RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
ये सब सुरेश और काजल के लिए उम्मीद के बिल्कुल विपरीत था, पर जल्दी ही दोनों संभल गए और मौके की नज़ाकत को समझ गए. और यही वो वक़्त था जब काजल और सुरेश का डर मुस्कराहट में बदल गया.
बचपन में तीनों भाई बहन सबसे छुपा के खूब शरारत किया करते थे और अभी तीनों बिल्कुल वैसे ही महसूस कर रहे थे. जैसे ये उनके बचपन के खेल जैसा कोई सीक्रेट हो.
काजल ने धीरे से रमेश को जवाब दिया- जरूर भैया…
काजल ने नोटिस किया कि रमेश का लंड सुरेश के लंड से थोड़ा छोटा है, पर मोटा ज्यादा है, हालाँकि उन दोनों के लंड की लम्बाई का ये अंतर बहुत ज्यादा नहीं था, बस थोड़ा ही उन्नीस-बीस का था. वो अपने सामने दोनों भाइयों का लंड अपने ही लिए खुला देख कर बहुत ही रोमांचित हो उठी थी. उसको ये बात पागल किये जा रही थी कि आज उसको एक नहीं बल्कि दो दो लंड मिलने वाले हैं और वो भी अपने ही सगे भाइयों का पारिवारिक लंड मिलेंगे. उसकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था.
काजल उठी और रमेश की तरफ बढ़ी. उसने रमेश के लंड पर एक नज़र मारी और उसको बड़े प्यार से अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया. थोड़ा सा रमेश के लंड के साथ खेलने के बाद उसने अपने रसीले खूसूरत होंठ उसपे लगा दिए और उसको चूसना शुरू कर दिया.
अब जन्नत की सैर करने की बारी रमेश की थी. वो अपनी छोटी बहन जो हुस्न की परी थी, के मुँह में अपने लंड के होने से स्वर्ग का आनन्द ले रहा था. वैसे मयूरी से वो अपने लंड रोज़ ही चुसवाता था, पर अपनी ही छोटी बहन के मुँह से लंड चुसवाने की ख़ुशी का एक अलग मजा ही था.
वो धीरे धीरे सिसकारियां लेने लगा और काजल का सर पकड़ कर अपने लंड पर दबाने लगा. काजल को इससे कभी कभी अकबकाहट महसूस हो रही थी क्योंकि रमेश अपना लंड उसके गले तक डाल देता था, पर वो इस समय कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार थी.
इधर सुरेश ये सारा दृश्य बड़े प्यार और गौर से देख रहा था. अब तक उसका डर सामान्य हो चुका था, वो उठा और अपने बड़े भाई से बोला- भैया?
रमेश कामुक सिसकारियां भरते हुए बोला- ह.. हाँ भाई…
सुरेश- मैं काजल की चूत देख सकता हूँ प्लीज? मैंने आज तक किसी लड़की की चूत नहीं देखी.
रमेश- बिल्कुल… मैंने कब मना किया. तू चाहे तो इसकी चूत चाट भी सकता है. इसको भी मजा आएगा और तुझे भी. काजल, क्या तुमने कभी इसके पहले सेक्स किया है या किसी से चूत को चटवाया है?
काजल- नहीं भैया.
रमेश- मतलब तू अभी तक वर्जिन है? तेरी चूत की सील नहीं खुली अभी तक?
काजल- नहीं भैया. आप लोगों ने कभी किसी लड़के के नज़दीक जाने ही कहां दिया? मैं अपनी इस जवानी को जैसे तैसे झेल रही हूँ. कभी अपनी उंगली से कभी कलम से. एक बार गाजर से कोशिश किया था तो चूत छिल गई थी.. फिर नहीं किया.
रमेश- ओ मेरी बहना, तू चिंता ना कर. तेरी चूत की सील मैं ही तोडूंगा. हम दोनों भाई मिलके तुझे बहुत चोदेंगे. इतना चोदेंगे कि तेरी अभी तक की चुदाई की सारी ख्वाहिश पूरी हो जाएगी. सुरेश, तूने भी कभी चुदाई नहीं की है ना?
सुरेश- कहाँ भैया. अभी तक हाथ से ही काम चला रहा था.
रमेश ने हँसते हुए कहा- और पहला हाथ मारा भी तो अपने घर में ही? अपनी ही सगी बहन पर?
सुरेश रमेश के इस ताने से झेंप सा गया और हकलाने लग गया.
सुरेश- भैया वो… वो… वो…
रमेश- कोई नहीं मेरे भाई. ऐसा होता है कभी कभी. अब क्यों डर रहा है, अब तो मैं तेरे साथ हूँ. हम दोनों साथ में ही बहन की चुदाई किया करेंगे और हमेशा चुदाई किया करेंगे.
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