RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
वो अपने मूह के अंदर लगी जीभ से मेरे लंड के छेद को कुरेद रही थी… भले ही छोटा छेद था पर उसमे जीभ को घुसाने का प्रयत्न कर रही थी… फिर उन्होने हर तरीके से उसे चूसा, कभी पूरा अंदर ले-जाकर कभी बाहर निकाल कर गोटियो को मुँह मे लिया, कभी पूरा लंड बाहर निकाल कर उसे चेहरे पर किसी डंडे की तरह मारा और कभी लंड के साथ-2 गोटियाँ भी मुँह मे लेकर चूस गयी… ऐसी कलाकारी करने वाली लड़की अगर मिल जाए तो समझ लेना चाहिए कि आपकी सेक्स लाइफ कभी बेकार नही होगी.
पायल दीदी के चेहरे को उनके बालों ने ढक रखा था, मेरी भी आँखे बंद थी और मैं उस लंड चुसाइ के आनंद मे डूबा हुआ दीदी के बिस्तर पर तड़प रहा था और अचानक मेरा हाथ साइड मे हुआ तो वो काजल से जा टकराया…
मुझे जैसे कुछ याद सा आया, मैने आँखे खोल कर देखा, वो अभी तक गहरी नींद मे थी, खर्राटे मार रही थी और अभी भी उसकी टी शर्ट उसकी छातियो से काफ़ी उपर थी… मैने पायल दीदी की तरफ देखा, वो अपनी ही लगन मे डूबकर मेरे लंड को चूस रही थी…
दीदी की बात याद करके मुझमे थोड़ी हिम्मत आई कि काजल के साथ कुछ भी कर लो, उसे पता नही चलता… ये सोचते हुए मैने अपने काँपते हुए हाथ उसकी छाती पर लेजाकर रख दिए.
उसकी तरफ से कोई हलचल नही हुई… पर मेरा बुरा हाल हो गया… ऐसा लग रहा था जैसे मैने हाथ मे कोई रूई का गोला पकड़ लिया है… इतनी नन्ही और कोमल छातियाँ थी उसकी और निप्पल्स भी नन्हे -2 से थे, शायद सो रही थी इस वजह से ऐसे लग रहे थे.
पर जो भी था, उन्हे पकड़ने मे दुगना मज़ा मिल रहा था… शायद इसलिए भी क्योंकि काजल मुझे शुरू से ही सेक्सी लगती थी..
मन तो मेरा कर रहा था कि उसे भी अपनी तरफ खींच लूँ और उसके नर्म और मुलायम मम्मों को चूस कर उनका दूध पी जाउ… पर दीदी के सामने ऐसा करने के मतलब था कि उन्हे एक बार फिर से नाराज़ करना… वो तो उसके साथ बात करने को लेकर भी मुझे सुना चुकी थी, ऐसे मे उसके साथ भी मज़े करूँगा तो वो मेरा क्या हाल करेंगी… ये जो थोड़े बहुत मज़े मिल रहे है, उनसे भी हाथ धोना पड़ेगा..
पर अभी के लिए जो मैं कर रहा था, वो करता ही रहा… मैने अपना दूसरा हाथ नीचे लेजाकर पायल दीदी के बूब्स को पकड़ लिया… उनका बूब तो मेरे हाथ मे ऐसे आया जैसे मैने किसी बकरी का दूध से भरा थन पकड़ लिया हो… मेरा दूसरा हाथ अभी भी काजल की छाती पर ही था…
अब मैने धीरे-2 दोनो हाथों मे फँसे स्तनो को दबाना शुरू किया…
दोस्तो, इसे कहते है किस्मत, एक ही दिन मे, दोनो बहनो के बूब्स दबा रहा था मैं और दोनो को ही इस बात की जानकारी नही थी कि मैं इस वक़्त दोनो से मज़े ले रहा हूँ… काजल तो खैर सो रही थी, पर पायल दीदी भी लंड चूसने मे इतनी बिज़ी थी कि उनका मेरे दूसरे हाथ पर ध्यान ही नही गया..
पर जो भी था, मज़ा बहुत मिल रहा था… मैने महसूस किया कि मेरे लगातार मसल्ने से काजल के निपल धीरे-धीरे अकड़ने लगे है.. यानी नींद मे ही सही पर वो उत्तेजित हो रही है.
एक बार के लिए तो मुझे लगा कि वो जाग ना जाए पर उसके बूब्स को मसल्ते हुए ना जाने कैसा नशा सा चढ़ गया था मुझपर की मैं भी रिस्क लेते हुए उसके बूब्स को मसल्ने मे लगा रहा और दोनो बहनों के बूब्स मसल्ते हुए मेरे लंड मे एक अजीब सी खरीश होने लगी जो इस बात का संकेत था कि मैं कभी भी झड सकता हूँ…
|