RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
जब उठा तो शाम के 6 बज चुके थे, बाहर से पायल दीदी और जय भैया की बातों की आवाज़ें आ रही थी… मैं उठकर बाहर आया तो देखा कि काजल भी उनके साथ ही बैठी है पर उसका चेहरा अभी भी उतरा हुआ था.
पायल दीदी ने बताया कि आज जाने का काफ़ी फ़ायदा हुआ और जय भैया ने भी उनकी काफ़ी हेल्प की… मैं देख रहा था कि वो जय भैया की तरफ कुछ ख़ास नज़रों से देख रही है. पर इस वक़्त मेरा सारा ध्यान काजल की तरफ ही था, मैं नही चाहता था कि हाथ आई चिड़िया ऐसे ही निकल जाए.. उसके दाँतों की चुभन मुझे अभी तक अपने लंड पर महसूस हो रही थी.
मेरा मन तो यही कर रहा था कि उसे जिस तरह का डर लग रहा है वो पायल दीदी के बारे मे उसे बताकर दूर किया जा सकता है पर वो बात काजल को बताना सही नही था, पायल दीदी नाराज़ हो गयी तो क्या होगा, मैं ना इधर का रहूँगा और ना ही उधर का.. मैं परेशान हो गया और उठकर मैं छत पर चला गया.
उपर काफ़ी ठंडी हवा चल रही थी, मैं ठंडी हवा का मज़ा लेते हुए रलिंग के पास जाकर खड़ा हो गया. छत पर घुप्प अंधेरा था, चाँद भी नही निकला था आज.
तभी पीछे से मुझे किसी के आने का एहसास हुआ, कोई दबे पाँव मेरी तरफ आ रहा था. मैं समझ गया कि ये काजल ही है, मैं भी अपनी अकड़ मे ही रहा और उसकी तरफ पलटा नही, वो मेरे पीछे आई और मेरी कमर से अपना सीना लगाकर मुझसे लिपट गयी…
गर्म साँसों और नर्म सीने का एहसास मुझे अंदर तक झंझोड़ गया.. मैं ठंडी हवा और गर्म जिस्म के मिले जुले एहसास को महसूस करके सिहर उठा..वो अपना बदन मेरी पीठ पर उपर से नीचे तक रगड़ने लगी.. उसके कड़क मम्मे मेरी पीठ पर हल जोतने का काम कर रहे थे, उसके निप्पल्स मुझे बुरी तरह से चुभ रहे थे पर इन सबके लिए मैं शिकायत नही कर सकता था क्योंकि ये सब महसूस करके मुझे एक अलग ही तरह के आनंद की अनुभूति हो रही थी.
अचानक उसने अपना एक हाथ आगे किया और मेरे लंड के उपर लेजाकर उसे सहलाने लगी… मैने उसके हाथ को झटक दिया, ताकि उसे भी मेरे गुस्से का एहसास हो… पर ऐसा कुछ नही हुआ, उसने फिर से अपना हाथ मेरे लंड पर लगा कर उसे सहला दिया, इस बार मैने कुछ नही किया, क्योंकि स्वार्थ तो मेरा ही था ना, और वैसे भी उसके लिपटने के बाद से ही मेरे लंड ने फिर से खड़ा होना शुरू कर दिया था, उसे एक बार फिर से बिठा कर मैं कोई ग़लती नही करना चाहता था..
पर उसकी दोपहर वाली ग़लती का बदला तो मुझे लेना ही था, इसलिए मैने बिजली की तेज़ी से अपने लंड को बाहर निकाला और उसके हाथ मे पकड़ा दिया… और साथ ही उसकी तरफ घूमते हुए उसे अपने घुटनो पर बिठाया और बड़ी ही बेदर्दी से उसके मुँह मे अपना लंड ठूंस दिया…
वो बेचारी घिघिया कर रह गयी पर कुछ बोली नही, मेरी बेरूख़ी और जंगलिपन को उसने बड़े प्यार से कबूल करते हुए मेरे लंड को अपने मुँह मे भर लिया और उसे चूसने लगी… उसके गर्म मुँह मे मेरा कड़क लंड घुसते ही मेरी आँखे बंद हो गयी, मैं ठंडक से भरे माहॉल मे अपना लंड चुस्वाता हुआ हवा मे उड़ने लगा… सारी दुनिया से बेख़बर होकर मैं इस वक़्त अपनी छत पर खड़ा होकर काजल से अपना लंड चुस्वा रहा था, इस वक़्त मुझे इस बात का भी डर नही था कि कोई नीचे से उपर आ जाएगा, कोई हमे पकड़ लेगा … बस अपनी ही मस्ती मे भरकर मैं अपना लंड चुस्वा रहा था…
काजल भी बड़ी तेज़ी से मेरे लंड को चूस रही थी, उसके चूसने की ताक़त ही इतनी तेज थी कि मेरे लंड की हालत एकदम से खराब होने लगी, सच मे लंड चूसने मे उसका कोई मुकाबला नही था…
और जल्द ही उसके मुँह की ताक़त के आगे मुझे हारना पड़ा और मेरे लंड का पानी निकल कर उसके मुँह मे जाने लगा..
