RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
पायल दीदी तो पहले ही स्टाचु की गेम के ज़रिए मेरे करीब आ चुकी थी और अब ये काजल भी आने को तैयार थी.. मुझे बस हर दाँव सोच समझ कर चलना होगा ताकि किसी को कानो कान खबर ना हो कि हमारे बीच क्या चल रहा है..
पर शायद ये मेरी ग़लत फहमी थी कि काजल और मेरे बीच जो चल रहा था वो कोई समझ नही पा रहा था..
पायल दीदी को सब पता चल चुका था कि काजल सोने का नाटक कर रही है, क्योंकि उन्होने मेरे हाथ को उसकी चूत की तरफ जाते हुए देख लिया था और काजल के कसमसाते हुए जिस्म पर भी उनकी पेनी नज़र थी.
पर वो कुछ बोली नही, शायद भरी महफ़िल मे वो मुझे रुसवा नही करना चाहती थी..
काजल का चेहरा मेरे लंड से सिर्फ़ एक इंच की दूरी पर था, मैं तो सोच रहा था कि काश मैं इस वक़्त नंगा बैठा होता तो एक झटके मे अपने लंड को उसके मुँह मे ठूंस देता..
और आप यकीन मानो दोस्तो, मैं ये सोच ही रहा था और काजल ने जैसे मेरे मन की बात जान ली, उसने अपना मुँह खोला और कपड़े समेट मेरे लंड के निचले हिस्से को मुँह मे भरकर काट लिया.. दर्द सा हुआ, शरीर अकड़ भी गया, पर मुँह से कुछ निकाल नही पाया..
जय भैया का डर था.. पर काजल की हिम्मत की दाद देनी पड़ी मुझे..
फिर वो मेरे लंड को पजामे के उपर से ही ऐसे चूसने लगी जैसे इंग्लीश मूवीस मे दिखाते है और वो देख कर एक बात तो पक्की थी कि वो ये काम पहले भी कर चुकी है..
मैने जय की तरफ देखा, वो पूरी तरह से मूवी मे डूबकर उसे एंजाय कर रहा था.. पर जैसे ही मेरी नज़र पायल दीदी की तरफ गयी तो उन्हे अपनी तरफ ही घूरते हुए पाया..
उनकी नज़रें कभी मेरे चेहरे को और कभी काजल की जाँघो के बीच फँसे मेरे हाथ को देख रही थी, मतलब सॉफ था कि वो जान चुकी थी की मैं क्या हरकत कर रहा हूँ और उनकी आँखो मे जैसे यही सवाल था कि ‘ये क्या हो रहा है ?’
मैं घबरा गया, और मैने अपना हाथ वापिस खींच लिया.. काजल भी मेरे हाथ के हटने से सहम सी गयी, उसे लगा कि ज़रूर कोई देख रहा है, इसलिए उसने भी अपने मुँह से मेरे खूँटे जैसे लंड को बाहर निकाल दिया..
कुछ देर बाद वो जमहाई लेती हुई उठी और सभी को देख कर बोली : “आप लोग अभी तक मूवी देख रहे हो… मुझे तो पता ही नही चला कि मैं कब सो गयी…”
जय ने कुछ ध्यान नही दिया उसकी बात का, पर पायल दीदी बोली : “भाई की गोद मे सोने को मिलेगा तो गहरी नींद तो आएगी ही ना…”
बेचारी काजल कुछ ना बोल पाई.. मैने भी नज़रें घुमा ली…
मुझे पता नही चल पा रहा था कि दीदी को इस बात का बुरा लगा है कि मैं काजल के साथ भी वैसा खेल खेल रहा हूँ जैसा कि उनके साथ या फिर इस बात का बुरा लगा है कि उन्हे जलता हुआ छोड़कर मैं अपनी ही मस्ती मे लगा हुआ हूँ..
पर जो भी था, उन्हे गुस्सा तो आ ही रहा था.
कुछ ही देर मे मूवी ख़तम हो गयी और पायल दीदी के साथ काजल उनके रूम मे सोने चली गयी, जय भैया मेरे रूम मे आ गये और हम दोनो सो गये.
मैं काफ़ी देर तक पायल दीदी के गुस्से के बारे मे ही सोचता रहा, और आख़िर मे जाकर मैं इसी निसकर्ष पर निकला कि दीदी को इस बात का ही गुस्सा है कि मैं उन्हे अब अटेन्षन नही दे रहा और काजल के साथ लग गया हूँ.. इसलिए पहले मुझे दीदी को ही सॅटिस्फाइ करना पड़ेगा, वरना काजल के साथ कुछ करना तो पासिबल ही नही हो सकेगा..
मैने जय भैया के सो जाने का इंतजार किया, कुछ ही देर मे, थकान की वजह से उन्हे गहरी नींद आ गयी और मैं चुपचाप अपने रूम मे निकल कर दीदी के रूम की तरफ चल दिया.. वहाँ जाते हुए मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था कि कहीं किसी ने देख लिया तो मेरा क्या हाल होगा..
मैं धीरे से रूम मे घुसा, अंदर ज़ीरो वॉट का बल्ब जल रहा था, दीदी अपने मोबाइल मे कुछ चेक कर रही थी और उनकी बगल मे काजल बेसूध होकर खर्राटे मारती हुई सो रही थी..
दीदी की पीठ मेरी तरफ थी, मैने दरवाजे की चिटकनी बंद की और दबे पाँव उनके बेड तक गया और उनके पीछे जाकर लेट गया, उन्हे जैसे ही ये एहसास हुआ कि कोई उनके बेड पर आकर लेटा है तो वो घबरा गयी और जैसे ही वो चिल्लाने लगी मैने उनके मुँह पर हाथ रख दिया और उनसे लिपट कर बोला ”दीदी, मैं हूँ… राज…”
वो तो हैरान रह गयी मेरी ये हिम्मत देख कर, और फटी हुई आँखो से मुझे देखती हुई वो मेरी तरफ पलट गयी… और फुसफुसा कर बोली : “राज, तू… यहाँ क्या कर रहा है… कोई देख लेगा तो… जय भैया कहाँ है…”
मैं : “दीदी, वो भी काजल की तरह खर्राटे मारकर सो रहे है, 6 घंटे का सफ़र करके आए है दोनो, अब सुबह से पहले नही उठने वाले… और मैने ये दरवाजा भी अंदर से बंद कर दिया है, सो डॉन’ट वरी…”
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