RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
मोम ने पायल को डाँटने के लहजे से कहा : “यही हाल रहा तो अड्मिशन की डेट्स भी निकल जाएँगी, तू अभी के अभी निकल और जाकर देख ज़रा, ”
जय : “तुम चाहो तो मैं भी चल सकता हूँ, आइ विल हेल्प यू अंडरस्टॅंड बेटर, ”
मों को भी ये बात पसंद आई और कुछ ही देर मे पायल दीदी और जय भैया बाहर निकल गये,
पापा तो ऑलरेडी ऑफीस जा चुके थे, मोम ने हाफ डे ऑफ लिया हुआ था, वो हमे नाश्ता करवाकर और . का खाना बनाकर ऑफीस के लिए निकल गयी.
और पीछे रह गये मैं और काजल.
ये सब बातें जब हो रही थी तो काजल के चेहरे के एक्सप्रेशन बता रहे थे कि आने वाली संभावनाओ को सोच कर वो कितनी खुश हो रही है, और मेरा भी लगभग वही हाल था, कल रात के बाद तो काजल को देखने की नज़र ही बदल चुकी थी, उसमे खोट आ चुका था..
सबके जाने के बाद जैसे ही मैं दरवाजा बंद करके पलटा, काजल लगभग भागती हुई सी मेरे पास आई और बोली : “जब हम कॉलेज मे जाएगे तो एक साथ ऐसे इंडक्षन प्रोग्राम्स अटेंड करेंगे, आउटिंग भी हो जाएगी और डेट भी मार लेंगे..”
मैं : “अच्छा जी, डेट मारने का बड़ा मन है तुम्हारा, कभी मारी है क्या किसी के साथ, ”
काजल : “पागल हो क्या, पापा और भाई मार देंगे मुझे, जब टाइम आएगा तब मारूँगी, ”
मैने घूरकर उसके बूब्स को देखा और बोला : “टाइम तो आ ही चुका है तुम्हारा, बस तुझे ही पता नही है, ”
मेरी नज़रों का पीछे करते हुए उसने अपने बूब्स को देखा तो शर्मा सी गयी, वैसे भी कल शाम को मेरी गोद मे लेट के उसने मेरे पप्पू को जब अपने मुँह मे लिया था तो अपनी तरफ से तो उसने छूट दे ही डाली थी, ऐसे मे मैं अगर थोड़ी बहुत फ्लर्टिंग कर लूँ तो क्या प्राब्लम होगी..
और कुछ सोचकर मैं बोला : “डेट पर जाने का मतलब भी पता है तुझे, ”
उसने बड़ा ही भोला सा फेस बनाया और बोली : “हां, घूमते है, खाते है, मूवी देखते है, और मस्ती करते है, ”
मैने उसका हाथ पकड़कर सोफे पर बिठाया और उसके करीब बैठते हुए बोला : “अच्छा जी, और ये मस्ती मे क्या-2 इंक्लूड होता है, ”
उसके होंठ काँप से रहे थे, शायद वो जो कुछ बोलना चाहती थी, बोल नही पा रही थी.
फिर हिम्मत करके वो बोली : “पता नही, आप ही बताओ, ”
मैने उसका हाथ अपने हाथ मे लिया और बोला : “सबसे मैं काम तो तुमने बताया ही नही, किस भी करते है, ”
इतना कहते हुए मैने उसके हाथ को उपर करते हुए अपने होंठों से लगा लिया और एक गीला सा चुम्मा कर दिया उसकी हथेली पर.
वो सिसक उठी.. उसका पूरा बदन काँप सा रहा था, सीना उपर नीचे हो रहा था, पर उसने अपना हाथ छुड़ाने की कोई कोशिश नही की.
वो धीरे से बोली : “तो क्या, ऐसी किस तो कोई भी कर सकता है, मैने भी की है अपने फ्रेंड्स को तो ऐसी वाली किस, ”
मैं समझ गया कि वो मुझे उकसा रही है, वो अपनी गोल आँखो से मुझे ऐसे देख रही थी जैसे कुछ कर बैठेगी,
मैं : “चल एक गेम खेलते है, आज तो घर पर कोई नही है, क्यो ना हम दोनो डेट पर चलने की प्रॅक्टीस करे, ”
वो चहकति हुई बोली : “कैसे ?”
मैं : “सुन, थोड़ी देर के लिए मुझे अपना बाय्फ्रेंड समझ ले, ओके.. और फिर हम दोनो वही सब करेंगे जो डेट पर जाकर करते है, समझी, ”
मैने आँख मारकर जब ये बात बोली तो वो समझ गयी कि इस गेम की आद मे मैं क्या-2 करने के मूड मे हूँ..
उसे भला क्या प्राब्लम होने वाली थी, उसने झट से हां कर दी..
ऐसी बक्चोदि करते हुए मुझे हँसी भी आ रही थी, पर जिस तरह स्टाचु गेम के थ्रू पायल दी के साथ वो सब करना आसान हो गया था वैसे ही मैं काजल के साथ करके इन सबको ईज़ी बना देना चाहता था, ताकि ये सब जान बूझकर किया हुआ ना लगे, और इस गेम के ज़रिए मैं धीरे-2 आगे बढ़ कर ये भी जान लेना चाहता था कि वो किस हद तक मेरे साथ आगे जा सकती है.
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