और सबसे बड़ी ग़लती मुझसे ये हो गयी उस वक़्त की झड़ते वक़्त मेरे मुँह से ‘आआहह काजल’ निकल गया…
और ग़लती मैने इसलिए कहा क्योंकि जब मेरे मुँह से उसने ये सुना और अपना चेहरा उपर उठाया तो मेरी फट कर हाथ मे आ गयी
क्योंकि वो काजल नही बल्कि मेरी बहन पायल थी…
मैं तो अभी तक समझ नही पा रहा था कि ये कैसे हो गया, मैने कैसे इतनी बड़ी भूल कर दी, क्यो मैने पहले गोर से नही देखा कि वो काजल नही बल्कि पायल दीदी है… और आख़िर मे आकर मैने जो काजल का नाम ले लिया था उसके बाद तो पायल दीदी मेरी जो हालत करने वाली थी उसका मुझे अंदाज़ा भी नही था.
भले ही एक बार का मज़ा मुझे अभी के लिए मिल गया था पर आगे ये सब मिलना दूर की बात थी. अपनी एक ग़लती की वजह से मैने खुद ही अपना पर्दाफाश कर दिया था.
पायल दीदी धीरे से उठी, उनका चेहरा भी देखने लायक था, बाल बिखर से चुके थे, चेहरे पर, होंठों पर मेरे लंड से निकला सफेद माल चमक रहा था, आँखे लाल हो चुकी थी, अब वो उत्तेजना की वजह से थी या गुस्से की, मुझे नही पता था..
पर उनकी टी शर्ट मे से उभरे हुए निप्पल्स सॉफ दिख रहे थे, यानी उत्तेजित तो वो भी थी इस वक़्त पर मेरी टाइमिंग की वजह से सब गड़बड़ हो चुका था..
वो मुझे घूरते हुए बोली : “अच्छा, तो मेरा अंदाज़ा सही निकला, ये सब चल रहा है तेरे और काजल के बीच, ”
मैं : “न, नही दी, ये बात नही है, वो तो बस, मैं, ”
पायल (थोड़ी तेज आवाज़ मे) : “क्या ये बात नही है, मैं तुम्हे सक कर रही हूँ और तुम काजल का नाम ले रहे हो, क्या मतलब है इसका.. यही ना की ज़रूर तुम्हारे बीच कुछ हुआ है आज दिन मे, वैसे भी कोई नही था आज घर पर, बोलो, क्या किया तुम दोनो ने आज बोलो राज, ”
मैं तो सहम सा गया, दीदी की डाँट सुनकर, मैने आज से पहले सोचा भी नही था कि पायल दीदी की लाइफ मे पहली बार मुझे ऐसी बात पर डाँट पड़ेगी, आज से पहले उन्होने ऐसी कोई बात नही की थी..
और मैं तो उनकी डाँट सुनकर इतना सहम सा गया कि सब उगलने को तैयार हो गया, पर जैसे ही मैने अपना मुँह खोलना चाहा, मुझे सीडियो से किसी के आने की आहट हुई.
और वो आहट पायल दी ने भी सुनी और जैसे ही वो पलटी, तो हमने देखा कि काजल और जय भैया भी उपर आ रहे है, उन्होने मुझे घूर कर देखा और चुप रहने का इशारा किया, मैने भी उन्हे इशारा करके उनके चेहरे और होंठों पर लगे सफेद माल को सॉफ करने को कहा.
जय (पायल दी से) : “अर्रे, तुम उपर थी और हम दोनो तुम्हे नीचे ढूँढ रहे थे, ”
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