RE: bahan sex kahani बहन की कुँवारी चूत का उद्...
ऐसी हालत मे देख कर तो उन्हे वापिस चला जाना चाहिए था, पर जो हरकतें वो कर रही थी उससे सॉफ पता चल रहा था कि वो कुछ सोचकर ही आई है.
वैसे इतना तो मैं भी कर ही रहा था उनके साथ जब वो स्टाचु बनकर किचन मे खड़ी थी, मैने भी तो उन्हे पीछे से हग किया था पर मेरे लंड की दबिश महसूस करके वो तो भाग गयी थी, लेकिन मैं ऐसा नही करने वाला था. मुझे तो देखना था कि आज ये खेल को कितना आगे ले जाती है.
पायल दीदी के चेहरे को इतने करीब से शायद मैने आज तक नही देखा था, एकदम चिकना, गोरा, बिना कोई दाग धब्बे का चेहरा था उनका, उनके पिंक होंठों से बड़ी अच्छी वाली स्ट्रॉबेरी लिपीसटिक की खुश्बू आ रही थी, उनके फड़फड़ाते होंठों को देख कर मन तो कर रहा था कि उन्हे दबोच लूँ, होंठों के उपर जो नन्हा सा तिल था उसे मुँह मे लेकर चूस लूँ.. पर मैं अपनी सीमा जानता था इसलिए कुछ नही कर रहा था.
पर एक चीज़ थी जो मेरी बात ना मानकर अपनी सीमा से बाहर हो रही थी… और वो थी मेरे लंड की लंबाई… जो पायल दीदी के आने के बाद ऐसे बढ़ने लगी जैसे जंगली बेल… और लंड का आकार बढ़ते-2 उनकी नाभि तक पहुँच गया और उसपर पड़ रहे दबाव से उन्हे सॉफ पता चल गया कि नीचे मेरा छोटा सिपाही क्या हरकत कर रहा है…
फिर उन्होने अपनी तरफ से पहल की, वो अपने पंजों पर खड़ी हो गयी… और धीरे-2 करके वो इतनी उपर तक आ गयी कि मेरा लंड अब उनकी चूत के ठीक सामने था… मेरी तो हालत खराब हो गयी उनकी इस हरकत को देख कर…
फिर उन्होने अपनी चूत को मेरे लंड पर रखकर ज़ोर से दबा दिया… और ऐसा करते हुए उनकी छातियाँ भी मेरे सीने से बुरी तरह से पिस गयी, जिसकी नर्माहट महसूस करके मेरी तो हालत खराब हो गयी, और ना चाहते हुए भी हम दोनो के मुँह से आह निकल गयी..
पर फिर उन्होने अपने जज्बातों पर काबू पाया और अपने पंजों को नीचे करके अपनी छूट को वाहा से हटा लिया, मैने चैन की साँस ली.
पर मुझे नही पता था कि ये चैन की साँस सिर्फ़ एक पल के लिए आई थी… क्योंकि उसके बाद जो दीदी ने किया उसे देख कर मेरी हालत खराब हो गयी.
उन्होने अपना एक हाथ सरकाते हुए सीधा लेजाकर मेरे लंड पर रख दिया… ये वो मौका था जब मैं ये गेम छोड़कर भाग जाना चाहता था पर ना जाने क्या हो गया था मुझे, मैं हिल भी नही रहा था…
पायल दीदी की साँसे भारी हो चली थी मेरे पप्पू को पकड़कर
वो बोली : “उम्म….. मेरा छोटा भाई अब बड़ा हो गया है…. देखु तो सही की कितना बड़ा हुआ है…”
इतना कहते हुए उन्होने भाई-बहन के रिश्तों की सारी सीमा लाँघ दी और मेरे अंडरवेर मे हाथ डालकर मेरे मचलते हुए लंड को कसकर पकड़ लिया..
”अहह क्या बात है छोटे.. सच मे अब तू बड़ा हो गया है…”
मैं तो खड़ा-2 काँप सा रहा था, ये मेरी लाइफ का पहला मौका था जब मेरे सिवा किसी और ने मेरे लंड को छुआ था, और वो और कोई नही मेरी सग़ी बहन पायल थी…
पर एक बात तो थी यारों, मज़ा बहुत मिल रहा था…
दीदी के कोमल हाथों मे आकर मेरे गर्म लंड को जैसे जन्मो का बिछड़ा साथ मिल गया हो… वो किसी पालतू कुत्ते की तरह कू-2 करते हुए दीदी के हाथों की गर्मी का मज़ा लेने लगा…
पायल : “एक बात तो माननी पड़ेगी भाई, तेरी कंट्रोल करने की पवर बड़ी जबरदस्त है… पर आज मैने भी कसम खाई है कि तेरी इस तपस्या को तोड़कर रहूंगी… लेट मी सी, तू कब तक इस गेम मे बना रहता है..”
इतना कहते हुए उन्होने मेरे अंडरवेर को पूरा उतार कर नीचे गिरा दिया..
अपनी बहन के सामने मैं इस वक़्त नंगा हो चुका था… सिर्फ़ एक टी शर्ट थी पर नीचे कुछ नही था एक मर्द के लिए वही तो सब कुछ होता है…
पर मेरी ज़िद की दाद देनी पड़ी दीदी को जब मैने नीचे से नंगा होने के बाद भी अपनी स्टाचु की पोज़िशन को नही छोड़ा..
पर उन्हे तो इस बात का ध्यान ही नही था, वो तो इस वक़्त मेरे नंगे लंड को देख कर अपनी पलके झपकाना भी भूल चुकी थी… शायद उनकी लाइफ का भी ये पहला लंड था जो वो इस तरह नंगा देख रही थी… ठीक वैसे ही जैसे मैने आज उनकी पुसी को देखा था.
वो धीरे-2 नीचे बैठ गयी… ठीक मेरे लंड के सामने और अपने दोनो हाथों से पकड़ कर वो मेरे लंड को उपर से नीचे तक, दाँये-बाए से, गोटियों को टटोलकर ऐसे देखने लगी जैसे इसके उपर कोई रिसर्च सब्जेक्ट का काम मिला है…
इस गेम को उन्होने कहाँ से कहाँ पहुँचा दिया था.
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