RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
गुलाबी को भी चुदवाने में खुब मजा आ रहा था । उसका मन इसी तरह की चुदाई चाहता भी था । कमजोर चुदाई औरत की बुर को पसंद नहीं थी
इसलिए.कमजोर मर्दो की ओर औरत की नजर भी नहीं जाती थी । जितनी ताकवर औरत की बुर होती है उतना ही ताकतवर वह मर्द का लण्ड भी
खोजती है ।
तगड़ा लंड पाने की तलाश में ही गुलाबी ने अपने लिए पति चुना था । अपने पति को पति बनाने से पूर्व यह आठ-दस बार उसके लंड से चुदवाकर
देख ली थी कि उसके लण्ड में उसकी बुर को परास्त करने की क्षमता है या नहीं, क्योंकि जीवन भर का सवाल था ।।
''और चोदिए, जमकर चोदिए । दिखा दीजिए की शहरी लण्ड में भी ताकत होती है पहाड़ी बुर को पछाड़ने की। पहली बार में शहरी लंड से चुदवा रही हूं। अभी तक तो पहाडी लंड से ही पाला पड़ा। था । औरत ने बोला ।
यह सुनकर संजय को और जोश आ गया और उसने अपने लण्ड के पीछे और ताकत लगा दी ताकि गुलाबी को यह अहसास न हो कि शहरी बाबु केवल उपर से देखने में जोशीले नजर आते हैं, और उनके लण्ड में कोई ताकत होती हो नहीं। जमकर चोदना और औरत की बुर को संतुष्ट करना
संजय के लिये प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया। ।
खुब जोर-जोर से धक्के मारते हुए संजय ने पुछा गुलाबी से, '' कैसी हो रही है आपकी बुर की चुदाई । आपकी बुर के लायक चुदाई हो रही है । या नहीं।''
'' हां हां, आपका लंड तो मस्ती में चोद रहा है मेरी बुर को। और ताकत हो आपके लंड में तो दिखाइए । शायद ऐसा मौका फिर न मिले। '' औरत बोली
यह सुनकर संजय ने अपनी पूरी ताकत लगा दी अपने लंड के पीछे । अपने लंड की प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए क्योंकि सवाल उसके लंड की प्रतिष्ठा का ही नहीं था ।। सभी शहरी लोगों के लंड की प्रतिष्ठा का सवाल था । वह नहीं चाहता था कि शहरी लंड की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल जाए । * इतनी तेजी से संजय का लंड औरत के बुर में आ जा रहा था । कि ऐसा लग रहा था कि संजय के लंड में कोई स्पींग फैट कर दिया हो जिससे उसका लंड टकटटकट औरत के बुर में घुस रहा है और निकल रहा है। |
लंड और बुर की लड़ाई में चचचच की आवाज निकलने लगी क्योंकि औरत का बुर बहुत गीला था । पुरी मस्ती में संजय टूटे पड़ा था औरत के बुर पर । इस वक्त अगर औरत कि बुर के उपर बड़े-बड़े घने झांट न होते तो संजय और औरत की हड्डियां टकराती खूब जोर से ।। | औरत की बुर के उपर घने झांट इस वक्त गदा का काम कर रहे थे नहीं तो बुर के उपर की हड्डी और लंड के उपर को हड्डी दोनों में खुब टकराव होता । और तब संजय के लिए इतने जोर-जोर से औरत के बुर में धक्के मारना सम्भव भी नहीं होता ।।
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