RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
"" और स्पीड बढाउं क्या ?""
"" अगर बढ़ा सकते हो तो बढ़ा ही दो ।। | ""
यह सुनकर संजय ने अपने लंड की रफ्तार बढ़ा दी । उसके लंड कि रफ्तार इतनी बढ़ गई कि उससे ज्यादा बढ़ाना अब संजय के बश के बाहर की बात थी ।
""तुम जितना चोद सको, चोदो । ""
""पीछे हमलोग भी हैं शहरी लंड का परिचय पहाड़ी बुर को देने के लिये ।"" मुकेश बोला ।
""वाह शहरी बाबू वाह । "" औरत के मुंह से निकला,"" क्या रफ्तार है चोदने की । मेरा बुर तुम्हारे लंड को धन्यवाद दे रहा है मस्ती में झूमते हुये ।"" चुदाई के नश में झूमती हुई औरत बोली ।।
""मस्ती आ रही है ? ""संजय पूछा ।
""हां, मस्ती आ रहा है "" औरत ने बोला।
""आपकी बुर को कोई कष्ट तो नहीं ?""
"" नहीं-नहीं कष्ट कैसा ?""
""बहुत मजा आ रहा है ?""
"" हां मजा आ रहा है पहाड़ी लंड से ज्यादा या कम । ""
""ज्यादा !""
"" ऐसा क्यों ? ""
""आपके लंड की रफ्तार का कारण । ""
""यह रफ्तार पहाडी लंडों में नहीं होता ।।""
""होती है लेकिन इतना नहीं। ""
""और रफ्तार बड़ा दें।""
"" अगर सम्भव हो तो बढाइये ।""
यह सुनकर संजय ने अपना लंड की रफ्तार को और बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन रफ्तार की सीमा खत्म हो चुकी थी इसलिए और बढ़ाना सम्भव नहीं था।
लंड और बुर का जबरदस्त मुकाबला चल रहा था जिसमें लंड की रफ्तार बहुत अधिक थी और बुर की कम । बिल्कुल मशीनी अंदाज में संजय का लंड औरत की बुर में घुस रहा था और निकल रहा था अंदर से बाहर निकलते ही तपाक से उसका लंड औरत की बुर में विलीन हो जाता है । | औरत का बुर भी बड़ा प्रसन्न हो रहा था इस शानदार चुदाई से मस्त होकर ।
अजय चुपचाप इस शानदार चुदाई को निहारे जा रहा था। क्योंकि उसकी बारी फिलहाल समाप्त हो चुका था ।।
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