RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
गुलाबी की बुर के पानी का नमकीन स्वाद संजय को बड़ा प्यारा लग रहा था । बुर चाटते चाटते एक बार संजय ने गुलाबी की बुर में हौले से दांत से
काट लिया तो गुलाबी के मुंह से निकला, ईश आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....!
'' ई का करत प्यारे शहरी बबुआ हमरी बुरिया को खाना है का '' गुलाबी अपनी चूत को संजय के मुँह पर दबाते हुए सिसकी
इधर बुर चाटते-चाटते जब संजय को अपने लण्ड को काबू में रखना मुश्किल हो गया तो उसने गुलाबी की बुर को बिचकाया और अपने
लण्ड को बुर के छेद के पास रखकर धक्का लगाने लगा। ।
तभी मुकेश ने संजय का हाथ पकड़ा और बोला, इतना हडबड काहे करते हो बुर चोदने के लिए। अभी पुरी रात पड़ी है, जितनी मर्जी हो चोदना न, गुलाबी का बुर भागा थोड़े ही जा रहा है । चल हटो, इधर आओ । अब तुम गुलाबी की चुची पकड़ो और मैं उसका बुर चाटता हूं। हम भी जरा इसके बुर का स्वाद ले ले ।।
संजय अपने लण्ड को गुलाबी की बुर के पास से हटाना नही चाहता था क्योंकि उसका लण्ड गुलाबी की बुर को गाड़ देने के लिए बेताब हो रहा था, कर भी क्या सकता था मुकेश की जिद के कारण उसने अपने लण्ड को गुलाबी की बुर के पास से हटा लिया और गुलाबी की मस्त चुचियों में उलझ
गया । गुलाबी उसका लंड अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी । जोश में आकर संजय ने बड़े जोर से गुलाबी की एक चुची को दबा दिया ।
ईश.अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हाइईईईईईईईईईईईईईईईई....। गुलाबी के मुंह से निकला और वह अजय के लण्ड को अपना मुंह से
निकालकर बोली,
''क्यों शहरी बाबु आपका लण्ड कुछ ज्यादा ही जोश में आ गया है क्या ? ''
'' हां गुलाबी, मेरा लण्ड अब तुम्हारी बुर को चोद चोद कर वेहाल कर देना चाहता है'' संजय बोला । ।
''मेरे लण्ड काभी यही हाल है गुलाबी, उसे चुस-चुस कर आपने और भी भड़का दिया है। इच्छा होता है कि आपके मुंह में ही चोदने लगू लेकिन करू
तुम्हारे दांत मेरे लण्ड में गढ़ेंगे । इसलिए लाचार हूं अन्यथा आपके कण्ठ में ही घुसा देता '' अजय बोला ।।
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