RE: Kamukta Story परिवार की लाड़ली
उसके अपने दोनों छोटे भाई बहन आपस में प्यार करने में लगे हुए थे, पर ये प्यार भाई बहन के प्यार की तरह बिल्कुल नहीं था. इस समय उसको ये सब बहुत ही अनुचित लग रहा था और ऐसा दृश्य देख के एकदम से रमेश को बहुत गुस्सा आया, पर वो इतने गुस्से की वजह से कुछ कह नहीं पाया.
पर तभी उसकी नज़र काजल की चूचियों पर गई, जो बड़ी थीं, गोल-गोल थीं और ब्रा के अन्दर अभी भी कैद थीं, पर बाहर आने को मचल रही थीं. काजल कमाल की रंडी लग रही थी. वो सुरेश का लंड चूसते हुए बहुत ही कामुक लग रही थी. थोड़ी देर तक इस नज़ारे को देखने के बाद रमेश का गुस्सा हवस में बदल गया. अब वो काजल को अपनी बहन से ज्यादा एक बहुत ही कामुक लड़की की नज़र से देख रहा था, जो अभी उसके छोटे भाई का लंड चूस रही थी.
उसका मन करने लगा था कि वो उठे और काजल को अपनी बाँहों में भर ले. उसके होंठों का रस चूस ले और उसकी गोल गोल चूचियों को पकड़ कर मसल दे. उसको चोद चोद कर उसकी चूत के चिथड़े चिथड़े कर दे. पर वो एकदम से ऐसा नहीं कर पाया.
वो जानता था कि अगर उसके दोनों भाई बहन को, जो इस समय वासना में लिप्त थे.. अगर रमेश के जाग जाने का एहसास भी हुआ तो वो डर जाएंगे. पर पता नहीं क्यूँ, अब वो उन दोनों को डराना नहीं चाहता था, विशेष रूप से काजल को. काजल के लिए उसके मन में अजीब सा प्यार पनप रहा था.
थोड़ी देर सोचने के बाद उसने धीरे से बोला- काजल…
रमेश की आवाज़ सुनते ही सुरेश और काजल भौंचक्के से रह गए. दोनों काफी डर गए. अब इनको काटो तो खून नहीं था. काजल ऊपर से आधी नंगी सी थी, उसकी दोनों चूचियां ब्रा के अन्दर से साफ़ नज़र आ रही थी और वो अपने ही भाई का लंड चूसते हुए पकड़ी गई थी.
इधर सुरेश का भी बुरा हाल था. उसकी पैंट आधी खुली हुई थी, लंड उसकी अपनी सगी बहन के मुँह में था. डर के मारे उसका लंड छोटा सा हो गया.
रमेश बिल्कुल यही उम्मीद कर रहा था. उसने माहौल को सामान्य करने के ख्याल से धीरे से फिर बोला- काजल..
काजल- ह.. हाँ भैया..
रमेश- काजल, घबराओ मत. लेकिन एक बताओ.. सिर्फ अपने छोटे भाई को ही अपना प्यार देगी. बड़े भाई ख्याल नहीं करेगी क्या? जरा मेरा भी लंड चूस दे मेरी प्यार बहना..
और ऐसा कहते हुए रमेश ने भी अपना पैंट ऊपर से आधा खोल दिया, उसका फनफनाता हुआ लंड बाहर निकल गया.
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