RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
धीरे-धीरे अजय का लण्ड पुरे जोश में आ गया और दनादन गुलाबी की बुर पर आक्रमण करने लगा । फॅक फॅक फ़च फ़च की आवाज के साथ
अजय का लण्ड गुलाबी की बुर को चीरता हुआ घूसने लगा और निकलने लगा।
चोदते, - चोदते इतना जोश आ गया कि अजय को कि पूछिये मत ! वह अपना चूतड़ उछाल-उछाल कर गुलाबी की बुर पर आक्रमण करने लगा ।
'' बहुत मस्ती छा रही है लण्ड पे '' गुलाबी ने पूछी?
''हां बहुत ।। | ''
'' तो ठीक है चोदते चले जाइये ।''
अजय ने चोदने की रफ्तार बढ़ा दी और उसके लण्ड का जोश बढ़ता जा रहा था। उसने कसकर पकड़ लिया । औरत को और शानदार ढंग से चोदने
लगा। दोनों की झांटें आपस में टकरा जाती थी । जब लण्ड बुर में पुरा का पुरा घुस चुका होता था । झाट न होती तो हड्डियां टकराती आपस में ।।
| लेकिन थोड़ी देर के बाद ही लण्ड गरमा-गरम वीर्य उगलने लगा गुलाबी की बुर में । और गुलाबी की बुर ने वीर्य को पीना शुरू कर दिया । वीर्य को
उगलते ही अजय का लौड़ा ठण्डा पड़ गया। और अजय भी सुस्त पड़ गया ।
''हट ना यार अब काहे को गुलाबी पर पड़ा है। तुम्हारे लौड़ा ने तो जवाब दे दिया। अब हमें चोदने दो ।'' संजय ने अजय को हिलाते हुए कहा।
यह सुनकर अजय धीरे से उठा और नीचे बैठकर अपने लण्ड को कपड़े से पोछने लगा। संजय लपका गुलाबी की बुर की ओर ।। पास जाकर उसने
तुरंत खुद को चोदने की पोजिशन में किया और गुलाबी की कमर को पकड़कर अपना लौड़ा पेलने लगा दे दनादन दे दनादन और गुलाबी की बुर में कुछ ही मिन्टों में मुकेश का लौड़ा भी गरम-गरम वीर्य उगलने लगा गुलाबी की बुर के अंदर और बुर पी गया मुकेश के लौड़ा के वीर्य को भी । इसके साथ ही मुकेश का लौड़ा भी खामोश हो गया और वह धीरे से उतर कर नीचे संजय की बगल में बैठ गया और अपने लौड़ा को पोछने लगा। । अब आखिरी बारी आयी राज की । मुकेश के हटते ही राजु ने गुलाबी को अपनी बाहों में जकड़ लिया और सीधे उसकी बुर में अपना लौड़ा पेल दिया । गुलाबी की बुर भी दुबारा बहुत गरम हो चुकी थी, इसलिए उसने भी राजु को अपना बाहों में जकड़ लिया।
गुलाबी के रसीले होठ चुसते हुए राजु बड़े प्रेम से उसकी गीले बुर को पेलने लगा। गुलाबी भी राजु के होठों को चूसने लगी तथा बुर को उचका-उचका
कर राजु के लौड़ा से चुदवाने लगी । । धीरे-धीरे राजु के लौड़ा की रफ्तार बढ़ने लगी तो औरत की बुर की रफ्तार भी बढ़ने लगी । किसी प्रकार की कोई हड़बड़ी नहीं थी रफ्तार बुर और लैडा की अपने आप बढ़ती जा रही थी। - थोड़ी देर में राजु के लौड़ा की रफ्तार बढ़ गयी तो औरत ने भी अपनी
बुर की रफ्तार बढ़ा ली। गुलाबी की चुचियों को भी राजु खूब जोर-जोर से मसले जा रहा था, जो बुर की रफ्तार को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहा था
'' दुबारा मस्ती आ रही है या नहीं ?''
'' बिना मस्ती के लौड़ा कभी भी बुर को चोदता ही नहीं है । '' बोला राजू-
'' जमकर चोदिए । हल्का चुदायी पसंद नहीं हैं ?''
'' नहीं बिल्कुल नहीं । ''
'' ठीक है अभी देखिए ''
इससे राजू ने दुबारा ताकत लगा दी अपने लौड़ा के पीछे ताकि गुलाबी की बुर को भरपुर सन्तुष्ट मिले ! बड़ी तेजी से उसका लंड बुर में घुसने और
निकलने लगा । मस्ती की सीमा रेखा करीब आने लगी बुर और लौड़ा दोनों की ।।
करीब पांच मिनट तक यह जोरदार चुदाई चलती रही। उसके बाद बुर और लौड़ा दोनों ने एक ही साथ आत्म समर्पण कर दिया। राजू के लौड़ा से
गरमा-गरम वीर्य निकलने लगा और गुलाबी का बुर भी खलासे होने लगा।
खलास हो जाने के बाद कुछ देर तक राज औरत के शरीर पर यूं ही पड़ा रहा और उठकर नीचे उतर गया और अपने लण्ड को पोंछने लगा
'' और एक दौर चलेगा चुदाई का या अब सोया जाये'' औरत पूछी।
'' अब सोया जाये ।'' सबों ने एक साथ उतर दिया क्योंकि सब थक गये थे। उसके बाद सब लोग सो गये चौकी पर तथा औरत चली गयी दुसरी झोपड़ी में । ।
सुबह पेट्रोल मंगवा लिया गया । नास्ता करने के बाद चारों दोस्त चलने लगे तो उनलोगों ने गुलाबी का शुक्रिया अदा किया और उसे बेहतर मेहमानवाजी के लिए पांच सौ रुपये देने चाहे लेकिन औरत ने लेने से बिल्कुल इंकार कर दिया और बोली-मेहमानों से कभी पैसे नहीं लिए जाते हैं । |
बहुत जिद करने के बाद भी गुलाबी नहीं मानी और इतना आग्रह की कि. जब भी इधर से गुजरियेगा तो एक बार जरूर मिल लीजिएगा । अंत मे मारूती कर चल पड़ी चारों दोस्तों को लेकर ।
दोस्तो ये कहानी यहीं समाप्त होती है फिर मिलेंगे एक और नई कहानी के साथ , आपका दोस्त राज शर्मा
समाप्त,
|