RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
तभी संजय ने अपना लण्ड गुलाबी के मुंह की ओर बढिया तो गुलाबी उसके लण्ड को मुंह में लेकर चूसने लगी और गुलाबी की बुर को अजय चुमने लगा । गुलाबी की एक चुची मुकेश के हाथ में थी तो। दूसरी चूची राजु के हाथ में । दोनों प्रेम पुर्वक अपने-अपने हिस्से में आई चुचियों को सहला रही थे बीच-बीच में हौले हौले मसल भी रहे थे।
चारों मर्दों को सचमुच में एक अकेली औरत सम्भाल ली थी और चपर शॅपर कर के बड़े प्रेम से अकेली औरत पर लगे हुए थे। मस्ती चारों ओर से आ रही थी और वह औरत यानी गुलाबी तो मस्ती में थी ही ।
कोई दूसरी औरत होती तो चार-चार मर्दो के साथ एक बार चुदवाने को तैयार ही नहीं होती, क्योंकि चार मर्दो से एक साथ चुदवाना कोई आसान काम नहीं है। गुलाबी की बुर के उपर बड़े-बड़े घने झांट थे क्यूँकि गुलाबी अभी तक की उमर में कभी भी अपने झांट को सॉफ की ही नहीं थी .
अजय को गुलाबी की बुर को चाटने में बड़ा मजा आ रहा था । बुर, का नमकीन स्वाद अजय को बड़ा अच्छा लग रहा था । बुर चाटने के साथ ही वह
गुलाबी की। मोटी-मोटी जांघों को भी प्रेम से सहला रहा था सहलाते सहलाते वह कभी उसकी जांघ में चिकोटी भी काट लेता था ।
गुलाबी की दोनों चुचियाँ बहुत बड़ी-बड़ी थी एकदम बेल के समान लेकिन बहुत ही मुलायम और बहुत ही आकर्षक । इसलिए मुकेश और राजु बड़ी
मस्ती के साथ उसकी एक-एक चुची में उलझे थे। मुकेश और राजु ने अपने दोनों हाथो से गुलाबी की एक-एक चुची थाम रखी थी ।
संजय गुलाबी की कमर, पेट आदि को सहला रहा था । बड़ी चिकनी थी, गुलाबी नंगी देह और संजय के हाथ फिसल रहे थे, औरत उधर बुर चाटने में
मस्त था अजय ।
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