RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
अब राजु अकेला था गुलाबी के लिए और गुलाबी भी अकेली थी राजु के लिए । राजु ने तपाक से गुलानी को अपनी बाहों में भर लिया। और उसके रसीले होठों को चूमने लगा।
होठों को चूमते-चुमते ही उसने अपने शरीर की बुर चोदने की पोजीशन में ले आया ।
''आपका लंड कितना ताकतवर है?''
'' यह तो अभी आपको पता चल जाएगा । ''
''अब हम दो ही हैं मैदान में । ''
''अच्छा है कि आखिरी बारी मेरी है।''
'' ऐसा क्यों ?''
'' इसलिए कि मेरा लंड ही आपके बुर की गरमी को शांत करेगा '' राजु बोला । -
'' हां यह बात तो सही है। ''
राजू ने बिना कोई निशाना बनाए बिना औरत की बुर को विचकाए और बुर के छेद को टटोले पुरी ताकत के साथ एक जोरदार आक्रमण किया अपने
मस्ताने लण्ड से । राजु का लण्ड बिना किसी हिचकिचाहट के गुलाबी की बुर की चीरता हुआ तपाक से अंदर पुरा का पुरा घुस गया ।
'' वाह ! आपका तो पहला शाट ही जोरदार है। मेरे राजा आझ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह''
'' अभी और शॉट देखिए ।'' यह कहकर राज ने गुलाबी की दोनों चुचियों को कसकर पकड़ा और दनादन शॉट लगाने लगा । एक चूची को उसने अपने मुंह में ले लिया और दुसरी के निप्पल को वह हाथ से मसलने लगा। -
गुलाबी ने भी राजु को अपनी बांहों में जकड़ लिया और उसे चुमने लगी । चुमते हुए वह भी अपनी बुर को उछल-उछला कर राजु के लण्ड के जोरदार हमलों का जबाव देने लगी।
चूंकि अब कोई लण्ड बाकी नहीं था । यह आखिरी लण्ड था इस लिए गुलाबी ने अपनी बुर को भी पूरी रफ्तार में खुला छोड़ दिया चुदवाने के लिए ।
ताकि राजु के लण्ड के साथ ही उसकी बुर भी खलास ही जाए ।
'' मस्ताना लण्ड है न मेरा ?'' पूछा राजु ने -
''हां बहुत जानदार है। ''
''चूदायी अच्छी है न । ''
''लण्ड को थोडा बाहर निकाल निकाल कर पेलिए न । ''
यह सुनकर राजु अपने लण्ड को चूत से बाहर निकाल करीब पांच छह इंच बाहर ले जाता और तब फिर आक्रमण करता ।
'' हां यह चुदायी अच्छी है । ''
''ठीक है। ''
करीब 5 मिनट तक राजु के लंड और गुलाबी की बुर में धमासान लड़ाई चलती रही । और धीरे-धीरे लण्ड और बुर दोनों जोश और उतेजना की सीमा रेखा के पास पहुंचने लगे।
राजु ने गुलाबी के गाल में दांत से काट लिया । गुलाबी भी राज की गाल में दांत से काट ली । बहुत गर्मी में आ चुकी थी गुलाबी की बुर और राजु का लंड । दोनों की मस्ती में ये मस्त चुदाई चल रही थी । दोनों एक दूसरे से बुरी तरह लिपटे हुए थे । एक-दूसरे को अपनी बांहों में जकड़े हुए थे । |
;''ओह...आह...मजा....आ...रहा ...है पेलिए.....ओर पेलिए........लंड को....खूब.....पेलिए ....मस्ती.....में....है....मेरी....बु.र....। '' गुलाबी के मुँह से उत्तेजना से भरपूर आवाज़ें निकलने लगी । इसके साथ ही उसका बुर खलास होने लगा । और तभी राजु का लंड भी गरम गरम वीर्य उगलने लगा। दोनों एक ही साथ खलास हो गये। ।
कुछ देर तक राजु गुलाबी की देह पर ही पड़ा रहा। दोनों की.. सांसे धीरे-धीरे थम रही थी- फिर राजु भी गुलाबी की देह पर से उतर गया और अपने लण्ड को पोछने लगा ।
''अब बताइए कि कैसा रहा, यह कार्यक्रम ।'' गुलाबी पुछी सभी से ।
'' बहुत ही अच्छा, बहुत शानदार ? '' सभी ने एक साथ में कहा।
''क्या और बुर चोदने का इरादा है। आपलोगों का ?''
'' चोदेगें तो जरूर लेकिन शराब का एक दौर पहले चल जाये तो अच्छा है मुकेश ने कहा ।''
'' तो चला दीजिए ।''
मुकेश ने दुसरी बोतल निकाल ली और चौकी पर बैठकर सब लोग जाम से जाम टकराने लगे । किसी के शरीर पर कोई कपड़ा नही था । बिल्कुल मारदजात नंगे थे सब के सब । मश्ती से पैग पर पैग पीने लगे और बचा हुआ मुर्गा खाने लगे ।
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