RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
'' हां शहरी बाबू मेरी बुर में तो रास्ता आपके दोस्त ने ही बना दिया है। अब दिल खोलकर अपना लण्ड पुरी मस्ती में पेलते जाइये । सीसियाते हुए गुलाबी बोली। |
यह सुनते ही संजय दनादन औरत की बुर में अपना लण्ड पेलने लगा। और औरत ने मुकेश के लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और चूमने लगी । मुकेश और राजु उसकी बड़ी-बड़ी चुचियों को मसलने लगे . मुकेश की मन हो रहा था कि वह संजय की हटाकर अपने लण्ड को पेल दे औरत की
बुर में, लेकिन उसने किसी तरह अपने लण्ड को काबू में रखा । राजु का लण्ड भी धमाल मचा रहा था चूत चोदने के लिए लेकिन उसके पास भी धैर्य रखने और अपनी बारी का इंतजार करने के सिवा कोई रास्ता नहीं था ।।
सुस्त पड़ा अजय चुपचाप देख रहा था । संजय को चोदते हुये । उसका लंड अब सिकड़कर छोटा हो गया था। लग रहा था जैसे उसका लंड मर गया हो ।* अजय की चलती सांस अब धीमी होने लगी थी । मुकेश और राजु कभी उसकी चुचियों को मसलते तो कभी उसकी चुचियों में दांत से काट लेते तो कभी चुचियों में नाखुन गडा देते । इन दोनों से भी अपने लंड के जोश को रोकना बड़ा कठिन हो रहा था । | गुलाबी की बुर भी बहुत गरम हो रही थी,
लेकिन उसे अभी दो और लंड की गरमी उतारनी थी । इसलिए गुलाबी अपनी बुर को नियंत्रण में रखी हुई थी ताकि उसकी बुर मुकेश और राजु के
लंड को खलास किये बिना ही न खलास हो जाय । । ।
संजय के लंड ने भी रफ्तार पकड़ ली । गुलाबी की बुर के अन्दर का रास्ता तो बहुत ही गीला था इसलिए उसका लंड बड़े आराम से उसकी बुर में घुस
रहा था और निकल रहा था । पुरी मस्ती में संजय डाले जा रहा था गुलाबी की बुर में ।
'' क्या शहरी बाबू, मजा आ रहा है न चोदने में मेरी बुरिया को ।। '' गुलाबी पूछी संजय से ।
'' बुर चोदने में भी अगर मजा नहीं आएगा तो मजा आएगा किस काम में। किसी भी मर्द के लिए इससे ज्यादा आनन्दायक काम दुनिया में है ही नहीं ।'' संजय ने जबाव दिया । ।
'' ठीक है तो आप भी अपने लंड की ताकत को दिखला ही दीजिए मुझे भी देखना है कि आप चारों दोस्तों में से किसका लंड सबसे तगड़ा और दमदार है ?'' गुलाबी मुस्कुराते हुए बोली ।। ।
यह सुनकर संजय को ओर जोश आ गया क्योंकि उसके लंड की प्रतिष्ठा का सवाल उत्पन्न हो गया। उसने मन ही मन सोच लिया। कि किसी भी कीमत पर उसे अपने लड की प्रतिष्ठा बचानी है, ताकि गुलाबी यह न समझ ले कि संजय का लंड अन्य मित्रों के लंड की तुलना में कमजार है । इसलिए वह और जोर-जोर से गुलाबी की बुर में धक्का मारने लगा। । प्रत्येक धक्के के साथ संजय का लंड फ़चाक से गुलाबी के बुर में घुस जाता और फिर तुरंत ही बाहर भी निकल जाता । बाहर निकलते ही उसका लण्ड फिर से गुलाबी की बुर पर हमला कर देता ।। काफ़ी तेजी से संजय का लंड गुलाबी की बुर
पर हमला किये जा रहा था ।
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