर दिया, मैने तो उसे अपने टटटे भी चुस्वा लिए, उनपर होंठ लगते ही मेरे बदन मे झुरजुरी सी दौड़ रही थी, वो बारी-2 से मेरे लंड और बॉल्स को अच्छी तरह से चूस रही थी, मैने तो आँखे बंद कर ली और उसके रेशमी बालों को सहलाते हुए अपना लंड चुस्वाता रहा.
और जल्द ही उसके जादुई होंठों ने कमाल दिखाया और मेरे लंड का पारा उपर तक चढ़ता चला गया, और एक के बाद एक मेरे लंड ने गोलियों की बोछार करनी शुरू कर दी.
काजल के लिए ये पहला मौका था , उसे तो शायद ये भी पता नही था कि लंड से इस तरह ढेर सारा रस निकलता है, वो बेचारी मुँह पीछे भी नही कर पाई, और तब तक उसे रस का स्वाद भी मिल गया था जो उसे इतना अच्छा लगा कि वो खुद ही अंदर घुस-घुसकर मेरे लंड को चूसने लगी, और बिना एक भी बूँद बाहर निकाले वो मेरे लंड का सारा वीर्य अंदर निगल गयी, उपर मुँह करते हुए उसका चेहरा एक अलग ही तरह से दमक रहा था, मेरे लंड का पानी अभी तक उसके होंठों पर चमक रहा था, जिसे उसने बड़े ही सेक्षुयल तरीके से अपनी जीभ से सॉफ करते हुए अंदर ले लिया.
जितना वो लंड चूसने को मना कर रही थी, उतना ही वो उसे दोबारा चूसने के लिए लालायित दिखी मुझे.
और इस बीच पायल दी ने जो कमाल किया उसका तो पूछो ही मत, जय भैया ने भी शायद ये नही सोचा होगा कि उनकी लाइफ मेरी वजह से बदलने वाली है, क्योंकि मेरी वजह से ही पायल दी ने उनपर जादू चलाना शुरू किया था.
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पायल ने जब जय की बाजू कस कर पकड़ी और उसके साथ अपने बूब्स को लगा कर बैठी तो जय घबरा सा गया था, उसने इधर – उधर देख कर ये सुनिश्चित किया कि उसकी ये हरकत कोई और तो नही देख रहा… आख़िर थी तो वो उसकी मौसेरी बेहन ही ना..
हालाँकि इस बार देल्ही आने पर उसे ये एहसास हुआ था कि वो बेहन अब माल बन चुकी है, इसलिए उसकी नज़रें पहले से थोड़ी बदली-2 सी थी…
पर वो अपने मन की बात बोल भी तो नही सकता था..
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